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दिल्ली: एक महीने में बढ़े 5500 आईसीयू बेड्स, बहुत देर कर दी मेहरबां आते-आते...

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Published : May 15, 2021, 6:30 PM IST

Updated : May 15, 2021, 9:01 PM IST

डॉक्टर्स की मानें तो दिल्ली में कोरोना के हर तीसरे-चौथे मरीज को आईसीयू बेड्स की जरूरत पड़ रही है. इसे देखते हुए दिल्ली सरकार बड़े स्तर पर ICU बेड्स तैयार करने में जुटी है. बीते एक महीने के दौरान ही कोरोना मरीजों के लिए 5500 से ज्यादा आईसीयू बेड्स की व्यवस्था की गई है.

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एक महीने में बढ़े 5500 ICU बेड्स

नई दिल्ली: दिल्ली में कोरोना की चौथी लहर की रफ्तार धीरे-धीरे मंद पड़ने लगी है. लेकिन शुरुआत में इसने जैसा कोहराम मचाया, उसका असर अब भी देखा जा सकता है. वही असर है, जिसके कारण दिल्ली सरकार युद्ध स्तर पर आज आइसीयू बेड्स की व्यवस्था करने में जुटी हुई है. आपको बता दें कि चौथी लहर के दौरान जो लोग कोरोना संक्रमित हुए, उनके सामने सबसे बड़ी समस्या ऑक्सीजन लेवल गिरने की थी. समय पर ऑक्सीजन न मिलने के कारण ज्यादातर की हालत बिगड़ने लगी और उन्हें आईसीयू बेड्स की जरूरत पड़ी, लेकिन तब उतनी संख्या में दिल्ली आईसीयू बेड्स की व्यवस्था नहीं थी.

एक महीने में बढ़े 5500 ICU बेड्स
15 अप्रैल को थे सिर्फ 747 ICU बेड्स
ठीक 1 महीने पहले की बात करें, तब दिल्ली में कोरोना की चौथी लहर रफ्तार पकड़ रही थी. 15 अप्रैल को 1 दिन में 16,699 नए मामले सामने आए थे और संक्रमण दर 20 फ़ीसदी को पार कर गई थी. लेकिन तब दिल्ली में कोरोना मरीजों के लिए उप्लब्ध आईसीयू बेड्स की संख्या मात्र 747 थी. हालांकि उसके बाद, अन्य बीमारियों के इलाज के लिए इस्तेमाल में आने वाले आईसीयू बेड्स को कोरोना मरीजों के लिए डेडिकेट किया गया, लेकिन तब भी यह संख्या नाकाफी साबित हुई. फिर दिल्ली सरकार ने नए आईसीयू बेड्स बनाने शुरू किए.
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एक महीने में बढ़े 5500 ICU बेड्स

ये भी पढ़ें-को-वैक्सीन की कमी के कारण बंद करने पड़े 140 सेंटर्स, केंद्र जल्द करे सप्लाई- AAP

रामलीला मैदान में बने 1000 ICU बेड्स

27 अप्रैल को मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने घोषणा की थी कि आगामी 10-15 दिनों के दौरान दिल्ली में 1200 आईसीयू बेड्स तैयार किए जा रहे हैं. उनमें से 500 आईसीयू बेड्स आज की तारीख में ऑपरेशनल हो चुके हैं और मुख्यमंत्री की मानें, तो बाकी 700 आइसीयू बेड्स पर भी जल्द ही मरीजों का इलाज शुरू हो जाएगा. इनमें से 500 आईसीयू बेड्स ऐतिहासिक रामलीला मैदान में तैयार किए गए हैं. जिनमें से 250 ऑपरेशन हो चुके हैं. वहीं 500 आईसीयू बेड्स जीटीबी अस्पताल के पास के रामलीला मैदान में तैयार हुए हैं, उनमें से भी 250 पर मरीज़ों का इलाज जारी है.

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एक महीने में बढ़े 5500 ICU बेड्स
15 दिन में तैयार हुए हजार नए ICU बेड्स
200 आईसीयू बेड्स राधा स्वामी सत्संग व्यास में तैयार किए जा रहे हैं. उन्हें भी आगामी कुछ दिनों में ऑपरेशनल कर दिया जाएगा. अभी की बात करें, तो दिल्ली में कुल 6308 आईसीयू बेड्स हैं. इनमें से 5741 पर मरीज हैं और 567 बेड्स खाली हैं. बीते 1 महीने के दौरान ही देखें, तो 15 अप्रैल के 747 से बढ़कर यह संख्या 6308 पर पहुंच गई है. यानी इन 1 महीने के दौरान ही 5553 नए आईसीयू बेड्स बनाए गए हैं. मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने आज प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कहा कि 1000 आईसीयू बेड्स बीते महज 15 दिनों में ही तैयार किए गए हैं.
हर तीसरे-चौथे मरीज को ICU की जरूरत
आपको बता दें कि अभी दिल्ली के अस्पतालों में भर्ती सामान्य और ऑक्सीजन की जरूरत वाले मरीजों की संख्या 17 हज़ार से ज्यादा है, वहीं आईसीयू बेड्स पर 5700 से ज्यादा मरीज हैं. यानी कुल मिलाकर 22 हज़ार से ज्यादा मरीज दिल्ली के अस्पतालों में हैं और इनमें से आईसीयू वाले मरीजों की तादाद कुल संख्या का करीब 25 फ़ीसदी है. यानी अस्पताल में भर्ती हर चौथा मरीज आईसीयू बेड पर है. डॉक्टर्स का भी यही कहना है कि इस कोरोना लहर में संक्रमित हो रहे हर तीसरे या चौथे मरीज को आईसीयू की जरूरत पड़ रही है.
नहीं थी ऑक्सीजन उत्पादन की व्यवस्था
कोरोना की चौथी लहर ने दिल्ली में जिस तरह कोहराम मचाया, उसका सबसे बड़ा कारण ऑक्सीजन की किल्लत बनी. कोरोना की इस लहर में संक्रमित हो रहे मरीजों में से ज्यादातर को ऑक्सीजन की जरूरत पड़ने लगी. लेकिन अस्पतालों में ऑक्सीजन की व्यवस्था उसके अनुसार नहीं थी. सभी अस्पताल बाहर से आने वाली ऑक्सीजन सप्लाई पर निर्भर थे. अस्पतालों के पास स्टोरेज की व्यवस्था तो थी, लेकिन उत्पादन की व्यवस्था नहीं थी. जब स्थिति बिगड़ती दिखी, तब दिल्ली सरकार ने अस्पतालों में ऑक्सीजन प्लांट लगाने की योजना बनाई.
एक महीने में लगने थे 44 ऑक्सीजन प्लांट
हालांकि वह योजना भी अब तक पूरी तरह से धरातल पर नहीं उतर सकी है. 27 अप्रैल को मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए बताया था कि अगले 1 महीने के दौरान दिल्ली में 44 ऑक्सीजन प्लांट लग जाएंगे. इनमें से आठ ऑक्सीजन प्लांट वो हैं, जो केंद्र सरकार की तरफ से लगाए जाने थे. हालांकि उनमें से भी अब तक केंद्र और दिल्ली सरकार के अस्पतालों को मिलाकर कुल 4 प्लांट ही लग सके हैं. बाकी 36 प्लान दिल्ली सरकार को खुद लगाने हैं, इन 36 में से 21 ऑक्सीजन प्लांट दिल्ली सरकार फ्रांस से आयात कर रही है.
फ्रांस से दिल्ली सरकार मंगा रही 21 प्लांट
फ्रांस से ऑक्सीजन प्लांट आयात करने का यह सिलसिला जारी है. इनमें से दो प्लांट दिल्ली सरकार के दो अस्पतालों संजय गांधी मेमोरियल अस्पताल और सत्यवादी राजा हरिश्चंद्र अस्पताल में शुरू भी हो चुके हैं. 6 मई को सत्यवादी राजा हरिश्चंद्र अस्पताल में प्लांट की शुरुआत के मौके मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल खुद उपस्थित थे. इस प्लांट की हर दिन की क्षमता 330 लीटर ऑक्सीजन उत्पादन की है. मुख्यमंत्री ने इसके लिए फ्रांस का शुक्रिया अदा किया था और बताया था कि अगले कुछ दिनों में ही और भी प्लांट विभिन्न अस्पतालों में लग जाएंगे.
कोविड कोयर सेंटर्स में भी प्लांट की व्यवस्था
दिल्ली के विभिन्न प्राइवेट अस्पताल भी अब अपना ऑक्सीजन प्लांट लगाने लगे हैं. बीते कुछ दिनों में जिन दो बड़े अस्पतालों ने खुद का ऑक्सीजन प्लांट लगाया है, उनमें बीएल कपूर अस्पताल और धर्मशिला नारायणा सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल शामिल हैं. इसके अलावा कोविड केयर सेंटर्स में भी ऑक्सीजन प्लांट लगाए जा रहे हैं. कॉमनवेल्थ गेम्स विलेज में बनाए गए कोविड केयर सेंटर में 4 मई से ऑक्सीजन प्लांट ऑपरेशनल है. हालांकि इसकी व्यवस्था वहां कोविड केयर सेंटर का संचालन कर रहे डॉक्टर्स फॉर यू संस्था ने खुद की है.


6500 पर आ गए हैं हर दिन आने वाले केस


डॉक्टर्स फॉर यू संस्था द्वारा संचालित एक और कोविड केयर सेंटर यमुना स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स में भी आगामी दिनों में ऑक्सीजन प्लांट लगाया जाने वाला है. कुल मिलाकर दिल्ली में अब बड़ी संख्या में ऑक्सीजन प्लांट लग रहे हैं. साथ ही आईसीयू बेड्स की संख्या भी बढ़ रही है. लेकिन सवाल कहीं ना कहीं इनके समय को लेकर है. ये ऐसे समय में शुरू हो रहे हैं, जब दिल्ली में हर दिन आने वाले कोरोना के नए मामलों का आंकड़ा घटकर 6500 के करीब आ गया है. लेकिन जरूरत इनकी तब थी, जब हर दिन 25 से 28 हजार नए मामले सामने आ रहे थे और ऑक्सीजन के अभाव में कई लोगों ने दम भी तोड़ दिया.

नई दिल्ली: दिल्ली में कोरोना की चौथी लहर की रफ्तार धीरे-धीरे मंद पड़ने लगी है. लेकिन शुरुआत में इसने जैसा कोहराम मचाया, उसका असर अब भी देखा जा सकता है. वही असर है, जिसके कारण दिल्ली सरकार युद्ध स्तर पर आज आइसीयू बेड्स की व्यवस्था करने में जुटी हुई है. आपको बता दें कि चौथी लहर के दौरान जो लोग कोरोना संक्रमित हुए, उनके सामने सबसे बड़ी समस्या ऑक्सीजन लेवल गिरने की थी. समय पर ऑक्सीजन न मिलने के कारण ज्यादातर की हालत बिगड़ने लगी और उन्हें आईसीयू बेड्स की जरूरत पड़ी, लेकिन तब उतनी संख्या में दिल्ली आईसीयू बेड्स की व्यवस्था नहीं थी.

एक महीने में बढ़े 5500 ICU बेड्स
15 अप्रैल को थे सिर्फ 747 ICU बेड्स
ठीक 1 महीने पहले की बात करें, तब दिल्ली में कोरोना की चौथी लहर रफ्तार पकड़ रही थी. 15 अप्रैल को 1 दिन में 16,699 नए मामले सामने आए थे और संक्रमण दर 20 फ़ीसदी को पार कर गई थी. लेकिन तब दिल्ली में कोरोना मरीजों के लिए उप्लब्ध आईसीयू बेड्स की संख्या मात्र 747 थी. हालांकि उसके बाद, अन्य बीमारियों के इलाज के लिए इस्तेमाल में आने वाले आईसीयू बेड्स को कोरोना मरीजों के लिए डेडिकेट किया गया, लेकिन तब भी यह संख्या नाकाफी साबित हुई. फिर दिल्ली सरकार ने नए आईसीयू बेड्स बनाने शुरू किए.
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एक महीने में बढ़े 5500 ICU बेड्स

ये भी पढ़ें-को-वैक्सीन की कमी के कारण बंद करने पड़े 140 सेंटर्स, केंद्र जल्द करे सप्लाई- AAP

रामलीला मैदान में बने 1000 ICU बेड्स

27 अप्रैल को मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने घोषणा की थी कि आगामी 10-15 दिनों के दौरान दिल्ली में 1200 आईसीयू बेड्स तैयार किए जा रहे हैं. उनमें से 500 आईसीयू बेड्स आज की तारीख में ऑपरेशनल हो चुके हैं और मुख्यमंत्री की मानें, तो बाकी 700 आइसीयू बेड्स पर भी जल्द ही मरीजों का इलाज शुरू हो जाएगा. इनमें से 500 आईसीयू बेड्स ऐतिहासिक रामलीला मैदान में तैयार किए गए हैं. जिनमें से 250 ऑपरेशन हो चुके हैं. वहीं 500 आईसीयू बेड्स जीटीबी अस्पताल के पास के रामलीला मैदान में तैयार हुए हैं, उनमें से भी 250 पर मरीज़ों का इलाज जारी है.

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एक महीने में बढ़े 5500 ICU बेड्स
15 दिन में तैयार हुए हजार नए ICU बेड्स
200 आईसीयू बेड्स राधा स्वामी सत्संग व्यास में तैयार किए जा रहे हैं. उन्हें भी आगामी कुछ दिनों में ऑपरेशनल कर दिया जाएगा. अभी की बात करें, तो दिल्ली में कुल 6308 आईसीयू बेड्स हैं. इनमें से 5741 पर मरीज हैं और 567 बेड्स खाली हैं. बीते 1 महीने के दौरान ही देखें, तो 15 अप्रैल के 747 से बढ़कर यह संख्या 6308 पर पहुंच गई है. यानी इन 1 महीने के दौरान ही 5553 नए आईसीयू बेड्स बनाए गए हैं. मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने आज प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कहा कि 1000 आईसीयू बेड्स बीते महज 15 दिनों में ही तैयार किए गए हैं.
हर तीसरे-चौथे मरीज को ICU की जरूरत
आपको बता दें कि अभी दिल्ली के अस्पतालों में भर्ती सामान्य और ऑक्सीजन की जरूरत वाले मरीजों की संख्या 17 हज़ार से ज्यादा है, वहीं आईसीयू बेड्स पर 5700 से ज्यादा मरीज हैं. यानी कुल मिलाकर 22 हज़ार से ज्यादा मरीज दिल्ली के अस्पतालों में हैं और इनमें से आईसीयू वाले मरीजों की तादाद कुल संख्या का करीब 25 फ़ीसदी है. यानी अस्पताल में भर्ती हर चौथा मरीज आईसीयू बेड पर है. डॉक्टर्स का भी यही कहना है कि इस कोरोना लहर में संक्रमित हो रहे हर तीसरे या चौथे मरीज को आईसीयू की जरूरत पड़ रही है.
नहीं थी ऑक्सीजन उत्पादन की व्यवस्था
कोरोना की चौथी लहर ने दिल्ली में जिस तरह कोहराम मचाया, उसका सबसे बड़ा कारण ऑक्सीजन की किल्लत बनी. कोरोना की इस लहर में संक्रमित हो रहे मरीजों में से ज्यादातर को ऑक्सीजन की जरूरत पड़ने लगी. लेकिन अस्पतालों में ऑक्सीजन की व्यवस्था उसके अनुसार नहीं थी. सभी अस्पताल बाहर से आने वाली ऑक्सीजन सप्लाई पर निर्भर थे. अस्पतालों के पास स्टोरेज की व्यवस्था तो थी, लेकिन उत्पादन की व्यवस्था नहीं थी. जब स्थिति बिगड़ती दिखी, तब दिल्ली सरकार ने अस्पतालों में ऑक्सीजन प्लांट लगाने की योजना बनाई.
एक महीने में लगने थे 44 ऑक्सीजन प्लांट
हालांकि वह योजना भी अब तक पूरी तरह से धरातल पर नहीं उतर सकी है. 27 अप्रैल को मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए बताया था कि अगले 1 महीने के दौरान दिल्ली में 44 ऑक्सीजन प्लांट लग जाएंगे. इनमें से आठ ऑक्सीजन प्लांट वो हैं, जो केंद्र सरकार की तरफ से लगाए जाने थे. हालांकि उनमें से भी अब तक केंद्र और दिल्ली सरकार के अस्पतालों को मिलाकर कुल 4 प्लांट ही लग सके हैं. बाकी 36 प्लान दिल्ली सरकार को खुद लगाने हैं, इन 36 में से 21 ऑक्सीजन प्लांट दिल्ली सरकार फ्रांस से आयात कर रही है.
फ्रांस से दिल्ली सरकार मंगा रही 21 प्लांट
फ्रांस से ऑक्सीजन प्लांट आयात करने का यह सिलसिला जारी है. इनमें से दो प्लांट दिल्ली सरकार के दो अस्पतालों संजय गांधी मेमोरियल अस्पताल और सत्यवादी राजा हरिश्चंद्र अस्पताल में शुरू भी हो चुके हैं. 6 मई को सत्यवादी राजा हरिश्चंद्र अस्पताल में प्लांट की शुरुआत के मौके मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल खुद उपस्थित थे. इस प्लांट की हर दिन की क्षमता 330 लीटर ऑक्सीजन उत्पादन की है. मुख्यमंत्री ने इसके लिए फ्रांस का शुक्रिया अदा किया था और बताया था कि अगले कुछ दिनों में ही और भी प्लांट विभिन्न अस्पतालों में लग जाएंगे.
कोविड कोयर सेंटर्स में भी प्लांट की व्यवस्था
दिल्ली के विभिन्न प्राइवेट अस्पताल भी अब अपना ऑक्सीजन प्लांट लगाने लगे हैं. बीते कुछ दिनों में जिन दो बड़े अस्पतालों ने खुद का ऑक्सीजन प्लांट लगाया है, उनमें बीएल कपूर अस्पताल और धर्मशिला नारायणा सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल शामिल हैं. इसके अलावा कोविड केयर सेंटर्स में भी ऑक्सीजन प्लांट लगाए जा रहे हैं. कॉमनवेल्थ गेम्स विलेज में बनाए गए कोविड केयर सेंटर में 4 मई से ऑक्सीजन प्लांट ऑपरेशनल है. हालांकि इसकी व्यवस्था वहां कोविड केयर सेंटर का संचालन कर रहे डॉक्टर्स फॉर यू संस्था ने खुद की है.


6500 पर आ गए हैं हर दिन आने वाले केस


डॉक्टर्स फॉर यू संस्था द्वारा संचालित एक और कोविड केयर सेंटर यमुना स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स में भी आगामी दिनों में ऑक्सीजन प्लांट लगाया जाने वाला है. कुल मिलाकर दिल्ली में अब बड़ी संख्या में ऑक्सीजन प्लांट लग रहे हैं. साथ ही आईसीयू बेड्स की संख्या भी बढ़ रही है. लेकिन सवाल कहीं ना कहीं इनके समय को लेकर है. ये ऐसे समय में शुरू हो रहे हैं, जब दिल्ली में हर दिन आने वाले कोरोना के नए मामलों का आंकड़ा घटकर 6500 के करीब आ गया है. लेकिन जरूरत इनकी तब थी, जब हर दिन 25 से 28 हजार नए मामले सामने आ रहे थे और ऑक्सीजन के अभाव में कई लोगों ने दम भी तोड़ दिया.

Last Updated : May 15, 2021, 9:01 PM IST
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