नई दिल्ली: पुस्तक प्रेमियों के लिए दिल्ली के प्रगति मैदान में गुरुवार से 26वां दिल्ली पुस्तक मेला शुरू हो गया है. मेले का उद्घाटन भारतीय व्यापार संवर्धन संगठन (आइटीपीओ) के सीएमडी प्रदीप सिंह खारोला ने किया. यह मेला 26 दिसंबर तक चलेगा. खास बात यह है कि सभी की एंट्री निशुल्क है. पुस्तक प्रेमी प्रगति मैदान के गेट नंबर चार और 10 से प्रवेश ले सकते हैं. इन गेटों पर फ्री शटल सेवा भी उपलब्ध रहेगी.
आईटीपीओ के सीएमडी प्रदीप सिंह खारोला ने कहा कि फिजिकल मोड में तीन साल के अंतराल के बाद इस मेले के आयोजन किया गया है. उन्होंने कहा कि डिजिटल क्रांति ने पढ़ने की आदतों पर प्रभाव डाला है. लेकिन किताबें सूचना और प्रेरणा की स्रोत हैं. किताबें एक बड़ा खजाना हैं और डिजिटल रूप भी ले चुकी हैं. आने वाले दिनों में हम मेले में बड़ी संख्या में आगंतुकों के आने की उम्मीद कर रहे हैं क्योंकि आईटीपीओ और एफआईपी ने इस प्रदर्शनी के आयोजन में काफी मेहनत किए हैं. उन्होंने कहा कि किताबें डिजिटल होने के बावजूद सार्थक बनी रहेंगी. उन्होंने कहा कि उद्योग को बढ़ावा देने और अगली पीढ़ी में पढ़ने की आदत को प्रोत्साहित करने के लिए आईटीपीओ ने छात्रों को मेले में नि:शुल्क प्रवेश देने का निर्णय लिया है.
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एफआईपी के अध्यक्ष रमेश के मित्तल ने कहा कि आइटीपीओ और एफआईपी दोनों पुस्तक प्रेमियों और भारतीय प्रकाशन बिरादरी के लिए इस प्रमुख वार्षिक कार्यक्रम को आयोजित करने के लिए 1995 से कड़ी मेहनत कर रहे हैं और एक साथ आगे बढ़ रहे हैं. अब यह एक प्रमुख मेला बन गया है. उन्होंने इस मेले की थीम "आज़ादी का अमृत महोत्सव - और प्रगति यात्रा - प्रगति मैदान पुनर्विकास योजना का दौरा" चुनने के लिए आईटीपीओ की सराहना की. इन मेलों में भारत की लगभग 100 अग्रणी कंपनियों ने भाग लिया है. दिल्ली पुस्तक मेला और इससे जुड़े कार्यक्रमों का आयोजन प्रगति मैदान के हॉल 3 और 4 (नए हॉल) में किया गया है. मेलों के दौरान विभिन्न सहायक कार्यक्रम भी आयोजित किए जाने हैं.
जहां किताबों पर छूट वहां दिखी ज्यादा चहल पहल
दिल्ली बुक फेयर में काफी संख्या में युवा पहुंचे. किसी को प्रतियोगी परीक्षा के लिए किताबें लेनी थी तो किसी को धार्मिक पुस्तकें, तो किसी को नोवेल चाहिए था. यहां पर छोटे बच्चों के लिए उनकी पसंद की रंग-बिरंगी किताबों को भी रखा गया है. बताते चलें कि इस मेले में दिल्ली से करीब 90 प्रकाशक हिस्सा ले रहे हैं.
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