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Water Bill scam: ACB ने दिल्ली जल बोर्ड के पूर्व डिप्टी डायरेक्टर नरेश सिंह को किया गिरफ्तार - आरोपी नरेश सिंह को गिरफ्तार किया

दिल्ली जल बोर्ड में करीब 20 करोड़ रुपये के गबन के मामले में एंटी करप्शन ब्रांच ने एक अन्य आरोपी नरेश सिंह को गिरफ्तार किया है. नरेश सिंह पर कई लाख रुपये घूस लेने का आरोप है. वह 2015 से वर्ष 2020 तक दिल्ली जल बोर्ड के डिप्टी डायरेक्टर के पद पर तैनात थे.

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दिल्ली में वाटर बिल स्कैम का मामला
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Published : Feb 21, 2023, 11:45 AM IST

नई दिल्ली : दिल्ली के एंटी करप्शन ब्रांच ने जल बिल स्कैम मामले में एक अन्य आरोपी नरेश सिंह को गिरफ्तार किया है. नरेश सिंह घोटाले के समय दिल्ली जल बोर्ड के डिप्टी डायरेक्टर के पद पर तैनात थे. एसीबी प्रमुख ने बताया की नरेश सिंह पर कई लाख रुपये घूस लेने का आरोप है. इसके एवज में उन्होंने अन्य कंपनियों को बिल वसूली कर दिल्ली जल बोर्ड में जमा न करने की सहूलियत दी थी. इस मामले में एसीबी ने पेमेंट कंपनियों के अधिकारियों व मालिकों को पहले ही गिरफ्तार किया है.

एंटी करप्शन ब्रांच के प्रमुख मधुर वर्मा ने बताया कि नरेश सिंह वर्ष 2015 से वर्ष 2020 तक दिल्ली जल बोर्ड के डिप्टी डायरेक्टर के पद पर तैनात थे. इस दौरान उन्होंने फ्रेश पे कंपनी को लगातार सहूलियतें दी, ताकि वह लोगों से बिल वसूली कर सके. विजिलेंस जांच में दिल्ली जल बोर्ड में 20 करोड़ रुपये के घोटाले की बात सामने आई थी. इस जांच में दिल्ली जल बोर्ड के फंड में 20 करोड़ रुपये की घपलेबाजी का खुलासा हुआ है. यह भी पता चला है कि कॉरपोरेशन बैंक की मिलीभगत से कुछ प्राइवेट लोगों ने भ्रष्टाचार के इस खेल को अंजाम दिया है. पहले से गिरफ्तार आरोपियों में राजेंद्रन नायर उर्फ राजू नायर, गोपी कुमार केडिया और डॉक्टर अभिलाष पिल्लई शामिल हैं. राजू नायर ऑरम-ई- पेमेंट प्राइवेट लिमिटेड का निदेशक है. डॉक्टर अभिलाष पिल्लई फ्रेशपे आईटी सॉल्यूशन के निदेशक है.

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दिल्ली जल बोर्ड ने ऑटोमोटिव बिल पेमेंट कलेक्शन मशीन लगाने का काम कॉरपोरेशन बैंक को दिया था, ताकि जल बोर्ड के ग्राहकों को बिल पेमेंट करने में सुविधा हो. कॉरपोरेशन बैंक ने आगे यह कॉन्ट्रैक्ट फ्रेश पे आईटी सॉल्यूशन को दिया. इसके बाद उसने यह काम ओरम e-payments को दे दिया. यह कॉन्ट्रैक्ट 10 अक्टूबर 2019 तक का था, लेकिन कंपनी 6 महीने बाद तक लोगों से पैसे वसूलती रही. कंपनी ने दिल्ली में इसके लिए जगह-जगह कैश कलेक्शन मशीन स्थापित की थी. कंपनी पर आरोप है कि उसने कांटेक्ट खत्म होने के 6 माह बाद तक लोगों से रुपये एकत्र किए और इस तरह करीब 20 करोड़ रुपये लोगों से ले लिए गए. इस रकम को दिल्ली जल बोर्ड के खाते में स्थानांतरित नहीं किया गया था. इस मामले में एसीबी ने अलग-अलग धाराओं में मुकदमा दर्ज किया है. इस मामले में बैंक कर्मचारियों की मिलीभगत भी सामने आई है.

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नई दिल्ली : दिल्ली के एंटी करप्शन ब्रांच ने जल बिल स्कैम मामले में एक अन्य आरोपी नरेश सिंह को गिरफ्तार किया है. नरेश सिंह घोटाले के समय दिल्ली जल बोर्ड के डिप्टी डायरेक्टर के पद पर तैनात थे. एसीबी प्रमुख ने बताया की नरेश सिंह पर कई लाख रुपये घूस लेने का आरोप है. इसके एवज में उन्होंने अन्य कंपनियों को बिल वसूली कर दिल्ली जल बोर्ड में जमा न करने की सहूलियत दी थी. इस मामले में एसीबी ने पेमेंट कंपनियों के अधिकारियों व मालिकों को पहले ही गिरफ्तार किया है.

एंटी करप्शन ब्रांच के प्रमुख मधुर वर्मा ने बताया कि नरेश सिंह वर्ष 2015 से वर्ष 2020 तक दिल्ली जल बोर्ड के डिप्टी डायरेक्टर के पद पर तैनात थे. इस दौरान उन्होंने फ्रेश पे कंपनी को लगातार सहूलियतें दी, ताकि वह लोगों से बिल वसूली कर सके. विजिलेंस जांच में दिल्ली जल बोर्ड में 20 करोड़ रुपये के घोटाले की बात सामने आई थी. इस जांच में दिल्ली जल बोर्ड के फंड में 20 करोड़ रुपये की घपलेबाजी का खुलासा हुआ है. यह भी पता चला है कि कॉरपोरेशन बैंक की मिलीभगत से कुछ प्राइवेट लोगों ने भ्रष्टाचार के इस खेल को अंजाम दिया है. पहले से गिरफ्तार आरोपियों में राजेंद्रन नायर उर्फ राजू नायर, गोपी कुमार केडिया और डॉक्टर अभिलाष पिल्लई शामिल हैं. राजू नायर ऑरम-ई- पेमेंट प्राइवेट लिमिटेड का निदेशक है. डॉक्टर अभिलाष पिल्लई फ्रेशपे आईटी सॉल्यूशन के निदेशक है.

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