ETV Bharat / state

टू व्हीलर दुर्घटनाओं में 50 फीसदी मरने वाले पिलियन राइडर, जानिए बड़ी वजह - पीयूष तिवारी

देश और दिल्ली में हर साल सड़क हादसों में हजारों लोग अपनी जान गंवाते हैं. एक रिपोर्ट के अनुसार दुपहिया सड़क हादसों में 50 फीसदी मरने वाले पिलियन राइडर यानी पीछे बैठने वाले लोग जान गवां देते हैं. देखे ये रिपोर्ट...

50 percent Pillion rider dies in two-wheeler accidents in last three year
सड़क हादसों के महत्वपूर्ण आंकड़े
author img

By

Published : Dec 17, 2020, 8:28 PM IST

Updated : Dec 17, 2020, 8:46 PM IST

नई दिल्ली: देशभर में होने वाले सड़क हादसों में लगभग 45 हजार दुपहिया सवार लोग प्रत्येक वर्ष अपनी जान गंवा देते हैं. इनमें से लगभग 50 फीसदी संख्या दुपहिया पर पीछे बैठने वालों की होती है. वहीं दिल्ली की बात करें तो लगभग 400 दुपहिया सवार औसतन एक साल में सड़क हादसे में अपनी जान गंवाते हैं जिनमें से 50 फीसदी दुपहिया पर पीछे बैठने वाले होते हैं.

दोपहिया सड़क हादसों पर खास रिपोर्ट.

जानकारी के अनुसार राजधानी में वर्ष 2019 में जहां 15 दिसंबर तक सड़क हादसे में 1418 लोगों की जान गई थी तो वहीं इस वर्ष 15 दिसंबर तक 1078 लोग सड़क हादसे में मारे गए हैं. वर्ष 2019 में सड़क हादसों में 496 दुपहिया सवार लोग मारे गए थे. इनमें से 200 से ज्यादा लोग ऐसे थे जो हादसे के समय दुपहिया पर पीछे सवार थे. इस वर्ष लॉक डाउन के चलते सड़क हादसों में काफी कमी देखने को मिली है. इसके अलावा ट्रैफिक पुलिस के प्रयास भी काफी सराहनीय रहे हैं.

50 percent Pillion rider dies in two-wheeler accidents in last three year
सड़क हादसों के महत्वपूर्ण आंकड़े

दुपहिए के पीछे बैठे 21 हजार लोग मारे गए

सेव लाइफ फाउंडेशन के अध्यक्ष पीयूष तिवारी ने बताया कि देशभर में सबसे ज्यादा सड़क हादसों का शिकार दुपहिया चालक होते हैं. वर्ष 2018 के आंकड़े बताते हैं कि देश में कुल 1.5 लाख लोग सड़क हादसों में मारे गए थे. इनमें से लगभग 45 हजार दुपहिया चालक थे. इनमें भी दुपहिया के पीछे बैठने वालों की संख्या लगभग 21 हजार थी. दुपहिया में पीछे बैठकर जा रही लगभग 6500 महिलाओं ने वर्ष 2018 में अपनी जान गंवाई जबकि 14500 ऐसे लोग सड़क हादसों का शिकार बने जिन्होंने पीछे बैठकर हेलमेट नहीं पहना हुआ था.

50 percent Pillion rider dies in two-wheeler accidents in last three year
सड़क हादसों के महत्वपूर्ण आंकड़े

हेलमेट बचा सकता है हादसे में जान

सेव लाइफ फाउंडेशन के अधयक्ष पीयूष तिवारी ने बताया कि दुपहिया चालक एवं पीछे बैठने वाले ने अगर हेलमेट लगा रखा हो तो उनकी जान बच सकती है. उन्होंने बताया कि कई बार सड़क पर बने गड्ढे की वजह से होने वाले हादसे में भी इसलिए दुपहिया चालक की जान चली जाती है क्योंकि उन्होंने हेलमेट नहीं पहना होता. गड्ढा सामने आने पर लोग अचानक उससे बचने की कोशिश में पीछे आ रहे वाहन की चपेट में आ जाते हैं. इसके अलावा यह भी देखने में आया है कि दुपहिया चालक अपनी गाड़ी में लगे शीशे हटा लेते हैं. इसकी वजह से उन्हें यह पता ही नहीं चलता कि पीछे कितनी दूरी पर गाड़ी है और वह हादसे का शिकार हो जाते हैं. इसलिए लोगों को चाहिए कि वह अपने दुपहिए में लगे शीशे को लगाकर रखें.

50 percent Pillion rider dies in two-wheeler accidents in last three year
कहां हुए अधिक हादसे

जागरुक करने के साथ होता है एक्शन

ट्रैफिक पुलिस के संयुक्त आयुक्त मनीष अग्रवाल ने बताया की सड़क हादसों को कम करने के लिए एक तरफ जहां पुलिस लोगों को जागरूक करती है तो वहीं दूसरी तरफ नियमों का उल्लंघन करने वाले के खिलाफ एक्शन भी लिया जाता है. उन्होंने बताया कि ट्रैफिक पुलिस लगातार दुपहिया चालकों से अपील करती है कि वह हेलमेट पहनकर चलें. सड़क पर चलते समय लेन ड्राइविंग का उल्लंघन ना करें. इसके अलावा तेज रफ्तार से गाड़ी न चलाएं. उन्होंने बताया कि दुपहिया पर पीछे बैठा शख्स भी उतना ही रिस्क में होता है जितना चालक. इसलिए पीछे बैठे शख्स को भी हमेशा हेलमेट पहन कर चलना चाहिए.

50 percent Pillion rider dies in two-wheeler accidents in last three year
सड़क हादसों के महत्वपूर्ण आंकड़े

ट्रैफिक पुलिस करती है स्टडी

संयुक्त आयुक्त मनीष अग्रवाल ने बताया कि सड़क हादसों को लेकर ट्रैफिक पुलिस लगातार स्टडी करती है. प्रत्येक हादसे में यह जानने की कोशिश की जाती है कि उसका कारण क्या रहा. कई बार हादसे का शिकार होने वाले की गलती होती है तो कई बार हादसा करने वाले गाड़ी चालक की गलती होती है. इसके साथ ही कई बार सड़क की खामियां भी हादसों का कारण होती है. इससे संबंधित रिपोर्ट तैयार कर ट्रैफिक पुलिस उन विभागों को भेजती है जहां से इसमें सुधार किया जा सके.

नई दिल्ली: देशभर में होने वाले सड़क हादसों में लगभग 45 हजार दुपहिया सवार लोग प्रत्येक वर्ष अपनी जान गंवा देते हैं. इनमें से लगभग 50 फीसदी संख्या दुपहिया पर पीछे बैठने वालों की होती है. वहीं दिल्ली की बात करें तो लगभग 400 दुपहिया सवार औसतन एक साल में सड़क हादसे में अपनी जान गंवाते हैं जिनमें से 50 फीसदी दुपहिया पर पीछे बैठने वाले होते हैं.

दोपहिया सड़क हादसों पर खास रिपोर्ट.

जानकारी के अनुसार राजधानी में वर्ष 2019 में जहां 15 दिसंबर तक सड़क हादसे में 1418 लोगों की जान गई थी तो वहीं इस वर्ष 15 दिसंबर तक 1078 लोग सड़क हादसे में मारे गए हैं. वर्ष 2019 में सड़क हादसों में 496 दुपहिया सवार लोग मारे गए थे. इनमें से 200 से ज्यादा लोग ऐसे थे जो हादसे के समय दुपहिया पर पीछे सवार थे. इस वर्ष लॉक डाउन के चलते सड़क हादसों में काफी कमी देखने को मिली है. इसके अलावा ट्रैफिक पुलिस के प्रयास भी काफी सराहनीय रहे हैं.

50 percent Pillion rider dies in two-wheeler accidents in last three year
सड़क हादसों के महत्वपूर्ण आंकड़े

दुपहिए के पीछे बैठे 21 हजार लोग मारे गए

सेव लाइफ फाउंडेशन के अध्यक्ष पीयूष तिवारी ने बताया कि देशभर में सबसे ज्यादा सड़क हादसों का शिकार दुपहिया चालक होते हैं. वर्ष 2018 के आंकड़े बताते हैं कि देश में कुल 1.5 लाख लोग सड़क हादसों में मारे गए थे. इनमें से लगभग 45 हजार दुपहिया चालक थे. इनमें भी दुपहिया के पीछे बैठने वालों की संख्या लगभग 21 हजार थी. दुपहिया में पीछे बैठकर जा रही लगभग 6500 महिलाओं ने वर्ष 2018 में अपनी जान गंवाई जबकि 14500 ऐसे लोग सड़क हादसों का शिकार बने जिन्होंने पीछे बैठकर हेलमेट नहीं पहना हुआ था.

50 percent Pillion rider dies in two-wheeler accidents in last three year
सड़क हादसों के महत्वपूर्ण आंकड़े

हेलमेट बचा सकता है हादसे में जान

सेव लाइफ फाउंडेशन के अधयक्ष पीयूष तिवारी ने बताया कि दुपहिया चालक एवं पीछे बैठने वाले ने अगर हेलमेट लगा रखा हो तो उनकी जान बच सकती है. उन्होंने बताया कि कई बार सड़क पर बने गड्ढे की वजह से होने वाले हादसे में भी इसलिए दुपहिया चालक की जान चली जाती है क्योंकि उन्होंने हेलमेट नहीं पहना होता. गड्ढा सामने आने पर लोग अचानक उससे बचने की कोशिश में पीछे आ रहे वाहन की चपेट में आ जाते हैं. इसके अलावा यह भी देखने में आया है कि दुपहिया चालक अपनी गाड़ी में लगे शीशे हटा लेते हैं. इसकी वजह से उन्हें यह पता ही नहीं चलता कि पीछे कितनी दूरी पर गाड़ी है और वह हादसे का शिकार हो जाते हैं. इसलिए लोगों को चाहिए कि वह अपने दुपहिए में लगे शीशे को लगाकर रखें.

50 percent Pillion rider dies in two-wheeler accidents in last three year
कहां हुए अधिक हादसे

जागरुक करने के साथ होता है एक्शन

ट्रैफिक पुलिस के संयुक्त आयुक्त मनीष अग्रवाल ने बताया की सड़क हादसों को कम करने के लिए एक तरफ जहां पुलिस लोगों को जागरूक करती है तो वहीं दूसरी तरफ नियमों का उल्लंघन करने वाले के खिलाफ एक्शन भी लिया जाता है. उन्होंने बताया कि ट्रैफिक पुलिस लगातार दुपहिया चालकों से अपील करती है कि वह हेलमेट पहनकर चलें. सड़क पर चलते समय लेन ड्राइविंग का उल्लंघन ना करें. इसके अलावा तेज रफ्तार से गाड़ी न चलाएं. उन्होंने बताया कि दुपहिया पर पीछे बैठा शख्स भी उतना ही रिस्क में होता है जितना चालक. इसलिए पीछे बैठे शख्स को भी हमेशा हेलमेट पहन कर चलना चाहिए.

50 percent Pillion rider dies in two-wheeler accidents in last three year
सड़क हादसों के महत्वपूर्ण आंकड़े

ट्रैफिक पुलिस करती है स्टडी

संयुक्त आयुक्त मनीष अग्रवाल ने बताया कि सड़क हादसों को लेकर ट्रैफिक पुलिस लगातार स्टडी करती है. प्रत्येक हादसे में यह जानने की कोशिश की जाती है कि उसका कारण क्या रहा. कई बार हादसे का शिकार होने वाले की गलती होती है तो कई बार हादसा करने वाले गाड़ी चालक की गलती होती है. इसके साथ ही कई बार सड़क की खामियां भी हादसों का कारण होती है. इससे संबंधित रिपोर्ट तैयार कर ट्रैफिक पुलिस उन विभागों को भेजती है जहां से इसमें सुधार किया जा सके.

Last Updated : Dec 17, 2020, 8:46 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.