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अमेरिका में नौकरी पर आएगा भारी संकट, पद संभालने से पहले रामास्वामी का बड़ा संकेत - US COST CUTTING

अमेरिका में विवेक रामास्वामी एफबीआई (FBI) में नौकरशाहों की भारी छंटनी करना चाहते हैं. इसे देश की तरक्की के लिए जरूरी बताया.

Indian-origin entrepreneur turned politician Vivek Ramaswamy
अमेरिका में उद्यमी से राजनेता बने भारतीय मूल के विवेक रामास्वामी (ANI)
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Nov 16, 2024, 11:14 AM IST

वाशिंगटन: अमेरिका में बड़े पैमाने पर नौकरशाहों की नौकरी जाने वाली है. उद्यमी से राजनेता बने भारतीय मूल के विवेक रामास्वामी ने इसके संकेत दिए हैं.

उन्होंने सांकेतिक रूप से कहा कि एलन मस्क नौकरियों से छंटना में छेनी (तराशने वाला औजार) का नहीं बल्कि चेनसॉ (काटने वाली बड़ी मशीन) का इस्तेमाल करते हैं. यही नहीं उन्होंने ये भी कहा कि नौकरशाहों की अधिक संख्या अच्छा नहीं है. इससे सरकार पर आर्थिक बोझ के साथ-साथ इनोवेशन पर भी असर पड़ता है.

विवेक रामास्वामी और टेस्ला प्रमुख एलन मस्क को नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अमेरिका को महान राष्ट्र बनाने के लिए बड़ी जिम्मेदारी सौंपी है. रामास्वामी ने गुरुवार को फ्लोरिडा के मार-ए-लागो में आयोजित एक कार्यक्रम में कहा कि वह और एलन मस्क लाखों संघीय नौकरशाहों को बाहर निकालने की प्रक्रिया शुरू करने की स्थिति में हैं. इसी तरह वह इस देश को बचाएंगे.

रामास्वामी ने कहा कि मुझे नहीं पता कि आप एलन को जानते हैं या नहीं, लेकिन वह छेनी (तराशने वाला औजार) नहीं लाते हैं. वह चेनसॉ (काटने वाली बड़ी मशीन) लाते हैं. हम इसे नौकरशाही के पास ले जा रहे हैं. यह बहुत मजेदार होने वाला है.

उन्होंने आगे कहा कि हमे पिछले चार सालों में यह विश्वास करना सिखाया गया है कि हम एक पतनशील राष्ट्र बन गए हैं. हम प्राचीन रोमन साम्राज्य के अंत में हैं. मुझे नहीं लगता कि हमें उस पतनशील राष्ट्र के रूप में रहना चाहिए. मुझे लगता है कि पिछले हफ्ते जो कुछ हुआ उसके साथ हम फिर से एक उत्थानशील राष्ट्र बन गए हैं. एक ऐसा राष्ट्र जिसके सबसे अच्छे दिन अभी भी हमारे सामने है.

रामास्वामी ने कहा, 'अमेरिका में सुबह होने जा रही है. एक नए सवेरे की शुरुआत होगी. एक ऐसे देश की शुरुआत होगी जहां हमारे बच्चे बड़े होंगे और हम उन्हें बताएंगे और यह बात सच साबित होगी कि आप अपनी कड़ी मेहनत, प्रतिबद्धता और समर्पण के साथ अमेरिका में फिर से आगे बढ़ेंगे. आप हर कदम पर अपनी बात कहने के लिए स्वतंत्र होंगे और सबसे अच्छे व्यक्ति को नौकरी मिलेगी चाहे उसका रंग कुछ भी हो.'

इस बीच मस्क और रामास्वामी ने घोषणा की कि वे सरकारी दक्षता विभाग (DOGE) के कार्यों की प्रगति पर अमेरिकी जनता को अपडेट करने के लिए हर हफ्ते लाइवस्ट्रीम करेंगे. रामास्वामी ने कहा, 'हमारा लक्ष्य सरकार के आकार को छोटा करना और जनता के साथ यथासंभव पारदर्शी होना है. साप्ताहिक 'डॉगकास्ट' जल्द ही शुरू होंगे.'

सरकारी दक्षता विभाग (DOGE) का काम सिस्टम में सुधार करना है जिससे देश महान बन सके. इसे ऐसा विभाग बनाना है जिसपर ट्रंप सरकार को गर्व हो. एलन मस्क और मैं राष्ट्रपति ट्रंप द्वारा हमें दिए गए जनादेश को पूरा करने के लिए तत्पर हैं.

रामास्वामी ने कहा कि नौकरशाहों की अधिक संख्या का अर्थ कम इनोवेशन और अधिक खर्च है. उन्होंने कहा कि यह अमेरिकी खाद्य एवं औषधि प्रशासन (एफडीए), परमाणु विनियामक आयोग (एनआरसी) और अनगिनत अन्य 3-अक्षर एजेंसियों के साथ एक वास्तविक समस्या है.

उन्होंने आगे कहा, 'वे इस बात से पूरी तरह अनभिज्ञ हैं कि कैसे उनके दैनिक निर्णय नए आविष्कारों को रोकते हैं और लागत लगाते हैं जो विकास को रोकते हैं. हम देश में सबसे प्रतिभाशाली दिमागों को इकट्ठा कर रहे हैं. रामास्वामी ने बड़ी बात कही कि उन्हें लगता है कि देश को पीछे धकेलने वाली मुख्य समस्या संघीय नौकरशाही है. उस लागत को लक्षित करें, पैसे बचाएं, स्वशासन को बहाल करें.

ये भी पढ़ें- ट्रंप ने चेउंग को व्हाइट हाउस का संचार निदेशक तो बर्गम को बनाया गृह मंत्री

वाशिंगटन: अमेरिका में बड़े पैमाने पर नौकरशाहों की नौकरी जाने वाली है. उद्यमी से राजनेता बने भारतीय मूल के विवेक रामास्वामी ने इसके संकेत दिए हैं.

उन्होंने सांकेतिक रूप से कहा कि एलन मस्क नौकरियों से छंटना में छेनी (तराशने वाला औजार) का नहीं बल्कि चेनसॉ (काटने वाली बड़ी मशीन) का इस्तेमाल करते हैं. यही नहीं उन्होंने ये भी कहा कि नौकरशाहों की अधिक संख्या अच्छा नहीं है. इससे सरकार पर आर्थिक बोझ के साथ-साथ इनोवेशन पर भी असर पड़ता है.

विवेक रामास्वामी और टेस्ला प्रमुख एलन मस्क को नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अमेरिका को महान राष्ट्र बनाने के लिए बड़ी जिम्मेदारी सौंपी है. रामास्वामी ने गुरुवार को फ्लोरिडा के मार-ए-लागो में आयोजित एक कार्यक्रम में कहा कि वह और एलन मस्क लाखों संघीय नौकरशाहों को बाहर निकालने की प्रक्रिया शुरू करने की स्थिति में हैं. इसी तरह वह इस देश को बचाएंगे.

रामास्वामी ने कहा कि मुझे नहीं पता कि आप एलन को जानते हैं या नहीं, लेकिन वह छेनी (तराशने वाला औजार) नहीं लाते हैं. वह चेनसॉ (काटने वाली बड़ी मशीन) लाते हैं. हम इसे नौकरशाही के पास ले जा रहे हैं. यह बहुत मजेदार होने वाला है.

उन्होंने आगे कहा कि हमे पिछले चार सालों में यह विश्वास करना सिखाया गया है कि हम एक पतनशील राष्ट्र बन गए हैं. हम प्राचीन रोमन साम्राज्य के अंत में हैं. मुझे नहीं लगता कि हमें उस पतनशील राष्ट्र के रूप में रहना चाहिए. मुझे लगता है कि पिछले हफ्ते जो कुछ हुआ उसके साथ हम फिर से एक उत्थानशील राष्ट्र बन गए हैं. एक ऐसा राष्ट्र जिसके सबसे अच्छे दिन अभी भी हमारे सामने है.

रामास्वामी ने कहा, 'अमेरिका में सुबह होने जा रही है. एक नए सवेरे की शुरुआत होगी. एक ऐसे देश की शुरुआत होगी जहां हमारे बच्चे बड़े होंगे और हम उन्हें बताएंगे और यह बात सच साबित होगी कि आप अपनी कड़ी मेहनत, प्रतिबद्धता और समर्पण के साथ अमेरिका में फिर से आगे बढ़ेंगे. आप हर कदम पर अपनी बात कहने के लिए स्वतंत्र होंगे और सबसे अच्छे व्यक्ति को नौकरी मिलेगी चाहे उसका रंग कुछ भी हो.'

इस बीच मस्क और रामास्वामी ने घोषणा की कि वे सरकारी दक्षता विभाग (DOGE) के कार्यों की प्रगति पर अमेरिकी जनता को अपडेट करने के लिए हर हफ्ते लाइवस्ट्रीम करेंगे. रामास्वामी ने कहा, 'हमारा लक्ष्य सरकार के आकार को छोटा करना और जनता के साथ यथासंभव पारदर्शी होना है. साप्ताहिक 'डॉगकास्ट' जल्द ही शुरू होंगे.'

सरकारी दक्षता विभाग (DOGE) का काम सिस्टम में सुधार करना है जिससे देश महान बन सके. इसे ऐसा विभाग बनाना है जिसपर ट्रंप सरकार को गर्व हो. एलन मस्क और मैं राष्ट्रपति ट्रंप द्वारा हमें दिए गए जनादेश को पूरा करने के लिए तत्पर हैं.

रामास्वामी ने कहा कि नौकरशाहों की अधिक संख्या का अर्थ कम इनोवेशन और अधिक खर्च है. उन्होंने कहा कि यह अमेरिकी खाद्य एवं औषधि प्रशासन (एफडीए), परमाणु विनियामक आयोग (एनआरसी) और अनगिनत अन्य 3-अक्षर एजेंसियों के साथ एक वास्तविक समस्या है.

उन्होंने आगे कहा, 'वे इस बात से पूरी तरह अनभिज्ञ हैं कि कैसे उनके दैनिक निर्णय नए आविष्कारों को रोकते हैं और लागत लगाते हैं जो विकास को रोकते हैं. हम देश में सबसे प्रतिभाशाली दिमागों को इकट्ठा कर रहे हैं. रामास्वामी ने बड़ी बात कही कि उन्हें लगता है कि देश को पीछे धकेलने वाली मुख्य समस्या संघीय नौकरशाही है. उस लागत को लक्षित करें, पैसे बचाएं, स्वशासन को बहाल करें.

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