नई दिल्ली: दिल्ली विश्वविद्यालय में छात्रसंघ चुनाव के लिए चुनाव प्रचार जोरों पर चल रहा है. चुनाव के लिए अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने संभावित उम्मीदवारों की सूची जारी कर दी है. वहीं अभी तक NSUI ने अपने पत्ते नहीं खोले हैं. चुनाव प्रचार के दौरान ABVP छात्रों से चुनाव में बढ़-चढ़कर वोट करने की अपील कर रही है. साथ ही उन्हें नोटा के नुकसान के बारे में भी समझा रही है.
'छात्र संघ का चुनाव लोकतंत्र की पहली सीढ़ी'
इस पूरे मामले को लेकर ABVP के प्रदेश मंत्री सिद्धार्थ यादव युवाओं से मतदान में भाग लेने की अपील कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि दिल्ली विश्वविद्यालय छात्र संघ का चुनाव लोकतंत्र की पहली सीढ़ी है. इस चुनाव में बड़ी संख्या में छात्र अपने जीवन में पहली बार वोट डालेंगे. लेकिन एक दुर्भाग्यपूर्ण स्थिति ये है कि आज भी कैंपस में कुछ लोग नोटा का उपयोग करने का कैंपेन चला रहे हैं. वो देश के सामान्य चुनाव और कैंपस के चुनाव में चलाया जाता है. यादव ने कहा कि ऐसी जो ताकतें हैं उन्हें हम बस इतना कहना चाहते हैं कि वोटिंग हम सबका लोकतांत्रिक अधिकार है और ये लोकतंत्र की मजबूती है.
'नोटा का बटन दबाना मतलब वोट खराब करना'
सिद्धार्थ यादव ने कहा कि ये लोकतंत्र को मजबूत बनाए जाने का एक जरिया है. इसलिए हर चुनाव में हम सब को बढ़-चढ़कर वोट करना चाहिए. साथ ही कहा कि मतदाताओं को जो उम्मीदवार सही लगे उसे ही वोट करना चाहिए. यादव ने कहा कि नोटा का बटन दबाना सिर्फ अपना वोट खराब करना होता है. बता दें कि पिछले साल दिल्ली विश्वविद्यालय छात्र संघ चुनाव में छात्र अध्यक्ष, उपाध्यक्ष, सचिव और संयुक्त सचिव के पद पर नोटा को कुल 27739 वोट मिले जबकि आइसा और सीवाईएसएस को मिलाकर 29506 वोट ही मिले थे. इसके अलावा सत्र 2017-18 के चुनाव में 27 हजार वोट नोटा पर पड़े थे.