नई दिल्ली/आगरा: यमुना एक्सप्रेस वे पर हुए भीषण सड़क हादसे में पांच लोग जिंदा जल गए. कार में इतनी भीषण आग लगी कि कार सवार लोग मदद के लिए चिल्लाते रहे और सामने खड़े लोग केवल देखते रहे. और फिर देखते ही देखते पांच लोग जिंदा जल कर खत्म हो गए. जलती कार से बाहर निकलने के लिए वो शीशे को पीटते रहे, चिल्लाते रहे लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ. दो बच्चे समेत पांच लोग जिंदा जल गए.
यह हादसा मंगलवार की सुबह के वक्त हुआ. एक कार में सवार पांच लोग लखनऊ से दिल्ली के लिए निकले थे. कार में संदीप शर्मा, मुरली मनोहर सरोज, सीमा देवी, मंजू देवी और सिरताज सवार थे. सुबह के वक्त बाकी लोग नींद में थे और संदीप कार चला रहे थे. यमुना एक्सप्रेस-वे पर खंदौली टोल प्लाजा से पहले कार सामने से आ रहे एक कंटेनर से टकरा गई. कार, कंटेनर के फ्यूल टैंक से टकराई थी. कंटेनर का फ्यूल टैंक फट गया और कार में लगी आग ने देखते ही देखते विकराल रूप ले लिया.
कार में सेंट्रल लॉक होने की वजह से सभी लोग उसमें फंस गए. मदद के लिए चिल्लाते रहे, चीखते रहे लेकिन कोई असर नहीं हुआ. आसपास के लोग मौके पर पहुंचे जरुर लेकिन वो भी खुद को बेबस पा रहे थे. और फिर देखते ही देखते ही पांचों लोग जिंदा जल गए. कार में अब केवल उनके कंकाल ही बचे थे. मृतक संदीप की एक साल पहले ही शादी हुई थी. उनकी पत्नी सपना गर्भवती हैं.
संदीप के घर में खुशियां आने से पहले ही मातम छा गया. अब उनकी पत्नी बच्चे को जन्म तो देंगी लेकिन उसे बाप की गोद नसीब नहीं होगी. संदीप उन्नाव के मिर्जापुर अजिगांव के रहने वाले थे. स्थानीय लोगों का कहना है कि सूचना देने के करीब एक घंटे बाद पुलिस मौके पर पहुंची थी. चश्मदीद का कहना है कि यदि पुलिस और दमकल की गाड़ी वक्त रहते मौके पर पहुंच जाती तो शायद जिंदगियों को बचाया जा सकता था.
सुहाने सफर पर निकले लोगों के लिए यमुना एक्सप्रेस वे मौत का ठिकाना बन गया. अब परिवार में सिवाय मातम के और कुछ नहीं. रफ्तार के कहर ने एक बार फिर पांच लोगों की जिंदगियां छीन लीं.