नई दिल्ली: एयरोसिटी में पांच सितारा होटल में पार्टनर बनाने के नाम पर कनाडा के एक कारोबारी से ठगी का मामला सामने आया है. पार्टनर बनाने के लिए जालसाज ने कारोबारी की कनाडा स्थित 11 प्रॉपर्टी ले ली. इन्हें गिरवी रखकर उसने करोड़ों रुपये का लोन भी ले लिया, लेकिन पीड़ित कारोबारी को ना होटल मिला और ना अपनी प्रॉपर्टी. इस फर्जीवाड़े में पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है.
अतिरिक्त आयुक्त आरके सिंह के अनुसार कनाडा के रहने वाले एक व्यक्ति ने आर्थिक अपराध शाखा को शिकायत दी थी. उन्होंने बताया था कि विकासपुरी में रहने वाले राजकुमार खत्री ने उनके साथ धोखा किया है. उसने खुद को ऑल इंडिया हैंडीक्राफ्ट एसोसिएशन का प्रेसिडेंट बताया और उनकी 11 प्रॉपर्टी ले ली. आरोपी ने उन्हें बताया कि वह एयरोसिटी में फाइव स्टार होटल बना रहा है. इसमें उन्हें पार्टनर बनाने की बात कही गई. डीडीए की जमीन और होटल के फर्जी दस्तावेज दिखाकर उन्हें आरोपी ने अपने जाल में फंसाया. जब वह भारत आए तो उन्हें बताया गया कि यह होटल किसी और शख्स को बेच दिया गया है. उन्हें रुपये लौटाने की बात कही गई, लेकिन रुपये वापस नहीं मिले.
पढ़ें: हेरोइन तस्करी के मामले में बरेली के 2 भाई गिरफ्तार, केमिकल एक्सपर्ट हैं आरोपी
इस बाबत आर्थिक अपराध शाखा ने मामला दर्ज किया है. एसीपी वीरेंद्र सजवान की देखरेख में एसआई शिखर चौधरी और रामकेश ने मामले की जांच शुरू की. इस दौरान पुलिस को पता चला कि 2012 में उनके बीच समझौता हुआ था. इस समझौते के तहत आरोपी ने उन्हें पांच सितारा होटल के 50 फीसदी शेयर देने की बात कही थी. इसके बदले पीड़ित ने उन्हें अपनी कनाडा की 11 प्रॉपर्टी देने की बात कही थी. वह उन्हें 2012 में कंस्ट्रक्शन साइट पर भी लेकर गया था और फर्जी डीडीए के दस्तावेज भी दिखाया. आरोपी ने इस फर्जीवाड़े के लिए रूहानी कंस्ट्रक्शन नाम से एक कंपनी खोली और पीड़ित की 11 प्रॉपर्टी इस कंपनी के नाम पर ट्रांसफर करवा ली.
पढ़ें: उत्तराखंड घूमने गई फैमिली, घर से 50 लाख से ज्यादा की ज्वेलरी और लाखों का कैश चोरी
कनाडा में इस प्रॉपर्टी को गिरवी रखकर आरोपी ने करीब 5 करोड़ रुपये का लोन ले लिया था, जबकि इस होटल में किसी भी प्रकार का हिस्सा आरोपी के पास नहीं था. इस बाबत मामला दर्ज कर पुलिस टीम ने उसकी तलाश शुरू की. आरोपी ने कोर्ट से बेल खारिज होने पर अपना मोबाइल बंद कर लिया और वह केवल व्हाट्सएप का इस्तेमाल कर रहा था. पुलिस टीम ने उसके बारे में जानकारी जुटाई और आखिरकार उसे जनकपुरी से गिरफ्तार कर लिया. पुलिस इस फर्जीवाड़े को लेकर पूछताछ कर रही है.