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कौन सा किसान अंग्रेजी इश्तिहार से MSP समझेगा: राघव चड्ढा

किसान बिल को लेकर बीजेपी सरकार की ओर से अखबारों में विज्ञापन दिए गए हैं. जिस पर विधायक राघव चड्ढा का कहना है कि बीजेपी सरकार ने किसानों के जख्मों पर नमक छिड़कने का काम किया है. बीजेपी सरकार अंग्रेज़ी अखबारों में न्यूनतम समर्थन मूल्य समझाने की कोशिश कर रही है.

AAP mla raghav chadha
विधायक राघव चड्ढा
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Published : Sep 23, 2020, 7:20 AM IST

नई दिल्ली: राज्यसभा में किसान बिल पास होने के बावजूद विपक्षी पार्टियों का विरोध जारी है. विधायक राघव चड्ढा ने केंद्र में काबिज बीजेपी सरकार पर किसानों के जख्मों पर नमक छिड़कने का आरोप लगाया है. साथ ही सवाल किया कि देश का कौन सा किसान है, जो सुबह अपनी कॉफी के साथ इस अंग्रेजी इश्तिहार से MSP समझेगा?

  • देश का कौन सा किसान है जो सुबह कॉफी पीकर अंग्रेज़ी इश्तिहार को पढ़कर MSP और PDS को समझेगा?- माननीय विधायक श्री @raghav_chadha pic.twitter.com/rZlFZVJZq5

    — AAP (@AamAadmiParty) September 22, 2020 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

किसानों के लिए अंग्रेजी में विज्ञापन

आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद एनडी गुप्ता, और विधायक राघव चड्डा ने किसान बिल को लेकर एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की. इस प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान राघव चड्ढा ने बीजेपी पार्टी के केंद्र और दिल्ली निगम में कामकाज पर सवाल उठाए. साथ ही न्यूनतम समर्थन मूल्य का जिक्र करते हुए बीजेपी पर किसानों के लिए अंग्रेजी में विज्ञापन देने को लेकर तंज कसा है.

'कौन सा किसान अंग्रेजी इश्तिहार से MSP समझेगा'

विधायक राघव चड्ढा का कहना है कि बीजेपी सरकार ने किसानों के जख्मों पर नमक छिड़कने का काम किया है. बीजेपी सरकार अंग्रेज़ी अखबारों में न्यूनतम समर्थन मूल्य समझाने की कोशिश कर रही है. देश का कौन सा किसान हैं जो सुबह अपनी कॉफी के साथ इस अंग्रेजी इश्तिहार से MSP समझेगा?

'निगम में वेतन नहीं, दूसरी तरफ लाखों करोड़ों के इश्तहार'

वहीं किसान बिल के साथ ही राघव चड्ढा ने बीजेपी के दिल्ली निगम में कर्मचारियों को वेतन ना देने का भी जिक्र किया. उन्होंने कहा कि एक तरफ दिल्ली में बीजेपी शासित एमसीडी ने बीते पांच महीनों से अपने कर्मचारियों को वेतन नहीं दिया है दूसरी ओर बीजेपी लाखों करोड़ों रुपये से सुनहरे अंग्रेजी इश्तिहार दे रही है. क्या ये गरीब, दबे कुचले किसान का मजाक उड़ाना नहीं है तो क्या है?

आपकों बता दें कि विपक्षी पार्टियों के विरोध के बावजूद राज्यसभा ने किसानों से जुड़े बिलों को पास कर दिया है. किसान बिल को लेकर काफी विरोध हो रहा है. यहां तक कि केंद्र सरकार में शामिल मंत्री ने इस्तीफा दे दिया है. अभी तक सरकार में शामिल अकाली दल अब बाहर से समर्थन देने की बात कर रही है. पंजाब, यूपी समेत अन्य राज्यों में आम आदमी पार्टी व कांग्रेस के नेता इस बिल का काफी विरोध कर रहे हैं.

नई दिल्ली: राज्यसभा में किसान बिल पास होने के बावजूद विपक्षी पार्टियों का विरोध जारी है. विधायक राघव चड्ढा ने केंद्र में काबिज बीजेपी सरकार पर किसानों के जख्मों पर नमक छिड़कने का आरोप लगाया है. साथ ही सवाल किया कि देश का कौन सा किसान है, जो सुबह अपनी कॉफी के साथ इस अंग्रेजी इश्तिहार से MSP समझेगा?

  • देश का कौन सा किसान है जो सुबह कॉफी पीकर अंग्रेज़ी इश्तिहार को पढ़कर MSP और PDS को समझेगा?- माननीय विधायक श्री @raghav_chadha pic.twitter.com/rZlFZVJZq5

    — AAP (@AamAadmiParty) September 22, 2020 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

किसानों के लिए अंग्रेजी में विज्ञापन

आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद एनडी गुप्ता, और विधायक राघव चड्डा ने किसान बिल को लेकर एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की. इस प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान राघव चड्ढा ने बीजेपी पार्टी के केंद्र और दिल्ली निगम में कामकाज पर सवाल उठाए. साथ ही न्यूनतम समर्थन मूल्य का जिक्र करते हुए बीजेपी पर किसानों के लिए अंग्रेजी में विज्ञापन देने को लेकर तंज कसा है.

'कौन सा किसान अंग्रेजी इश्तिहार से MSP समझेगा'

विधायक राघव चड्ढा का कहना है कि बीजेपी सरकार ने किसानों के जख्मों पर नमक छिड़कने का काम किया है. बीजेपी सरकार अंग्रेज़ी अखबारों में न्यूनतम समर्थन मूल्य समझाने की कोशिश कर रही है. देश का कौन सा किसान हैं जो सुबह अपनी कॉफी के साथ इस अंग्रेजी इश्तिहार से MSP समझेगा?

'निगम में वेतन नहीं, दूसरी तरफ लाखों करोड़ों के इश्तहार'

वहीं किसान बिल के साथ ही राघव चड्ढा ने बीजेपी के दिल्ली निगम में कर्मचारियों को वेतन ना देने का भी जिक्र किया. उन्होंने कहा कि एक तरफ दिल्ली में बीजेपी शासित एमसीडी ने बीते पांच महीनों से अपने कर्मचारियों को वेतन नहीं दिया है दूसरी ओर बीजेपी लाखों करोड़ों रुपये से सुनहरे अंग्रेजी इश्तिहार दे रही है. क्या ये गरीब, दबे कुचले किसान का मजाक उड़ाना नहीं है तो क्या है?

आपकों बता दें कि विपक्षी पार्टियों के विरोध के बावजूद राज्यसभा ने किसानों से जुड़े बिलों को पास कर दिया है. किसान बिल को लेकर काफी विरोध हो रहा है. यहां तक कि केंद्र सरकार में शामिल मंत्री ने इस्तीफा दे दिया है. अभी तक सरकार में शामिल अकाली दल अब बाहर से समर्थन देने की बात कर रही है. पंजाब, यूपी समेत अन्य राज्यों में आम आदमी पार्टी व कांग्रेस के नेता इस बिल का काफी विरोध कर रहे हैं.

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