नई दिल्ली: 5 जनवरी को हुई जेएनयू में हुई हिंसा के बाद दिल्ली पुलिस की जांच की रडार एक व्हाट्सएप ग्रुप पर भी है. जिसमें विभिन्न छात्र संगठनों से जुड़े कई छात्रों के नाम सामने आए हैं. अब अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने ये आरोप लगाया है कि उस ग्रुप से कुछ राजनीतिक दलों के नेता भी जुड़े हुए थे और हिंसा की रात उन्होंने ग्रुप को छोड़ दिया था.
'स्क्रीनशॉट के बदले व्हाट्सएप ग्रुप की होनी चाहिए जांच'
विभिन्न सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर उस ग्रुप के स्क्रीनशॉट वायरल होने के बाद दिल्ली पुलिस उस ग्रुप की भी जांच कर रही है. लेकिन अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद का कहना है कि पुलिस को उस ग्रुप के स्क्रीनशॉट के बदले उस पूरे व्हाट्सएप ग्रुप की जांच की करनी चाहिए.
'ग्रुप में किसने किए भड़काऊ मैसेज'
एबीवीपी का कहना है कि ग्रुप की जांच कर पता लगाया जाए कि उसमें किन लोगों की भागीदारी थी. इतना ही नहीं किन लोगों ने उस ग्रुप में भड़काऊ मैसेज किए थे. इसकी भी जांच की जानी चाहिए.
'कई सारे लोग बने ग्रुप के एडमिन'
एबीवीपी ने कहा कि कुछ स्क्रीनशॉट के आधार पर किसी को दोषी करार नहीं दिया जा सकता, क्योंकि उस ग्रुप के एडमिन ने ग्रुप को लेफ्ट कर दिया था. जिसके बाद कई सारे लोग उस ग्रुप के एडमिन बन गए थे और मनचाहे तरीके से लोगों को जोड़ा गया था. इसलिए दिल्ली पुलिस को उस पूरे ग्रुप की जांच करनी चाहिए. ना कि सिर्फ स्क्रीनशॉट की.
'ABVP करेगी सहयोग'
एबीवीपी से जुड़े नेताओं ने बताया कि दिल्ली पुलिस की ओर से जेएनयू हिंसा मामले की जांच की जा रही है. जहां कहीं भी एबीवीपी के कार्यकर्ताओं को बुलाया जाएगा, कार्यकर्ता वहां पहुंचकर दिल्ली पुलिस की जांच में अपना सहयोग करेंगे.