ETV Bharat / state

बीजेपी पर जमकर बरसीं आप विधायक आतिशी, कहा- भाजपा नेता सदन की कार्यवाही रोकने की तैयारी कर चुके थे

आम आदमी पार्टी की नेता आतिशी ने आज बीजेपी पर जमकर बरसीं. उन्होंने आरोप लगाया कि बीजेपी किसी भी हाल में मेयर का चुनाव नहीं होने देना चाहती थी. उन्होंने कहा कि हमारे पास संख्याबल है. सांसद, विधायक और निगम पार्षद मिलाकर 151 वोट हैं, जबकि भाजपा के पास सब मिलाकर 113 वोट हैं. मगर वह बार-बार असंवैधानिक तरीके से काम करते हैं.

17582542
17582542
author img

By

Published : Jan 25, 2023, 10:48 PM IST

नई दिल्ली: आम आदमी पार्टी की वरिष्ठ नेता आतिशी ने कहा कि आम आदमी पार्टी की भाजपा को चुनौती है कि वह एक वीडियो दिखा दें, जहां 'आप' पार्षद सदन के अंदर हंगामा कर रहे हों. हमने आपको 5 वीडियो दिखाए जिसमें साफ दिखा कि 'आप पार्षद' भाजपा की बदतमीजी के बावजूद शांतिपूर्वक बैठे रहे. भाजपा के पार्षद सदन की कार्यवाही रोकने की पूरी तैयारी करके आए थे. आम आदमी पार्टी हर हालत में मंगलवार को मेयर का चुनाव कराना चाहती थी, मगर भाजपा चाहती थी कि मेयर का चुनाव किसी भी हालत में न हो.

उन्होंने कहा कि एमसीडी के सदन में कल बीजेपी ने गुंडागर्दी करके सदन को स्थगित किया और मेयर के चुनाव को रोका. बीजेपी कह रही है कि अगर हम जीतकर नहीं आते है तो सदन में गुंडागर्दी करेंगे, यह भारत के लोकतंत्र पर एक तमाचा था. बीजेपी लोकतंत्र का सम्मान नहीं करती है और चुनाव हारने के बाद भी विपक्ष में बैठने को तैयार नहीं है. एमसीडी चुनाव के नतीजे आए 50 दिनों से ज्यादा हो गए हैं, लेकिन अभी तक बीजेपी ने एमसीडी में मेयर का चुनाव नहीं होने दिया है. आम आदमी पार्टी के पार्षदों और सांसदों ने अपनी आपत्ति के बावजूद नॉमिनेटेड काउंसलर्स की शपथ पहले होने दी, क्योंकि हम मेयर के चुनाव को नहीं रोकना चाहते थे. उन्होंने कहा कि पार्षदों की शपथ 2:20 पर पूरी होने के बाद जब मेयर चुनाव की तैयारी हो रही थी, तभी बीजेपी के पार्षदों ने हंगामा शुरू कर दिया.

उन्होंने कहा कि 'आप' के लीडर ऑफ द हाउस मुकेश गोयल ने इलेक्टोरल रोल सदन में प्रस्तुत करने की बात कही तो फिर से बीजेपी ने हंगामा शुरू कर दिया. बीजेपी वाले पहले से ही नारे लिखे हुए कागज लाए थे कि किस मुद्दे पर हंगामा करेंगे. उन्होंने सोचा हुआ था कि हमें सदन को स्थगित कराना है. वहीं, 'आप' के लीडर ऑफ द हाउस मुकेश गोयल ने कहा कि भाजपा को समझ में आ गया था कि आज हमारी बुरी तरह हार होगी, वह अपनी हार पचा नहीं पा रहे थे.पीठासीन अधिकारी भी सदन को स्थगित करके इसलिए भाग गईं, क्योंकि उन्हें पता था कि आम आदमी पार्टी का मेयर बन जाएगा.

भाजपा पर आतिशी ने कसा तंजः विधायक आतिशी ने कहा कि दिल्ली नगर निगम में पिछले 15 साल में भारतीय जनता पार्टी की सरकार है. दिल्ली की जनता बीजेपी के भ्रष्टाचार और कुशासन से परेशान हो गई थी. दिल्ली की जनता ने एमसीडी में बीजेपी को निकालकर बाहर फेंकने का मन बना लिया. बीजेपी को पता था कि दिल्ली की जनता उनसे परेशान है तो अप्रैल में होने वाले चुनाव को टालकर साम दाम दंड भेद से अपनी हार को बदलने की कोशिश की. एमसीडी का अप्रैल में चुनाव न हो इसलिए तीनों एमसीडी का एकीकरण किया. गुजरात के चुनाव के समय ही एमसीडी का चुनाव करवाया. इन सब कोशिशों के बावजूद बीजेपी को दिल्ली की जनता ने एमसीडी से निकालकर बाहर फेंक दिया. इसके बावजूद बीजेपी को चैन नहीं हैं. बीजेपी लोकतंत्र का सम्मान नहीं करती है और चुनाव हारने के बाद भी विपक्ष में बैठने को तैयार नहीं है. चुनाव के नतीजे आए 50 दिनों से ज्यादा हो गए हैं लेकिन अभी तक बीजेपी ने एमसीडी में मेयर का चुनाव नहीं होने दिया.

हम चाहते थे मेयर चुनाव होः आम आदमी पार्टी के लीडर ऑफ द हाउस मुकेश गोयल ने कहा कि ‘ज्यादातर पत्रकार भी सदन की कार्यवाही के समय मौजूद थे, सभी ने देखा कि हम हर हालात में चाहते थे कि मेयर का चुनाव हो, हमारे पास संख्याबल है. सांसद, विधायक और निगम पार्षद मिलाकर 151 वोट हैं, जबकि भाजपा के पास सब मिलाकर 113 वोट हैं. मगर वह बार-बार असंवैधानिक तरीके से काम करते हैं. चाहे वो मनोनीत सदस्य को वोट देने की अधिकारी की बात हो या भाजपा के कहने पर पीठासीन अधिकारी के निर्णय की बात हो, इन सभी मामलों में हमें अपना विरोध दर्ज कराना होगा. उसे मानना या न मानना पीठासीन अधिकारी के ऊपर निर्भर करता है.

ये भी पढ़ेंः padma awards 2023 : दिवंगत सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव को पद्म विभूषण

उन्होंने कहा कि इतना सब होने के बाद भी हमने सभी सदस्यों की शपथ करवाई, क्योंकि भाजपा शपथ के दौरान ही हंगामा कराना चाहती थी. इसके बाद मेयर के चुनाव के लिए हमने पीठासीन अधिकारी से कौन-कौन वोट डाल सकता है, उन लोगों की सूची मांगी तो पीठासीन अधिकारी महोदय दो मिनट के लिए सदन को स्थगित कर रही हूं, कहकर 15 मिनट के बाद आई. इसके बाद भी उन्होंने हमें मतदाताओं की कॉपी नहीं दी. पीठासीन अधिकारी की मंशा थी कि वह मनोनीत सदस्यों को भी वोट करने का अधिकार दें, जबकि यह संविधान के दायरे में नहीं आता और न ही एमसीडी के एक्ट में आता है. तीन-तीन बार हाईकोर्ट की बेंच ने फैसले दिए हैं कि मनोनीत सदस्यों को सदन में मतदान का कोई अधिकार नहीं है. उसके बावजूद भी भाजपा हर तरह का प्रयास करने में लगी हुई है.

ये भी पढ़ेंः Republic day 2023: 412 वीरता पुरस्कारों की घोषणा, 6 को कीर्ति और 15 को शौर्य चक्र सम्मान

नई दिल्ली: आम आदमी पार्टी की वरिष्ठ नेता आतिशी ने कहा कि आम आदमी पार्टी की भाजपा को चुनौती है कि वह एक वीडियो दिखा दें, जहां 'आप' पार्षद सदन के अंदर हंगामा कर रहे हों. हमने आपको 5 वीडियो दिखाए जिसमें साफ दिखा कि 'आप पार्षद' भाजपा की बदतमीजी के बावजूद शांतिपूर्वक बैठे रहे. भाजपा के पार्षद सदन की कार्यवाही रोकने की पूरी तैयारी करके आए थे. आम आदमी पार्टी हर हालत में मंगलवार को मेयर का चुनाव कराना चाहती थी, मगर भाजपा चाहती थी कि मेयर का चुनाव किसी भी हालत में न हो.

उन्होंने कहा कि एमसीडी के सदन में कल बीजेपी ने गुंडागर्दी करके सदन को स्थगित किया और मेयर के चुनाव को रोका. बीजेपी कह रही है कि अगर हम जीतकर नहीं आते है तो सदन में गुंडागर्दी करेंगे, यह भारत के लोकतंत्र पर एक तमाचा था. बीजेपी लोकतंत्र का सम्मान नहीं करती है और चुनाव हारने के बाद भी विपक्ष में बैठने को तैयार नहीं है. एमसीडी चुनाव के नतीजे आए 50 दिनों से ज्यादा हो गए हैं, लेकिन अभी तक बीजेपी ने एमसीडी में मेयर का चुनाव नहीं होने दिया है. आम आदमी पार्टी के पार्षदों और सांसदों ने अपनी आपत्ति के बावजूद नॉमिनेटेड काउंसलर्स की शपथ पहले होने दी, क्योंकि हम मेयर के चुनाव को नहीं रोकना चाहते थे. उन्होंने कहा कि पार्षदों की शपथ 2:20 पर पूरी होने के बाद जब मेयर चुनाव की तैयारी हो रही थी, तभी बीजेपी के पार्षदों ने हंगामा शुरू कर दिया.

उन्होंने कहा कि 'आप' के लीडर ऑफ द हाउस मुकेश गोयल ने इलेक्टोरल रोल सदन में प्रस्तुत करने की बात कही तो फिर से बीजेपी ने हंगामा शुरू कर दिया. बीजेपी वाले पहले से ही नारे लिखे हुए कागज लाए थे कि किस मुद्दे पर हंगामा करेंगे. उन्होंने सोचा हुआ था कि हमें सदन को स्थगित कराना है. वहीं, 'आप' के लीडर ऑफ द हाउस मुकेश गोयल ने कहा कि भाजपा को समझ में आ गया था कि आज हमारी बुरी तरह हार होगी, वह अपनी हार पचा नहीं पा रहे थे.पीठासीन अधिकारी भी सदन को स्थगित करके इसलिए भाग गईं, क्योंकि उन्हें पता था कि आम आदमी पार्टी का मेयर बन जाएगा.

भाजपा पर आतिशी ने कसा तंजः विधायक आतिशी ने कहा कि दिल्ली नगर निगम में पिछले 15 साल में भारतीय जनता पार्टी की सरकार है. दिल्ली की जनता बीजेपी के भ्रष्टाचार और कुशासन से परेशान हो गई थी. दिल्ली की जनता ने एमसीडी में बीजेपी को निकालकर बाहर फेंकने का मन बना लिया. बीजेपी को पता था कि दिल्ली की जनता उनसे परेशान है तो अप्रैल में होने वाले चुनाव को टालकर साम दाम दंड भेद से अपनी हार को बदलने की कोशिश की. एमसीडी का अप्रैल में चुनाव न हो इसलिए तीनों एमसीडी का एकीकरण किया. गुजरात के चुनाव के समय ही एमसीडी का चुनाव करवाया. इन सब कोशिशों के बावजूद बीजेपी को दिल्ली की जनता ने एमसीडी से निकालकर बाहर फेंक दिया. इसके बावजूद बीजेपी को चैन नहीं हैं. बीजेपी लोकतंत्र का सम्मान नहीं करती है और चुनाव हारने के बाद भी विपक्ष में बैठने को तैयार नहीं है. चुनाव के नतीजे आए 50 दिनों से ज्यादा हो गए हैं लेकिन अभी तक बीजेपी ने एमसीडी में मेयर का चुनाव नहीं होने दिया.

हम चाहते थे मेयर चुनाव होः आम आदमी पार्टी के लीडर ऑफ द हाउस मुकेश गोयल ने कहा कि ‘ज्यादातर पत्रकार भी सदन की कार्यवाही के समय मौजूद थे, सभी ने देखा कि हम हर हालात में चाहते थे कि मेयर का चुनाव हो, हमारे पास संख्याबल है. सांसद, विधायक और निगम पार्षद मिलाकर 151 वोट हैं, जबकि भाजपा के पास सब मिलाकर 113 वोट हैं. मगर वह बार-बार असंवैधानिक तरीके से काम करते हैं. चाहे वो मनोनीत सदस्य को वोट देने की अधिकारी की बात हो या भाजपा के कहने पर पीठासीन अधिकारी के निर्णय की बात हो, इन सभी मामलों में हमें अपना विरोध दर्ज कराना होगा. उसे मानना या न मानना पीठासीन अधिकारी के ऊपर निर्भर करता है.

ये भी पढ़ेंः padma awards 2023 : दिवंगत सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव को पद्म विभूषण

उन्होंने कहा कि इतना सब होने के बाद भी हमने सभी सदस्यों की शपथ करवाई, क्योंकि भाजपा शपथ के दौरान ही हंगामा कराना चाहती थी. इसके बाद मेयर के चुनाव के लिए हमने पीठासीन अधिकारी से कौन-कौन वोट डाल सकता है, उन लोगों की सूची मांगी तो पीठासीन अधिकारी महोदय दो मिनट के लिए सदन को स्थगित कर रही हूं, कहकर 15 मिनट के बाद आई. इसके बाद भी उन्होंने हमें मतदाताओं की कॉपी नहीं दी. पीठासीन अधिकारी की मंशा थी कि वह मनोनीत सदस्यों को भी वोट करने का अधिकार दें, जबकि यह संविधान के दायरे में नहीं आता और न ही एमसीडी के एक्ट में आता है. तीन-तीन बार हाईकोर्ट की बेंच ने फैसले दिए हैं कि मनोनीत सदस्यों को सदन में मतदान का कोई अधिकार नहीं है. उसके बावजूद भी भाजपा हर तरह का प्रयास करने में लगी हुई है.

ये भी पढ़ेंः Republic day 2023: 412 वीरता पुरस्कारों की घोषणा, 6 को कीर्ति और 15 को शौर्य चक्र सम्मान

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.