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दिल्ली कैबिनेट के फैसले लागू करने से पहले लेनी होगी LG की राय, मुख्य सचिव का अफसरों को निर्देश - DELHI CABINET DECISIONS

कैबिनेट के फैसले को लेकर मुख्य सचिव ने सभी विभाग को निर्देश दिया कि वह फैसले को लागू करने से पहले एलजी की राय लें.

उपराज्यपाल की सहमति जरूरी
उपराज्यपाल की सहमति जरूरी (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Delhi Team

Published : Nov 17, 2024, 9:56 AM IST

नई दिल्ली: दिल्ली सरकार की कैबिनेट के फैसले को लेकर मुख्य सचिव धर्मेंद्र कुमार ने सरकार के सभी विभाग प्रमुखों को निर्देश दिया है कि वह उस फैसले को लागू करने से पहले उपराज्यपाल की राय अवश्य लें. इस संबंध में मुख्य सचिव ने अधिकारियों को पत्र भी लिखा है. जिसमें जिक्र किया है कि कैबिनेट की बैठक के लिए तैयार प्रस्ताव, उससे पहले उस पर चर्चा और लिए गए निर्णय के बाद जब उसे लागू करना हो तो उससे पहले सरकारी नियमों का पालन जरूर करें.

मुख्यमंत्री के माध्यम से एलजी के सामने परस्तुति

दिल्ली सरकार के मुख्य सचिव धर्मेंद्र कुमार ने पत्र में लिखा है कि कोई भी आदेश लागू करने से पहले मुख्यमंत्री और मुख्य सचिव के माध्यम से उसे उपराज्यपाल के सामने प्रस्तुत किया जाए. वहां से प्राप्त आदेश के बाद ही कैबिनेट के फैसले को लागू किया जाए. मुख्य सचिव ने अधिकारियों को यह भी निर्देश दिया है कि सभी विभागों के सचिवों की जिम्मेदारी है कि वह इस संबंध में कैबिनेट नोट तैयार करते समय कामकाज के नियम का पालन करें.

कैबिनेट नोट तैयार करते समय उसमें स्पष्ट रूप से उल्लेख किया जाना चाहिए कि मंत्रिमंडल के निर्णय के आधार पर उसे लागू करने से पहले उपराज्यपाल की राय प्राप्त करने के लिए प्रावधान है या नहीं. पहले निर्देश दिया गया था कि कैबिनेट नोट तैयार करने के लिए सरकार द्वारा जारी दिशा निर्देशों का सख्ती से पालन किया जाना चाहिए. खासतौर से कैबिनेट नोट तैयार करते समय उसके क्रियान्वयन, वित्तीय खर्च और समय सीमा के तौर तरीकों को स्पष्ट रूप से बताया जाना चाहिए.

कैबिनेट नोट दोबारा तैयार करने के निर्देश

बीते दिनों डीटीसी बसों से हटाए गए बस मार्शलों की दोबारा बहाली को लेकर दिल्ली सरकार की कैबिनेट की दो बैठकें हुई थीं. विधानसभा में नेता विपक्ष विजेंद्र गुप्ता ने भी सरकार द्वारा लाए गए कैबिनेट के प्रस्ताव पर सवाल उठाए थे कि नियमानुसार सरकार इस प्रस्ताव को लेकर नहीं आई है. इसके बाद कैबिनेट नोट दोबारा तैयार करने के निर्देश दिए गए थे.

बता दें कि राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली सरकार द्वारा लिए गए फैसला की जानकारी पहले से उपराज्यपाल को दी जाती रही है. किसी भी वित्तीय फैसला को सरकार बिना उपराज्यपाल की अनुमति से लागू नहीं कर सकती. इसलिए सरकार की चाहे सीसीटीवी लगाने की योजना हो या नए मोहल्ला क्लीनिक के निर्माण व अन्य विकास कार्य, इन सब की मंजूरी तभी मिलती है जब उपराज्यपाल उसे सहमति प्रदान करते हैं. दिल्ली सरकार के वर्तमान मुख्य सचिव धर्मेंद्र कुमार से पहले जब नरेश कुमार इस पद पर थे तो उस दौरान भी कैबिनेट के फैसलों को लेकर सरकार और मुख्य सचिव के बीच टकराव सामने आ चुकी है.

ये भी पढ़ें:

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  2. Delhi: DTC बस मार्शल्स और सिविल डिफेंस वालंटियर्स के लिए अच्छी खबर, LG ने आतिशी को पत्र लिख कहा- तुरंत दें बहाली का आदेश

नई दिल्ली: दिल्ली सरकार की कैबिनेट के फैसले को लेकर मुख्य सचिव धर्मेंद्र कुमार ने सरकार के सभी विभाग प्रमुखों को निर्देश दिया है कि वह उस फैसले को लागू करने से पहले उपराज्यपाल की राय अवश्य लें. इस संबंध में मुख्य सचिव ने अधिकारियों को पत्र भी लिखा है. जिसमें जिक्र किया है कि कैबिनेट की बैठक के लिए तैयार प्रस्ताव, उससे पहले उस पर चर्चा और लिए गए निर्णय के बाद जब उसे लागू करना हो तो उससे पहले सरकारी नियमों का पालन जरूर करें.

मुख्यमंत्री के माध्यम से एलजी के सामने परस्तुति

दिल्ली सरकार के मुख्य सचिव धर्मेंद्र कुमार ने पत्र में लिखा है कि कोई भी आदेश लागू करने से पहले मुख्यमंत्री और मुख्य सचिव के माध्यम से उसे उपराज्यपाल के सामने प्रस्तुत किया जाए. वहां से प्राप्त आदेश के बाद ही कैबिनेट के फैसले को लागू किया जाए. मुख्य सचिव ने अधिकारियों को यह भी निर्देश दिया है कि सभी विभागों के सचिवों की जिम्मेदारी है कि वह इस संबंध में कैबिनेट नोट तैयार करते समय कामकाज के नियम का पालन करें.

कैबिनेट नोट तैयार करते समय उसमें स्पष्ट रूप से उल्लेख किया जाना चाहिए कि मंत्रिमंडल के निर्णय के आधार पर उसे लागू करने से पहले उपराज्यपाल की राय प्राप्त करने के लिए प्रावधान है या नहीं. पहले निर्देश दिया गया था कि कैबिनेट नोट तैयार करने के लिए सरकार द्वारा जारी दिशा निर्देशों का सख्ती से पालन किया जाना चाहिए. खासतौर से कैबिनेट नोट तैयार करते समय उसके क्रियान्वयन, वित्तीय खर्च और समय सीमा के तौर तरीकों को स्पष्ट रूप से बताया जाना चाहिए.

कैबिनेट नोट दोबारा तैयार करने के निर्देश

बीते दिनों डीटीसी बसों से हटाए गए बस मार्शलों की दोबारा बहाली को लेकर दिल्ली सरकार की कैबिनेट की दो बैठकें हुई थीं. विधानसभा में नेता विपक्ष विजेंद्र गुप्ता ने भी सरकार द्वारा लाए गए कैबिनेट के प्रस्ताव पर सवाल उठाए थे कि नियमानुसार सरकार इस प्रस्ताव को लेकर नहीं आई है. इसके बाद कैबिनेट नोट दोबारा तैयार करने के निर्देश दिए गए थे.

बता दें कि राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली सरकार द्वारा लिए गए फैसला की जानकारी पहले से उपराज्यपाल को दी जाती रही है. किसी भी वित्तीय फैसला को सरकार बिना उपराज्यपाल की अनुमति से लागू नहीं कर सकती. इसलिए सरकार की चाहे सीसीटीवी लगाने की योजना हो या नए मोहल्ला क्लीनिक के निर्माण व अन्य विकास कार्य, इन सब की मंजूरी तभी मिलती है जब उपराज्यपाल उसे सहमति प्रदान करते हैं. दिल्ली सरकार के वर्तमान मुख्य सचिव धर्मेंद्र कुमार से पहले जब नरेश कुमार इस पद पर थे तो उस दौरान भी कैबिनेट के फैसलों को लेकर सरकार और मुख्य सचिव के बीच टकराव सामने आ चुकी है.

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