नई दिल्ली: राजधानी दिल्ली के तिमारपुर की संजय बस्ती में रह रही 14 साल की लड़की जो कि एम्स अस्पताल में 15 दिनों तक लगातार चक्कर काटती रही, बावजूद इसके इलाज नहीं मिला. आखिरकार बच्ची की मौत हो गई. परिजनों का दावा है कि बच्ची ने खुद डॉक्टर से हाथ जोड़कर कई बार इलाज के लिए गुहार लगाई थी, लेकिन इन सब के बावजूद एम्स अस्पताल के अधिकारियों का दिल नहीं पसीजा. इस मुद्दे को ईटीवी भारत ने कल यानी 6 दिसंबर को प्राथमिकता से चलाया था, जिसके बाद अब आम आदमी पार्टी के नेता दिलीप पांडे ने केंद्र सरकार पर निशाना साधा है.
विधायक दिलीप पांडेय ने बृहस्पतिवार को केंद्र के अधीन दिल्ली के अस्पतालों में हो रही दलाली को लेकर सरकार पर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि मरीज के सीधे जाने पर अस्पताल प्रबंधन कहता है सीट नहीं है. लेकिन दलालों को 35, 40 या 50 हजार रुपये देने पर वहीं बेड मिल जाता है. अस्पताल प्रबंधन दलालों के साथ मिला हुआ है. भाजपा सरकार दिल्ली सरकार के मंत्रियों के पीछे जितने संसाधन लगा रही है, यदि उतनी ऊर्जा व्यवस्थाओं को सुधारने में लगाया होता तो यह नौबत नहीं आती.
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दिल्ली में केंद्र सरकार के AIIMS और Safdarjung Hospital में जो घटित हो रहा है, वो बेहद आश्चर्यजनक है।
— Aam Aadmi Party Delhi (@AAPDelhi) December 7, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
Hospital Management और दलालों में ऐसी सांठ गांठ है कि Bed नहीं है बोलकर Patients को मना कर दिया जाता है और फिर ₹35,000 - ₹45,000 देकर Bed मिल जाता है।
— @dilipkpandey pic.twitter.com/eDXpiVa5ob
">दिल्ली में केंद्र सरकार के AIIMS और Safdarjung Hospital में जो घटित हो रहा है, वो बेहद आश्चर्यजनक है।
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Hospital Management और दलालों में ऐसी सांठ गांठ है कि Bed नहीं है बोलकर Patients को मना कर दिया जाता है और फिर ₹35,000 - ₹45,000 देकर Bed मिल जाता है।
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Hospital Management और दलालों में ऐसी सांठ गांठ है कि Bed नहीं है बोलकर Patients को मना कर दिया जाता है और फिर ₹35,000 - ₹45,000 देकर Bed मिल जाता है।
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दिलीप पांडेय ने कहा कि दिल्ली के अंदर जो केंद्र सरकार के अधीन अस्पताल है. इन अस्पतालों में एम्स और सफदरजंग जैसे बड़े अस्पताल हैं. सफदरजंग अस्पताल में बेड नहीं है यह कहकर मरीजों को लौटा दिया जाता है. क्योंकि यहां पर अस्पताल प्रबंधन और दलालों के बीच साठगांठ है. अस्पताल में सीधे मरीज के जाने पर अस्पताल प्रबंधन की ओर से कह दिया जाता है कि बेड खाली नहीं है. लेकिन जब मरीज दलाल को रुपये दे देते हैं तो बेड मिल जाता है. दिलीप ने कहा कि इस तरह की घटना क्रिमिनल एक्ट के तहत आता है.
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Criminal Act है मरीज को बेड ना देकर, दलाली को फलने फूलने देना, और ये अस्पताल सीधे-सीधे केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री श्री मनसुख मांडविया के अधीन आते हैं।
— Aam Aadmi Party Delhi (@AAPDelhi) December 7, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
राष्ट्रीय राजधानी में हो रही इस दलाली पर Modi जी चुप क्यों हैं?
— @dilipkpandey pic.twitter.com/8r4J27SEHT
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राष्ट्रीय राजधानी में हो रही इस दलाली पर Modi जी चुप क्यों हैं?
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राष्ट्रीय राजधानी में हो रही इस दलाली पर Modi जी चुप क्यों हैं?
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आप विधायक ने कहा कि मेरा सीधा सवाल है कि इन अस्पतालों में सीधे आने वाले मरीजों को बेड क्यो नहीं मिल रहा है? और दलाल को पैसे देने पर बेड मिल जा रहा है क्यो? इस तरह के भ्रष्टाचार के ऊपर जहां अस्पताल का प्रशासन भी लिप्त है. स्वास्थ्य मंत्री, गृह मंत्री और प्रधानमंत्री चुप क्यों है. इस तरीके की घटना से उनका दिल दुखता है कि नहीं. उन्होंने कहा कि एक 14 साल की बच्ची एम्स और सफदरजंग अस्पताल में इलाज के लिए धक्के खाती रही, लेकिन उसे इलाज नहीं मिला. 4 महीने तक दिल्ली के कैंसर इंस्टिट्यूट में उस बच्ची का इलाज चला. जब इलाज वहां की सीमाओं से बाहर जाने लगा तो उसको रेफर किया गया. बच्ची और उसका परिवार एम्स व सफदरजंग गया लेकिन वहां उसकी इलाज नहीं मिला.
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AIIMS और Safdarjung Hospital के धक्के खाती रही बच्ची, इलाज नहीं मिला।
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पैसा देते तो मिल जाता
स्वास्थ्य मंत्री से पूछना चाहता हूं‼️
गृह मंत्री से पूछना चाहता हूं‼️
प्रधानमंत्री से पूछना चाहता हूं‼️
ये खबर पढ़कर आपका दिल दुखता है या नहीं? चुप क्यों है?
— @dilipkpandey pic.twitter.com/3GGvGBFSvy
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- ये भी पढ़ें: चाइनीज माइकोप्लाज्मा निमोनिया के भारत में मिले 7 मरीज, दिल्ली एम्स ने कहा- देश को इससे खतरा नहीं...
यह पूरा मामला: बता दें, दिल्ली के अलग-अलग अस्पतालों में जिंदगी की भीख मांग रही लड़की ने दम तोड़ दिया. लड़की को ब्लड कैंसर था. किसी भी अस्पताल में इलाज के लिए बेड नहीं मिल रहा था. परिजनों का आरोप है कि देश के सबसे बड़े अस्पताल एम्स में भी 15 दिन से परिवार चक्कर लगा रहा था और जिंदगी की भीख मांग रहा था, लेकिन वहां भी बेड नहीं मिलने से लड़की को भर्ती नहीं किया गया. आखिरकार ब्लड कैंसर से जूझ रही 14 साल की बच्ची मंगलवार की शाम जिंदगी की जंग हार गई.
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*AIIMS और Safdarjung Hospital के धक्के खाती रही बच्ची, इलाज नहीं मिला।*
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सौरभ भारद्वाज ने भी सवाल खड़े किए: 14 वर्षीय लड़की की मौत और अस्पताल प्रशासन पर लापरवाही को लेकर स्वास्थ्य मंत्री सौरभ भारद्वाज ने कहा कि उन्होंने मुख्य सचिव नरेश कुमार को पत्र लिखा है. अपने पत्र में सौरभ भारद्वाज ने नरेश कुमार और स्वास्थ्य सचिव पर अस्पताल और डिस्पेंसरी में पर्याप्त स्टाफ और दवाएं सुनिश्चित करने के निर्देशों की अनदेखी करने का आरोप लगाया है. उन्होंने मुख्य सचिव से रिपोर्ट भी मांगी है.