नई दिल्ली: जी-20 सम्मेलन को लेकर दिल्ली एम्स में दिल्ली सरकार के स्टाफ को सीपीआर की विशेष ट्रेनिंग दी गई. इसके अलावा कार्डिएक इमरजेंसी के लिये एडवांस कार्डिएक लाइफ सपोर्ट ट्रेनिंग दी गई. जी-20 शिखर सम्मेलन को देखते हुए तैयारियां जोरों पर है. सम्मेलन को लेकर दिल्ली के प्रमुख अस्पतालों को विशेष तैयारियों के साथ अलर्ट मोड पर रखा गया है. दिल्ली सरकार के सभी स्टाफ को किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए खास तौर से प्रशिक्षित भी किया जा रहा है. इन तैयारियों के साथ कार्डिएक इमरजेंसी यानी हृदय संबंधी किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए दिल्ली सरकार के स्टाफ को एम्स दिल्ली में एडवांस सीपीआर ट्रेनिंग दी गई.
60-65 प्रतिशत प्रैक्टिकल ट्रेनिंग: एडवांस कार्डिएक लाइफ सपोर्ट ट्रेनिंग प्रोग्राम एम्स में दो दिनों तक चलाया गया. बड़ी संख्या में दिल्ली सरकार के कर्मचारियों ने इसमें हिस्सा लिया. उन्हें एम्स के कंवर्जन्स ब्लॉक के सेकेंड फ्लोर पर स्थिति विशेष लैब में ट्रेनिंग कराई गई. डॉ. ने बताया कि एम्स में दिल्ली सरकार के स्टाफ को दो दिनों तक जीवन रक्षक एडवांस कार्डिएक लाइफ सपोर्ट ट्रेनिंग दी गई. ट्रेनिंग के दौरान 60-65 प्रतिशत प्रैक्टिकल ट्रेनिंग दी गई. इसमें 30-35 प्रतिशत तक सैद्धांतिक चीजें बताने की भी कोशिश की गई. उन्हें प्रैक्टिकली बताया गया कि किसी कार्डिएट इमरजेंसी में रेस्पोंस करना है और कैसे समय रहते पीड़ित तक मदद पहुंचानी है. स्किल लैब में इमरजेंसी में अलग-अलग मेडिकल उपकरणों का इस्तेमाल करना सिखाया गया.
एडवांस कार्डिएक लाइफ सपोर्ट बेहतर: डॉ. ने बताया कि किसी भी कार्डिएक इमरजेंसी में सीपीआर प्रारंभिक मेडिकल इंटरवेंशन हो सकता है, लेकिन इससे मरीज की जान बचने की संभावना कम होती है. एडवांस कार्डिएक लाइफ सपोर्ट इंटरवेंशन से ही मरीजों को खतरे से बाहर लाया जा सकता है. कोई राह चलते हुए या काम करते हुए या डांस करते हुए अचानक से गिर जाते हैं और फिर उठ नहीं पाते हैं. ऐसे मरीजों को अचानक हृदयघात होता है जो काफी जानलेवा होता है. एडवांस कार्डिएक लाइफ सपोर्ट एक ऐसी विधि है जिससे ऐसी परिस्थिति में जान बचाई जा सकती है. इससमें हम देखते हैं कि मरीज को क्या हुआ था, जिसके कारण कार्डिएट अरेस्ट हुआ. मरीज को तत्काल ऐसी दवाई देते हैं जो उसकी कंडीशन को तत्काल ठीक कर सके.
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