नई दिल्ली: संयुक्त किसान मोर्चा और किसान नेता राकेश टिकैत की अगुवाई में गाजीपुर बॉर्डर पर हुए किसान आंदोलन को 26 नवंबर 2023 को तीन साल पूरे हो गए. आज ही के दिन दिल्ली की ओर जा रहे किसानों को पुलिस ने गाजीपुर बॉर्डर पर रोक दिया था, जिसके बाद किसानों ने गाजीपुर बॉर्डर पर ही डेरा डाल दिया गया था. इसमें उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड के किस बड़ी संख्या में गाजीपुर बॉर्डर पर मौजूद रहे, जबकि दिल्ली के अन्य बॉर्डर पर अन्य प्रदेशों के किसान डेरा डाले हुए थे.
378 दिनों तक चला यह किसान आंदोलन 11 दिसंबर, 2021 को समाप्त हुआ था, जिसके बाद सभी किसान दिल्ली की विभिन्न सीमाओं से अपने गांवों को वापस लौट गए थे. किसान आंदोलन की दूसरी वर्षगांठ पर संयुक्त किसान मोर्चे द्वारा देश भर में कार्यक्रम आयोजित किया जा रहे हैं. भारतीय किसान यूनियन की युवा इकाई के उत्तर प्रदेश अध्यक्ष अनुज सिंह ने बताया कि रविवार, 26 नवंबर से लखनऊ में संयुक्त किसान मोर्चे के आह्वान पर तीन दिवसीय महापड़ाव का आयोजन किया जा रहा है, जिसमें उत्तर प्रदेश के सभी जिलों के किसान शामिल होंगे.
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अनुज सिंह ने बताया कि महापड़ाव में प्रदेश के सभी जिलों के किसान पहुंचेंगे और अपनी समस्याओं पर बातचीत करेंगे. महापड़ाव का आयोजन भारतीय किसान यूनियन की अगुवाई में किया जा रहा है. उन्होंने बताया कि लखनऊ के इको गार्डन में किसानों के रहने और ठहरने की व्यवस्था की गई है. महापड़ाव पूरी तरह से शांतिपूर्ण रहेगा. किसान अपनी मांगों को सरकार को फिर से याद दिलाने के लिए एकत्रित हो रहे हैं. केंद्र सरकार को एमएसपी की गारंटी पर कानून बनना होगा. यदि सरकार इस तरफ कोई ठोस कदम नहीं उठाती है तो आने वाले समय में रणनीति बनाकर किसान फिर आंदोलन करेंगे.
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