नई दिल्ली: आम आदमी पार्टी मुख्यालय में प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान संजय सिंह ने कहा कि जेएनयू छात्रों के साथ जो बर्बरता हुई है, उसे मैंने राज्यसभा में भी उठाया है. ये हिंदुस्तान के इतिहास में पहली बार हुआ है कि विश्वविद्यालय के छात्रों पर पैरामिलिट्री फोर्सेज से लाठीचार्ज कराया गया. उन्होंने इस दौरान एक दृष्टिबाधित छात्र की पिटाई का भी जिक्र किया.
संजय सिंह ने कहा कि शशि भूषण पांडेय नाम के एक ब्लाइंड छात्र को बेरहमी से मारा गया और जब उसने कहा कि वह ब्लाइंड है, देख नहीं सकता, तो फिर उससे सवाल किया गया कि ब्लाइंड हो तो प्रदर्शन में क्यों आए. संजय सिंह ने कहा-
सरकार आज जनरल डायर की भूमिका में आ चुकी है. छात्र फीस बढ़ोतरी के फैसले को वापस लेने की मांग कर रहे थे. क्या ये मांग करना भी अब हिंदुस्तान में अपराध हो गया है?
संजय सिंह ने पुलिस की कार्यप्रणाली पर भी सवाल उठाया और कहा कि जब वकीलों ने पीटा था, तो सारे पुलिस वाले इसका विरोध कर रहे थे. अब ब्लाइंड स्टूडेंट को मारते हुए उन्हें शर्म नहीं आई. उन्होंने सवाल किया कि छात्रों पर लाठीचार्ज करते समय क्या उनकी वर्दी दागदार नहीं हुई?
केंद्र सरकार को ठहराया जिम्मेदार
इस पूरे घटनाक्रम को संजय सिंह ने कानून व्यवस्था से भी जोड़ा. उन्होंने कहा कि जब से केंद्र में भारतीय जनता पार्टी की सरकार बनी है और जब से अमित शाह गृह मंत्री बने हैं, कभी छात्रों पर लाठी चलती है, तो कभी वकीलों पर गोली.