ETV Bharat / state

श्री करतारपुर साहिब जाने वाले श्रद्धालुओं की समस्याओं का हो समाधान, श्रद्धालुओं से लिए जाने वाले शुल्क हो खत्म - शीतकालीन सत्र

आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद राघव चड्ढा ने संसद में श्री करतारपुर साहिब जाने वाले श्रद्धालुओं का अहम मुद्दा उठाते हुए उनकी समस्याओं को संसद में सबके सामने रखा.

आम आदमी पार्टी
आम आदमी पार्टी
author img

By

Published : Dec 9, 2022, 5:52 PM IST

नई दिल्लीः संसद के शीतकालीन सत्र में चर्चा के दौरान राज्यसभा में आप सांसद राघव चड्ढा ने शुक्रवार को श्री करतारपुर साहिब जाने वाले श्रद्धालुओं के समक्ष पेश आने वाली समस्याओं को प्रमुखता से उठाते हुए संसद के पटल पर केंद्र सरकार से इन सभी समस्याओं के समाधान की मांग रखी. साथ ही कहा कि श्रद्धालुओं से ली जाने वाली 20 डॉलर फीस खत्म की जाए और पासपोर्ट के बिना भी दर्शन करने की अनुमति मिले और ऑनलाइन प्रोसेस को आसान बनाया जाए.

7 दिसंबर से शुरू हुए संसद के शीतकालीन सत्र के अंदर इस बार शुरू से ही विपक्ष के सांसदों द्वारा जमकर हंगामा देखने को मिल रहा है. इस बीच आज आम आदमी पार्टी के
पंजाब से राज्यसभा सांसद राघव चड्ढा ने शुक्रवार को संसद में श्री करतारपुर साहिब जाने वाले श्रद्धालुओं का अहम मुद्दा उठाते हुए उनकी समस्याओं को संसद में सबके सामने रखा. चड्ढा ने कहा कि कुछ साल पहले जब श्री करतारपुर साहिब कॉरिडोर खोला गया था तो पूरी दुनिया श्री गुरुनानक देव जी के रंग में रंग गई थी.

यह भी पढ़ेंः चार राज्यों में अनुसूचित जनजातियों की सूची को संशोधित करने के लिए 4 विधेयक पेश किए गए


श्री करतारपुर साहिब गुरुद्वारा के दर्शन के लिए हर व्यक्ति वहां जाना चाहता है, लेकिन श्रद्धालुओं को कई समस्याओं का सामना करना पड़ता है. पहली समस्या पासपोर्ट की है. आपके पास पासपोर्ट होना जरूरी है. अगर आपके पास पासपोर्ट नहीं है तो आप श्री करतारपुर साहिब नहीं जा सकते. भारत सरकार को इस अहम मुद्दे को पाकिस्तान सरकार के सामने उठाना चाहिए.

यह भी पढ़ेंः Private Member Bill : राज्यसभा में समान नागरिक संहिता पर प्रस्ताव पेश


दूसरी समस्या यह है कि हर तीर्थयात्री को दर्शन करने जाने के लिए 20 डॉलर यानी करीब 1600 रुपए का शुल्क देना पड़ता है. अगर परिवार के 5 सदस्य हर साल जाना चाहें तो उन्हें साल के 8 हजार रुपए खर्च करने होंगे. इस शुल्क वसूली को बंद कर दिया जाए ताकि श्रद्धालु आराम से श्री करतारपुर साहिब जा सकें. तीसरी समस्या ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया से संबंधित है, जो अभी काफी जटिल है. इसे सरल किया जाए ताकि संगत को परेशानी का सामना ना करना पड़े और उनका समय बर्बाद न हो.

इतिहास के लिहाज से श्री करतारपुर साहिब कॉरिडोर बहुत अहमियत रखता है. यह स्थान सिख धर्म के पहले गुरु गुरुनानक देव जी की कर्मस्थली है. माना जाता है कि 22 सितंबर 1539 को इसी जगह गुरुनानक देव जी ने अपना शरीर त्यागा था. उनके निधन के बाद उस पवित्र भूमि पर गुरुद्वारा साहिब का निर्माण कराया गया था. विभाजन के बाद यह गुरुद्वारा पाकिस्तान के हिस्से में चला गया था, लेकिन दोनों मुल्कों के लिए यह आज भी आस्था के सबसे बड़े केंद्र में से एक है.

नई दिल्लीः संसद के शीतकालीन सत्र में चर्चा के दौरान राज्यसभा में आप सांसद राघव चड्ढा ने शुक्रवार को श्री करतारपुर साहिब जाने वाले श्रद्धालुओं के समक्ष पेश आने वाली समस्याओं को प्रमुखता से उठाते हुए संसद के पटल पर केंद्र सरकार से इन सभी समस्याओं के समाधान की मांग रखी. साथ ही कहा कि श्रद्धालुओं से ली जाने वाली 20 डॉलर फीस खत्म की जाए और पासपोर्ट के बिना भी दर्शन करने की अनुमति मिले और ऑनलाइन प्रोसेस को आसान बनाया जाए.

7 दिसंबर से शुरू हुए संसद के शीतकालीन सत्र के अंदर इस बार शुरू से ही विपक्ष के सांसदों द्वारा जमकर हंगामा देखने को मिल रहा है. इस बीच आज आम आदमी पार्टी के
पंजाब से राज्यसभा सांसद राघव चड्ढा ने शुक्रवार को संसद में श्री करतारपुर साहिब जाने वाले श्रद्धालुओं का अहम मुद्दा उठाते हुए उनकी समस्याओं को संसद में सबके सामने रखा. चड्ढा ने कहा कि कुछ साल पहले जब श्री करतारपुर साहिब कॉरिडोर खोला गया था तो पूरी दुनिया श्री गुरुनानक देव जी के रंग में रंग गई थी.

यह भी पढ़ेंः चार राज्यों में अनुसूचित जनजातियों की सूची को संशोधित करने के लिए 4 विधेयक पेश किए गए


श्री करतारपुर साहिब गुरुद्वारा के दर्शन के लिए हर व्यक्ति वहां जाना चाहता है, लेकिन श्रद्धालुओं को कई समस्याओं का सामना करना पड़ता है. पहली समस्या पासपोर्ट की है. आपके पास पासपोर्ट होना जरूरी है. अगर आपके पास पासपोर्ट नहीं है तो आप श्री करतारपुर साहिब नहीं जा सकते. भारत सरकार को इस अहम मुद्दे को पाकिस्तान सरकार के सामने उठाना चाहिए.

यह भी पढ़ेंः Private Member Bill : राज्यसभा में समान नागरिक संहिता पर प्रस्ताव पेश


दूसरी समस्या यह है कि हर तीर्थयात्री को दर्शन करने जाने के लिए 20 डॉलर यानी करीब 1600 रुपए का शुल्क देना पड़ता है. अगर परिवार के 5 सदस्य हर साल जाना चाहें तो उन्हें साल के 8 हजार रुपए खर्च करने होंगे. इस शुल्क वसूली को बंद कर दिया जाए ताकि श्रद्धालु आराम से श्री करतारपुर साहिब जा सकें. तीसरी समस्या ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया से संबंधित है, जो अभी काफी जटिल है. इसे सरल किया जाए ताकि संगत को परेशानी का सामना ना करना पड़े और उनका समय बर्बाद न हो.

इतिहास के लिहाज से श्री करतारपुर साहिब कॉरिडोर बहुत अहमियत रखता है. यह स्थान सिख धर्म के पहले गुरु गुरुनानक देव जी की कर्मस्थली है. माना जाता है कि 22 सितंबर 1539 को इसी जगह गुरुनानक देव जी ने अपना शरीर त्यागा था. उनके निधन के बाद उस पवित्र भूमि पर गुरुद्वारा साहिब का निर्माण कराया गया था. विभाजन के बाद यह गुरुद्वारा पाकिस्तान के हिस्से में चला गया था, लेकिन दोनों मुल्कों के लिए यह आज भी आस्था के सबसे बड़े केंद्र में से एक है.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.