सुनवाई के दौरान हाथी की तरफ से वरिष्ठ वकील विकास पाहवा ने कहा कि जांच के दौरान हाथी को कभी गिरफ्तार नहीं किया गया और बिना गिरफ्तार किए ही आरोप पत्र दायर किए गए हैं. हाथी ने पूरा सहयोग किया है और वे कोर्ट की संतुष्टि के हिसाब से मुचलका भरने को तैयार हैं.
अनुमति देने के लिए याचिका
पिछले 21 जनवरी को कोर्ट ने इस मामले 4 निदेशकों के खिलाफ प्रत्यर्पण की कार्रवाई करने की अनुमति दे दी थी. प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने कोर्ट से इन आरोपियों के खिलाफ प्रत्यर्पण की कार्रवाई शुरू करने की अनुमति देने के लिए याचिका दायर की थी. कोर्ट ने नितिन संदेसारा, जयंती लाल संदेसारा, दीप्ति संदेसारा और हितेश पटेल के खिलाफ प्रत्यर्पण की कार्रवाई करने की अनुमति दी थी.
चारों अभियुक्त नहीं थे मौजूद
सुनवाई के दौरान ईडी ने कहा कि चारों आरोपियों के इटली और नाइजीरिया में होने की सूचना है, इसलिए इस मामले की जांच के लिए उन्हें प्रत्यर्पित कर लाने की जरूरत है. पिछले 5 जनवरी को कोर्ट ने चारों आरोपियों के खिलाफ ओपन-एंडेड गैर जमानती वारंट जारी किया था. ओपन एंडेड गैरजमानती वारंट का मतलब होता है कि तामील करने को कोई तिथि तय नहीं होती. इसके पहले कोर्ट उन चारों अभियुक्तों के खिलाफ गैर-जमानती वारंट जारी कर चुका था लेकिन वे तामील नही हो सके थे क्योंकि चारो अभियुक्त उपलब्ध नहीं थे.