यहां हुई बारिश और ओलों ने सबकुछ बर्बाद कर रख दिया. फैक्ट्री की छत भरभरा कर गिर गई. वहीं फैक्ट्री की बड़ी वाली दीवार भी ईंटों समेत नीचे गिर गई. फैक्ट्री के आसपास 2 गार्ड मौजूद थे, जिनमें से एक की मौत हो गई.
मृतक के परिवार में मातम
मृतक के परिवार का रो-रो कर बुरा हाल है. बारिश के साथ तेज हवा भी चली जिससे छत का एक बड़ा हिस्सा दूर तक जाकर गिरा. ऐसा मंजर एनसीआर में पहले कभी सामने नहीं आया था. एक तरफ नोएडा में जहां बर्फबारी जैसा माहौल हो गया और कहा जाने लगा कि यह पहाड़ों का इलाका है, तो वहीं गाजियाबाद में हुई तबाही के बाद भी यह कहा जा सकता है कि मंजर चट्टानों के खिसकने से कम नहीं था. फिलहाल फैक्ट्री को भी बंद कर दिया गया है.
'पहले कभी नहीं देखा ऐसा नजारा'
ओले गिरने के बाद लोगों का ये कहना था कि ऐसा पहले कभी नहीं देखा. पिछले कुछ दिनों में गाजियाबाद की अगर बात करें तो यहां पर अलग-अलग तरह के मौसम देखने को मिल रहे हैं. फरवरी के महीने में लगातार घना कोहरा भी छाया रहा तो तेज बारिश भी हुई. वहीं भूकंप भी दो बार आ चुका है और ओलों की बरसात ने जो बुरा हाल किया उसको सोचकर भी मसूरी इलाके के लोगों के शरीर में कंपकंपी दौड़ जाती है.