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CM योगी के आदेश की उड़ रही धज्जियां, सड़कों पर है गड्ढे ही गड्ढे

नई दिल्ली/गाजियाबादः उत्तर प्रदेश में योगी सरकार ने जिम्मा संभालते ही 6 महीने के भीतर सभी गड्ढों को भरने का आदेश दिया था. लेकिन प्रशासन इस कदर लापरवाह है कि न तो अब तक गड्ढों को ठीक किया गया और जो सड़कें बनी थी वह भी गड्ढों में तब्दील हो गई. एक इलाका तो ऐसा है जहां रोड पर गड्ढों में शौचालय का पानी भरा हुआ है जिससे लोग बदबू में रहने को मजबूर है.

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Published : Feb 18, 2019, 8:08 PM IST

सड़कों पर है गड्ढे ही गड्ढे

गाजियाबाद कहने को तो एनसीआर का हिस्सा है लेकिन हालात इतने खराब है कि कुछ शहरी हिस्से भी गांव से ज्यादा बदतर हैं. मामला साहिबाबाद के लाजपत नगर का है जहां सड़कों के हालात इतने बदतर है कि यह समझना मुश्किल है कि सड़क में गड्ढे है कि गड्ढों में सड़क. हैरानी की बात यह है कि सड़क के पास से जा रही शौचालय की पाइपलाइन का गंदा पानी इन गड्ढों में लगातार भरा रहता है. जिससे लोगों को गंदगी से होकर गुजरना पड़ता है.

सड़कों पर है गड्ढे ही गड्ढे
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गड्ढों से बच्चों को लगती है चोट
आसपास के दुकानदारों ने बताया कि इसमें लगातार बच्चे गिरते रहते हैं. जिससे उनको चोट लगती रहती है. उनका कहना है कि इसकी शिकायत कितनी ही बार प्रशासन से कि गई लेकिन शिकायत के बावजूद गड्ढों को नहीं भरा गया है.
हालांकि इस तरह की कई सड़कें हैं जहां पर गड्ढे हैं और पड़ताल में यह भी साफ हुआ है कि कुछ जगह पर सड़कें महज 6 महीने पहले ही बनाई गई थी और उनकी गुणवत्ता खराब होने की वजह से वह दोबारा टूट गई है.

गाजियाबाद कहने को तो एनसीआर का हिस्सा है लेकिन हालात इतने खराब है कि कुछ शहरी हिस्से भी गांव से ज्यादा बदतर हैं. मामला साहिबाबाद के लाजपत नगर का है जहां सड़कों के हालात इतने बदतर है कि यह समझना मुश्किल है कि सड़क में गड्ढे है कि गड्ढों में सड़क. हैरानी की बात यह है कि सड़क के पास से जा रही शौचालय की पाइपलाइन का गंदा पानी इन गड्ढों में लगातार भरा रहता है. जिससे लोगों को गंदगी से होकर गुजरना पड़ता है.

सड़कों पर है गड्ढे ही गड्ढे
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गड्ढों से बच्चों को लगती है चोट
आसपास के दुकानदारों ने बताया कि इसमें लगातार बच्चे गिरते रहते हैं. जिससे उनको चोट लगती रहती है. उनका कहना है कि इसकी शिकायत कितनी ही बार प्रशासन से कि गई लेकिन शिकायत के बावजूद गड्ढों को नहीं भरा गया है.
हालांकि इस तरह की कई सड़कें हैं जहां पर गड्ढे हैं और पड़ताल में यह भी साफ हुआ है कि कुछ जगह पर सड़कें महज 6 महीने पहले ही बनाई गई थी और उनकी गुणवत्ता खराब होने की वजह से वह दोबारा टूट गई है.

Intro:गाजियाबाद। उत्तर प्रदेश में योगी सरकार ने जिम्मा संभालते ही 6 महीने के भीतर सभी गड्ढों को भरने का आदेश दिया था। लेकिन प्रशासन ने अब तक गड्ढों को ठीक तरीके से काम नहीं किया है। जहां पर सड़के बनाई गई थी वह सड़के फिर से टूट गई है। कई जगह पर ऐसा लगता है कि सड़क में गड्ढे नहीं, बल्कि गड्ढे में सड़क है। एक इलाका तो ऐसा है जहां पर रोड के गड्ढों में शौचालय का पानी भरा हुआ है। लोग बदबू और मुसीबत से परेशान हैं।


Body:गाजियाबाद वैसे तो एनसीआर का हिस्सा है।लेकिन कई जगहों पर यहां हालत बहुत दयनीय है।शहरी हिस्से में भी गांव से ज्यादा बदतर हालात हैं। उन्हीं में से कुछ इलाके से हैं जहां पर या तो गड्ढे भरे नहीं गए या फिर उन गड्ढों को भर कर सड़क बनाई गई तो उनकी गुणवत्ता अच्छी नहीं थी।गाजियाबाद में हमने कई जगह देखा जहां पर आज भी सड़क में गड्ढे हैं।उन्हीं में से एक इलाका है साहिबाबाद लाजपत नगर जाने वाला रास्ता। थाने के ठीक पड़ोस में से होकर गुजरने वाली मुख्य सड़क में इतने गड्ढे हैं कि वहां समझ नहीं आता कि सड़क में गड्ढे हैं या गड्ढे में सड़क है। हैरानी इस बात की है कि पास से जा रही शौचालय की पाइपलाइन का गंदा पानी इन गड्ढों में लगातार भरा रहता है। जिससे लोगों को गंदगी और मुसीबत से दो-चार होकर गुजरना पड़ता है।आसपास के दुकानदारों से हमने बात की तो उनका कहना है कि इसमें लगातार बच्चे गिरते रहते हैं। और उनको चोट भी लगती रहती है। लेकिन प्रशासन से शिकायत के बावजूद गड्ढों को नहीं भरा गया है।


Conclusion:हालांकि इस तरह की कई सड़कें हैं जहां पर गड्ढे पाए गए हैं। और पड़ताल में यह भी साफ हुआ है कि कुछ जगह पर सड़कें महज 6 महीने पहले ही बनाई गई थी और उनकी गुणवत्ता खराब होने की वजह से वह दोबारा टूट गई है। ऐसे में इन गड्ढों के अंदर से शौचालय के पानी की जो गंदी बदबू आ रही है उससे ज्यादा बदबू भ्रष्टाचार की आ रही है।सवाल यह है कि जब उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री का आदेश था कि सभी जगह गड्ढे भर दिए जाएं और आगे भी इस बात की देखभाल की जाए कि कहीं गड्ढा ना हो तो फिर जिला प्रशासन क्यों इन मामलों पर उदासीनता अपना रहा है।
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