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लोन के नाम पर एनबीएफसी से दो करोड़ की ठगी, पांच साल बाद हुए गिरफ्तार

प्रॉपर्टी को गिरवी रख दो करोड़ रुपये का लोन लेने वाले जालसाजों को आर्थिक अपराध शाखा ने गिरफ्तार किया है. यह प्रॉपर्टी पहले से ही एक बैंक के पास गिरवी रखी हुई थी. इसके बावजूद आरोपियों ने धोखे से दूसरे बैंक के पास इस प्रॉपर्टी को गिरवी रख कर दो करोड़ रुपये का लोन ले लिया था. पांच साल से फरार चल रहे दोनों आरोपियों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है.

Delhi Crime News
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Published : Jun 4, 2022, 2:08 PM IST

नई दिल्ली: प्रॉपर्टी को गिरवी रख दो करोड़ रुपये का लोन लेने वाले जालसाजों को आर्थिक अपराध शाखा ने गिरफ्तार किया है. यह प्रॉपर्टी पहले से ही एक बैंक के पास गिरवी रखी हुई थी. इसके बावजूद आरोपियों ने धोखे से दूसरे बैंक के पास इस प्रॉपर्टी को गिरवी रख कर दो करोड़ रुपये का लोन ले लिया था. पांच साल से फरार चल रहे दोनों आरोपियों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है.

संयुक्त आयुक्त छाया शर्मा के अनुसार एक हाउसिंग फाइनेंस लिमिटेड द्वारा पुलिस को शिकायत की गई थी. इसमें बताया गया कि उन्होंने दो करोड़ रुपये का लोन ओम प्रकाश सिंह को दिया था. उसने बताया कि वह जंगपुरा एक्सटेंशन स्थित 200 गज की प्रॉपर्टी को खरीद रहा है. 6 नवंबर 2017 को उसने लोन के लिए आवेदन किया था. उसने बताया था कि अमरजीत सिंह से वह इस प्रॉपर्टी को खरीद रहा है. 22 दिसंबर 2017 को उसे यह लोन दिया गया. कुछ समय तक उसने लोन की किश्त चुकाई, लेकिन इसके बाद किश्त चुकाना बंद कर दिया.

वह जब उस प्रॉपर्टी पर पहुंचे तो वहां पर उन्हें गार्ड मिला जो पंजाब नेशनल बैंक ने रखा हुआ था. वहां से पता चला कि यह प्रॉपर्टी उनके पास गिरवी है. इस शिकायत पर मामला दर्ज कर छानबीन शुरू की गई. पुलिस को पता चला कि पंजाब नेशनल बैंक से भी आरोपियों ने दो करोड़ रुपये का लोन लिया था. यह लोन नहीं चुकाने के चलते पंजाब नेशनल बैंक ने उस पर कब्जा किया है. अमरजीत सिंह को अदालत ने इस मामले में भगोड़ा घोषित कर रखा है. पुलिस को पता चला कि शिकायतकर्ता द्वारा भेजी गई 1.54 करोड़ रकम अमरजीत के एचडीएफसी बैंक में गए हैं. वहीं ओमप्रकाश के खाते में 46 लाख रुपये गए थे. एक गुप्त सूचना पर पुलिस टीम ने हाल ही में अमरजीत सिंह को पीतमपुरा इलाके से गिरफ्तार किया. उससे हुई पूछताछ के बाद ओमप्रकाश को भी पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है.

गिरफ्तार किया गया अमरजीत सिंह 12वीं कक्षा तक पढ़ा है. कारोबार में घाटा होने के चलते वह अजय शर्मा के संपर्क में आया जो फर्जी लोन देता था. अलग-अलग बैंक से लोन लेकर वह बैंक से ठगी करता था. दूसरा आरोपी ओमप्रकाश बीटेक और एमबीए की पढ़ाई कर चुका है. उसने नोएडा में अपनी एक कंपनी खोली थी. अपने कारोबार को बढ़ाने के लिए उसे रुपयों की आवश्यकता थी. इसलिए अमरजीत सिंह के साथ मिलकर उसने लोन का फर्जीवाड़ा किया.

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नई दिल्ली: प्रॉपर्टी को गिरवी रख दो करोड़ रुपये का लोन लेने वाले जालसाजों को आर्थिक अपराध शाखा ने गिरफ्तार किया है. यह प्रॉपर्टी पहले से ही एक बैंक के पास गिरवी रखी हुई थी. इसके बावजूद आरोपियों ने धोखे से दूसरे बैंक के पास इस प्रॉपर्टी को गिरवी रख कर दो करोड़ रुपये का लोन ले लिया था. पांच साल से फरार चल रहे दोनों आरोपियों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है.

संयुक्त आयुक्त छाया शर्मा के अनुसार एक हाउसिंग फाइनेंस लिमिटेड द्वारा पुलिस को शिकायत की गई थी. इसमें बताया गया कि उन्होंने दो करोड़ रुपये का लोन ओम प्रकाश सिंह को दिया था. उसने बताया कि वह जंगपुरा एक्सटेंशन स्थित 200 गज की प्रॉपर्टी को खरीद रहा है. 6 नवंबर 2017 को उसने लोन के लिए आवेदन किया था. उसने बताया था कि अमरजीत सिंह से वह इस प्रॉपर्टी को खरीद रहा है. 22 दिसंबर 2017 को उसे यह लोन दिया गया. कुछ समय तक उसने लोन की किश्त चुकाई, लेकिन इसके बाद किश्त चुकाना बंद कर दिया.

वह जब उस प्रॉपर्टी पर पहुंचे तो वहां पर उन्हें गार्ड मिला जो पंजाब नेशनल बैंक ने रखा हुआ था. वहां से पता चला कि यह प्रॉपर्टी उनके पास गिरवी है. इस शिकायत पर मामला दर्ज कर छानबीन शुरू की गई. पुलिस को पता चला कि पंजाब नेशनल बैंक से भी आरोपियों ने दो करोड़ रुपये का लोन लिया था. यह लोन नहीं चुकाने के चलते पंजाब नेशनल बैंक ने उस पर कब्जा किया है. अमरजीत सिंह को अदालत ने इस मामले में भगोड़ा घोषित कर रखा है. पुलिस को पता चला कि शिकायतकर्ता द्वारा भेजी गई 1.54 करोड़ रकम अमरजीत के एचडीएफसी बैंक में गए हैं. वहीं ओमप्रकाश के खाते में 46 लाख रुपये गए थे. एक गुप्त सूचना पर पुलिस टीम ने हाल ही में अमरजीत सिंह को पीतमपुरा इलाके से गिरफ्तार किया. उससे हुई पूछताछ के बाद ओमप्रकाश को भी पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है.

गिरफ्तार किया गया अमरजीत सिंह 12वीं कक्षा तक पढ़ा है. कारोबार में घाटा होने के चलते वह अजय शर्मा के संपर्क में आया जो फर्जी लोन देता था. अलग-अलग बैंक से लोन लेकर वह बैंक से ठगी करता था. दूसरा आरोपी ओमप्रकाश बीटेक और एमबीए की पढ़ाई कर चुका है. उसने नोएडा में अपनी एक कंपनी खोली थी. अपने कारोबार को बढ़ाने के लिए उसे रुपयों की आवश्यकता थी. इसलिए अमरजीत सिंह के साथ मिलकर उसने लोन का फर्जीवाड़ा किया.

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