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स्टर्लिंग बायोटेक केस: 8100 करोड़ के बैंक लोन घोटाले में प्रमोटर को मिली जमानत

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Published : Feb 14, 2019, 11:48 PM IST

नई दिल्ली: पटियाला हाउस कोर्ट ने 8100 करोड़ रुपये के बैंक लोन घोटाले के मामले में स्टर्लिंग बायोटेक के प्रमोटर हेमंत हाथी को जमानत दे दी है. एडिशनल सेशंस जज सतीश अरोड़ा ने हाथी को एक लाख रुपये के निजी मुचलके पर जमानत दी है. हेमंत हाथी पेशे से चार्टर्ड अकाउंटेट है.

8100 करोड़ के बैंक लोन घोटाले में प्रमोटर को मिली जमानत

सुनवाई के दौरान हाथी की तरफ से वरिष्ठ वकील विकास पाहवा ने कहा कि जांच के दौरान हाथी को कभी गिरफ्तार नहीं किया गया और बिना गिरफ्तार किए ही आरोप पत्र दायर किए गए हैं. हाथी ने पूरा सहयोग किया है और वे कोर्ट की संतुष्टि के हिसाब से मुचलका भरने को तैयार हैं.

8100 करोड़ के बैंक लोन घोटाले में प्रमोटर को मिली जमानत
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अनुमति देने के लिए याचिका
पिछले 21 जनवरी को कोर्ट ने इस मामले 4 निदेशकों के खिलाफ प्रत्यर्पण की कार्रवाई करने की अनुमति दे दी थी. प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने कोर्ट से इन आरोपियों के खिलाफ प्रत्यर्पण की कार्रवाई शुरू करने की अनुमति देने के लिए याचिका दायर की थी. कोर्ट ने नितिन संदेसारा, जयंती लाल संदेसारा, दीप्ति संदेसारा और हितेश पटेल के खिलाफ प्रत्यर्पण की कार्रवाई करने की अनुमति दी थी.

चारों अभियुक्त नहीं थे मौजूद
सुनवाई के दौरान ईडी ने कहा कि चारों आरोपियों के इटली और नाइजीरिया में होने की सूचना है, इसलिए इस मामले की जांच के लिए उन्हें प्रत्यर्पित कर लाने की जरूरत है. पिछले 5 जनवरी को कोर्ट ने चारों आरोपियों के खिलाफ ओपन-एंडेड गैर जमानती वारंट जारी किया था. ओपन एंडेड गैरजमानती वारंट का मतलब होता है कि तामील करने को कोई तिथि तय नहीं होती. इसके पहले कोर्ट उन चारों अभियुक्तों के खिलाफ गैर-जमानती वारंट जारी कर चुका था लेकिन वे तामील नही हो सके थे क्योंकि चारो अभियुक्त उपलब्ध नहीं थे.

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सुनवाई के दौरान हाथी की तरफ से वरिष्ठ वकील विकास पाहवा ने कहा कि जांच के दौरान हाथी को कभी गिरफ्तार नहीं किया गया और बिना गिरफ्तार किए ही आरोप पत्र दायर किए गए हैं. हाथी ने पूरा सहयोग किया है और वे कोर्ट की संतुष्टि के हिसाब से मुचलका भरने को तैयार हैं.

8100 करोड़ के बैंक लोन घोटाले में प्रमोटर को मिली जमानत
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अनुमति देने के लिए याचिका
पिछले 21 जनवरी को कोर्ट ने इस मामले 4 निदेशकों के खिलाफ प्रत्यर्पण की कार्रवाई करने की अनुमति दे दी थी. प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने कोर्ट से इन आरोपियों के खिलाफ प्रत्यर्पण की कार्रवाई शुरू करने की अनुमति देने के लिए याचिका दायर की थी. कोर्ट ने नितिन संदेसारा, जयंती लाल संदेसारा, दीप्ति संदेसारा और हितेश पटेल के खिलाफ प्रत्यर्पण की कार्रवाई करने की अनुमति दी थी.

चारों अभियुक्त नहीं थे मौजूद
सुनवाई के दौरान ईडी ने कहा कि चारों आरोपियों के इटली और नाइजीरिया में होने की सूचना है, इसलिए इस मामले की जांच के लिए उन्हें प्रत्यर्पित कर लाने की जरूरत है. पिछले 5 जनवरी को कोर्ट ने चारों आरोपियों के खिलाफ ओपन-एंडेड गैर जमानती वारंट जारी किया था. ओपन एंडेड गैरजमानती वारंट का मतलब होता है कि तामील करने को कोई तिथि तय नहीं होती. इसके पहले कोर्ट उन चारों अभियुक्तों के खिलाफ गैर-जमानती वारंट जारी कर चुका था लेकिन वे तामील नही हो सके थे क्योंकि चारो अभियुक्त उपलब्ध नहीं थे.

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Intro:नई दिल्ली। दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने 8100 करोड़ रुपये के बैंक लोन घोटाले के मामले में स्टर्लिंग बायोटेक के प्रमोटर हेमंत हाथी को जमानत दे दी है। एडिशनल सेशंस जज सतीश अरोड़ा ने हाथी को एक लाख रुपये के निजी मुचलके पर जमानत दी है। हेमंत हाथी पेशे से चार्टर्ड अकाउंटेट है।


Body:सुनवाई के दौरान हाथी की ओर से वरिष्ठ वकील विकास पाहवा ने कहा कि जांच के दौरान हाथी को कभी गिरफ्तार नहीं किया गया और बिना गिरफ्तार किए ही आरोप पत्र दायर किए गए हैं। हाथी ने पूरा सहयोग किया है और वे कोर्ट की संतुष्टि के हिसाब से मुचलका भरने को तैयार हैं।
पिछले 21 जनवरी को कोर्ट ने इस मामले 4 निदेशकों के खिलाफ प्रत्यर्पण की कार्रवाई करने की अनुमति दे दी थी। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने कोर्ट से इन आरोपियों के खिलाफ प्रत्यर्पण की कार्रवाई शुरू करने की अनुमति देने के लिए याचिका दायर की थी। कोर्ट ने नितिन संदेसारा, जयंती लाल संदेसारा, दीप्ति संदेसारा और हितेश पटेल के खिलाफ प्रत्यर्पण की कार्रवाई करने की अनुमति दी थी।
सुनवाई के दौरान ईडी ने कहा कि चारों आरोपियों के इटली और नाइजीरिया में होने की सूचना है। इसलिए इस मामले की जांच के लिए उन्हें प्रत्यर्पित कर लाने की जरूरत है। पिछले 5 जनवरी को कोर्ट ने चारों आरोपियों के खिलाफ ओपन-एंडेड गैर जमानती वारंट जारी किया था।
ओपन एंडेड गैरजमानती वारंट का मतलब होता है कि तामील करने को कोई तिथि तय नहीं होती । इसके पहले कोर्ट उन चारों अभियुक्तों के खिलाफ गैर-जमानती वारंट जारी कर चुका था लेकिन वे तामील नही हो सके थे क्योंकि चारो अभियुक्त उपलब्ध नहीं थे । इसके बाद ईडी ने चारों के खिलाफ ओपन-एंडेड गैर जमानती वारंट जारी करने के लिए अर्जी दायर की थी। ओपन-एंडेड गैर जमानती वारंट जारी होने के बाद ईडी के लिए उनके खिलाफ इंटरपोल से रेड कॉर्नर नोटिस जारी करवाने में आसानी होगी।
26 अक्टूबर 2018 को कोर्ट ने इन आरोपियों को इकोनोमिक ऑफेंडर्स घोषित करने की ईडी की याचिका पर सुनवाई करते हुए नोटिस जारी किया था । 23 अक्टूबर 2018 को ईडी ने इस मामले में पूरक आरोपपत्र दाखिल किया था। ईडी ने जुलाई महीने में आरोप पत्र दाखिल किया था।
आरोप पत्र में कहा गया है कि कंपनी ने आंध्रा बैंक के नेतृत्व वाली बैंकों की कंसोर्टियम से लोन लिया जो अब नन परफॉर्मिंग एसेट (एनपीए) में तब्दील हो गया है। आपको बता दें कि ईडी ने आंध्रा बैंक के पूर्व निदेशक अनूप प्रकाश गर्ग और दिल्ली के व्यापारी गगन धवन को पिछले फरवरी में गिरफ्तार किया था। ईडी और सीबीआई दोनों ने इस मामले में गर्ग और धवन को भी अभियुक्त बनाया है। सीबीआई की एफआईआर के बाद ईडी ने भी मनी लाउंड्रिंग का केस दर्ज किया था। इस मामले में 31 दिसंबर 2016 को एफआईआर दर्ज की गई थी । 6 अगस्त 2018 को दिल्ली हाईकोर्ट ने इस मामले में अनूप प्रकाश गर्ग को जमानत दे दी थी।




Conclusion:आपको बता दें कि स्टर्लिंग बायोटेक के तार सीबीआई रिश्र्वत कांड के आरोपी और सीबीआई के स्पेशल डायरेक्टर राकेश अस्थाना से भी जुड़े हुए हैं। स्टर्लिंग बायोटेक पर वडोदरा में राकेश अस्थाना की बेटी की शादी में काफी महंगी रिसेप्शन पार्टी का आयोजन करने का आरोप है। इस मामले की भी सीबीआई जांच कर रही है।

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