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जान चली जाएगी पर अनशन खत्म नहीं होगा: पूर्व सैनिक - new delhi

पाकिस्तान के साथ सभी रिश्ते खत्म करने की मांग को लेकर एक पूर्व सैनिक आमरण अनशन पर बैठ गए हैं. देवी मंदिर में यह आमरण अनशन किया जा रहा है. सैनिक ने चेतावनी दी है कि अगर मांगे नहीं मानी गई तो अपनी मौत तक धरने पर बैठा रहूंगा। फिलहाल धरने को 4 दिन हो गए हैं.

जान चली जाएगी पर अनशन खत्म नहीं होगा: पूर्व सैनिक
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Published : Feb 22, 2019, 7:17 PM IST

नई दिल्ली/गाजियाबाद: डासना देवी मंदिर में पूर्व सैनिक परमिंदर आर्य आमरण अनशन पर बैठे गए हैं. सीआरपीएफ के जवानों की शहादत से वह इतने आहत हुए हैं कि उन्होंने सरकार से पाकिस्तान के सभी रिश्ते खत्म करने की मांग को लेकर आमरण अनशन शुरू कर दिया है. परमिंदर आर्य का कहना है कि देश की रक्षा करने वाले जवानों की शहादत को शत-शत सच्ची श्रद्धांजलि मिल पाएगी जब पाकिस्तान को शत्रु देश घोषित कर दिया जाए। उससे हर तरीके की संधि खत्म कर दी जाए. और किसी भी तरह का व्यापार ना किया जाए.

'सबसे बड़ा शत्रु पाकिस्तान है'
पूर्व सैनिक परमिंदर आर्य का ने कहा कि अभी तक नागरिकों को यह भी नहीं पता है कि हमारा शत्रु देश कौन है. जबकि सबसे बड़ा शत्रु पाकिस्तान है. और वह लगातार इन हरकतों को करने से बाज नहीं आ रहा है. पूर्व सैनिक का कहना है कि समझौता एक्सप्रेस को भी बंद कर देना चाहिए. जिससे पाकिस्तान में आवाजाही ना हो. सैनिकों की सबसे बड़ी समस्या यह है कि जिन आतंकवादियों को सेना पकड़ती है उनको सही वक्त पर सजा नहीं मिल पाती है. आतंकवादी जेल से बैठकर भी योजना बनाते रहते हैं. अगर फास्ट ट्रैक में आतंकवादियों को सजा मिले तो आतंकवाद खत्म हो सकता है.

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'कई लोग दें रहे हैं साथ'
पूर्व सैनिक ने कहा है कि अगर मांगें नहीं मानी गईं तो वह आमरण अनशन पर बैठे रहेंगे. जब तक उनकी जान नहीं चली जाएगी तब तक अनशन खत्म नहीं होगा. आपको बता दें कि डासना का देवी मंदिर प्राचीन मंदिर है. हजारों लोग रोज मंदिर में पहुंचते हैं. और वह भी इस आमरण अनशन पर बैठे सैनिक से मुलाकात करते हैं. जो भी मंदिर में आ रहा है वह सैनिक का साथ देने की बात कह रहा है.

नई दिल्ली/गाजियाबाद: डासना देवी मंदिर में पूर्व सैनिक परमिंदर आर्य आमरण अनशन पर बैठे गए हैं. सीआरपीएफ के जवानों की शहादत से वह इतने आहत हुए हैं कि उन्होंने सरकार से पाकिस्तान के सभी रिश्ते खत्म करने की मांग को लेकर आमरण अनशन शुरू कर दिया है. परमिंदर आर्य का कहना है कि देश की रक्षा करने वाले जवानों की शहादत को शत-शत सच्ची श्रद्धांजलि मिल पाएगी जब पाकिस्तान को शत्रु देश घोषित कर दिया जाए। उससे हर तरीके की संधि खत्म कर दी जाए. और किसी भी तरह का व्यापार ना किया जाए.

'सबसे बड़ा शत्रु पाकिस्तान है'
पूर्व सैनिक परमिंदर आर्य का ने कहा कि अभी तक नागरिकों को यह भी नहीं पता है कि हमारा शत्रु देश कौन है. जबकि सबसे बड़ा शत्रु पाकिस्तान है. और वह लगातार इन हरकतों को करने से बाज नहीं आ रहा है. पूर्व सैनिक का कहना है कि समझौता एक्सप्रेस को भी बंद कर देना चाहिए. जिससे पाकिस्तान में आवाजाही ना हो. सैनिकों की सबसे बड़ी समस्या यह है कि जिन आतंकवादियों को सेना पकड़ती है उनको सही वक्त पर सजा नहीं मिल पाती है. आतंकवादी जेल से बैठकर भी योजना बनाते रहते हैं. अगर फास्ट ट्रैक में आतंकवादियों को सजा मिले तो आतंकवाद खत्म हो सकता है.

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'कई लोग दें रहे हैं साथ'
पूर्व सैनिक ने कहा है कि अगर मांगें नहीं मानी गईं तो वह आमरण अनशन पर बैठे रहेंगे. जब तक उनकी जान नहीं चली जाएगी तब तक अनशन खत्म नहीं होगा. आपको बता दें कि डासना का देवी मंदिर प्राचीन मंदिर है. हजारों लोग रोज मंदिर में पहुंचते हैं. और वह भी इस आमरण अनशन पर बैठे सैनिक से मुलाकात करते हैं. जो भी मंदिर में आ रहा है वह सैनिक का साथ देने की बात कह रहा है.

Intro:गाजियाबाद। पाकिस्तान के साथ सभी रिश्ते खत्म करने की मांग को लेकर एक पूर्व सैनिक आमरण अनशन पर बैठ गए हैं। देवी मंदिर में यह आमरण अनशन किया जा रहा है। सैनिक ने चेतावनी दी है कि अगर मांगे नहीं मानी गई तो अपनी मौत तक धरने पर बैठा रहूंगा। फिलहाल धरने को 4 दिन हो गए हैं।


Body:गाजियाबाद के डासना देवी मंदिर में पूर्व सैनिक परमिंदर आर्य आमरण अनशन पर बैठे हुए हैं। सीआरपीएफ के जवानों की शहादत से वह इतने आहत हुए हैं कि उन्होंने सरकार से पाकिस्तान के सभी रिश्ते खत्म करने की मांग को लेकर आमरण अनशन शुरू किया है। परमिंदर आर्य का कहना है कि देश की रक्षा करने वाले जवानों की शहादत को शत-शत सच्ची श्रद्धांजलि मिल पाएगी जब पाकिस्तान को शत्रु देश घोषित कर दिया जाए। उससे हर तरीके की संधि खत्म कर दी जाए। और किसी भी तरह का व्यापार ना किया जाए। अभी तक नागरिकों को यह भी नहीं पता है कि हमारा शत्रु देश कौन है। जबकि सबसे बड़ा शत्रु पाकिस्तान है। और वह लगातार इन हरकतों को करने से बाज नहीं आ रहा है। पूर्व सैनिक का कहना है कि समझौता एक्सप्रेस को भी बंद कर देना चाहिए। जिससे पाकिस्तान में आवाजाही ना हो।उन्होंने कहा कि सैनिकों की सबसे बड़ी समस्या यह है कि जिन आतंकवादियों को सेना पकड़ती है उनको सही वक्त पर सजा नहीं मिल पाती है। आतंकवादी जेल से बैठकर भी योजना बनाते रहते हैं। अगर फास्ट ट्रेक में आतंकवादियों को सजा मिले तो आतंकवाद खत्म हो सकता है। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान के साथ किसी भी तरह का रिश्ता अब बर्दाश्त नही है।


Conclusion:पूर्व सैनिक ने कहा है कि अगर मांगे नहीं मानी गई तो वह आमरण अनशन पर बैठे रहेंगे। ऐसे में जब तक उनकी जान नहीं चली जाएगी तब तक यह अनशन खत्म नहीं होगा। यहां आपको यह भी बता दें कि डासना का देवी मंदिर प्राचीन मंदिर है। और इसकी दूरदराज तक मान्यता है। हजारों लोग रोज मंदिर में पहुंचते हैं। और वह भी इस आमरण अनशन पर बैठे सैनिक से मुलाकात करते हैं। जो भी मंदिर में आ रहा है वह सैनिक का साथ देने की बात कह रहा है।
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