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Surya Gochar: सूर्य का कन्या राशि में गोचर, तीन राशियों पर पड़ेगा बुरा प्रभाव - मीन राशि

सूर्यदेव 17 सितंबर को दोपहर सिंह राशि की यात्रा को विराम देते हुए अगली राशि कन्या में प्रवेश कर जाएंगे. जहां पर ये 17 अक्तूबर तक रहेंगे. आइए जानते हैं सूर्य के राशि परिवर्तन करने पर कौन-कौन सी राशियों पर बुरा प्रभाव पड़ सकता है.

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By ETV Bharat Delhi Team

Published : Sep 16, 2023, 8:45 AM IST

सूर्य का कन्या राशि में गोचर

नई दिल्ली: वैदिक ज्योतिष में सूर्य ग्रह आत्मा, पिता, सरकार, शक्ति, अधिकार और आप कैसे बाहर आते हैं और लोगों के साथ कैसे व्यवहार करते हैं, का प्रतिनिधित्व करता है. सीधे शब्दों में समझें कि एक मजबूत सूर्य आपको जीवन देने वाली ऊर्जा, इच्छाशक्ति, प्रतिरक्षा, बीमारियों से लड़ने सहित आपके जीवन की सभी बुराइयों से लड़ने की क्षमता देता है. एक मजबूत सूर्य मूल रूप से आपको जीवन में सभी बाधाओं में नेतृत्व करने की शक्ति देता है. वैदिक ज्योतिष शास्त्र के अनुसार सूर्यदेव किसी एक राशि में करीब 1 महीने तक रहते हैं. इस तरह से सूर्य हर एक महीने के बाद अपनी राशि बदलते हैं. सूर्यदेव 17 सितंबर को दोपहर सिंह राशि की यात्रा को विराम देते हुए अगली राशि कन्या में प्रवेश कर जाएंगे. जहां पर ये 17 अक्तूबर तक रहेंगे.

शरद ऋतु का आगमन

कन्या राशि में सूर्य के आने पर सूर्य की गर्मी में कमी आनी आरंभ हो जाती है और शरद ऋतु का आगमन हो जाता है. जो दीपावली तक रहती है. शरद ऋतु में सर्दी और गर्मी का सम योग रहता है. गुलाबी ठंड आरंभ हो जाती है और प्रकृति में परिवर्तन दिखाई देने लगता है. जैसा कि भारतीय काल गणना के अनुसार छह ऋतु होती हैं- बसंत, ग्रीष्म, वर्षा, हेमंत, शरद, शिशिर. ऋतुओं के क्रम में शरद‌ ऋतु चौथी ऋतु होती है. पितृपक्ष भी इसी महीने आता है, जो इसी 29 सितंबर से आरंभ होगा और 14 अक्टूबर को समाप्त होगा.

पितरों के कार्यों एवं तर्पण के लिए शुभ
आध्यात्मिक गुरु और ज्योतिषाचार्य शिवकुमार शर्मा के मुताबिक शास्त्रीय वचनों के अनुसार कन्या की संक्रांति में जब सूर्य आते हैं तो देवता भी उनकी आत्म तृप्ति के लिए इच्छुक रहते हैं. संक्रांति के दिन भी अपने पितरों के निमित्त अन्न जल दान करने से पितृ प्रसन्न होते हैं. संक्रांति और अमावस्या पितरों के कार्यों एवं तर्पण के लिए बहुत ही शुभ होती है.

संक्रांति के दिन दिन गंगा स्नान का बहुत ही बड़ा महत्व है. क्योंकि कन्या की संक्रांति में सूर्य के ताप कम होने से पितृ देवता भी प्रसन्न होते हैं और अपने-अपने वंशजों से मिलने को आतुर रहते ते हैं जो व्यक्ति श्रद्धा पूर्वक अपने पितरों के निमित्त श्रद्धा पूर्वक श्राद्ध करता है. गरीबों विद्वानों, ब्राह्मणों को भोजन कराके अन्न वस्त्र दान करते है. उन्हें पितरों का पूर्ण आशीर्वाद मिलता है.

शिव कुमार शर्मा बताते हैं कन्या राशि में सूर्य एक मास रहेंगे. मीन, तुला और कुंभ राशि के लिए अशुभ रहेंगे. कार्यों में विलंब भागा दौड़ी, तनाव आदि मिल सकता है. शेष राशियों के लिए बहुत शुभ है.

तुला राशि पर प्रभाव
तुला राशि पर प्रभाव

तुला राशि पर प्रभाव
आर्थिक स्थिरता पर प्रभाव पड़ सकता है. कई प्रकार की कार्य संबंधी अड़चने उत्पन्न हो सकती हैं. जिसके चलते तनाव की स्थिति उत्पन्न हो सकती है. गरीबों को अन्न, वस्त्र और धन दान करें.

कुंभ राशि पर प्रभाव
कुंभ राशि पर प्रभाव

कुंभ राशि पर प्रभाव
किसी भी निर्णय को लेने या फिर किसी नए कार्य की शुरुआत करने से पहले सोच विचार जरूर करें साथ ही आसपास के लोगों से सतर्क रहें. यदि कोई महत्वपूर्ण निर्णय ले रहे हैं तो संबंधित क्षेत्र के जानकारी या फिर बड़े बुजुर्गों से सलाह मशवरा जरूर करें. रविवार को सूर्य देव के स्तोत्र का पाठ करें.

मीन राशि पर प्रभाव
मीन राशि पर प्रभाव

मीन राशि पर प्रभाव
वैवाहिक जीवन समेत व्यवसायिक क्षेत्र में समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है. व्यावसायिक क्षेत्र में लोग आर्थिक हानि पहुंचाने का प्रयास करेंगे. सूर्य देव के बीज मंत्र का जाप करें.

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  1. Bhaum Pradosh Vrat 2023: भाद्रपद का पहला प्रदोष व्रत कब ? जानें तिथि, महत्व और शुभ मुहूर्त
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सूर्य का कन्या राशि में गोचर

नई दिल्ली: वैदिक ज्योतिष में सूर्य ग्रह आत्मा, पिता, सरकार, शक्ति, अधिकार और आप कैसे बाहर आते हैं और लोगों के साथ कैसे व्यवहार करते हैं, का प्रतिनिधित्व करता है. सीधे शब्दों में समझें कि एक मजबूत सूर्य आपको जीवन देने वाली ऊर्जा, इच्छाशक्ति, प्रतिरक्षा, बीमारियों से लड़ने सहित आपके जीवन की सभी बुराइयों से लड़ने की क्षमता देता है. एक मजबूत सूर्य मूल रूप से आपको जीवन में सभी बाधाओं में नेतृत्व करने की शक्ति देता है. वैदिक ज्योतिष शास्त्र के अनुसार सूर्यदेव किसी एक राशि में करीब 1 महीने तक रहते हैं. इस तरह से सूर्य हर एक महीने के बाद अपनी राशि बदलते हैं. सूर्यदेव 17 सितंबर को दोपहर सिंह राशि की यात्रा को विराम देते हुए अगली राशि कन्या में प्रवेश कर जाएंगे. जहां पर ये 17 अक्तूबर तक रहेंगे.

शरद ऋतु का आगमन

कन्या राशि में सूर्य के आने पर सूर्य की गर्मी में कमी आनी आरंभ हो जाती है और शरद ऋतु का आगमन हो जाता है. जो दीपावली तक रहती है. शरद ऋतु में सर्दी और गर्मी का सम योग रहता है. गुलाबी ठंड आरंभ हो जाती है और प्रकृति में परिवर्तन दिखाई देने लगता है. जैसा कि भारतीय काल गणना के अनुसार छह ऋतु होती हैं- बसंत, ग्रीष्म, वर्षा, हेमंत, शरद, शिशिर. ऋतुओं के क्रम में शरद‌ ऋतु चौथी ऋतु होती है. पितृपक्ष भी इसी महीने आता है, जो इसी 29 सितंबर से आरंभ होगा और 14 अक्टूबर को समाप्त होगा.

पितरों के कार्यों एवं तर्पण के लिए शुभ
आध्यात्मिक गुरु और ज्योतिषाचार्य शिवकुमार शर्मा के मुताबिक शास्त्रीय वचनों के अनुसार कन्या की संक्रांति में जब सूर्य आते हैं तो देवता भी उनकी आत्म तृप्ति के लिए इच्छुक रहते हैं. संक्रांति के दिन भी अपने पितरों के निमित्त अन्न जल दान करने से पितृ प्रसन्न होते हैं. संक्रांति और अमावस्या पितरों के कार्यों एवं तर्पण के लिए बहुत ही शुभ होती है.

संक्रांति के दिन दिन गंगा स्नान का बहुत ही बड़ा महत्व है. क्योंकि कन्या की संक्रांति में सूर्य के ताप कम होने से पितृ देवता भी प्रसन्न होते हैं और अपने-अपने वंशजों से मिलने को आतुर रहते ते हैं जो व्यक्ति श्रद्धा पूर्वक अपने पितरों के निमित्त श्रद्धा पूर्वक श्राद्ध करता है. गरीबों विद्वानों, ब्राह्मणों को भोजन कराके अन्न वस्त्र दान करते है. उन्हें पितरों का पूर्ण आशीर्वाद मिलता है.

शिव कुमार शर्मा बताते हैं कन्या राशि में सूर्य एक मास रहेंगे. मीन, तुला और कुंभ राशि के लिए अशुभ रहेंगे. कार्यों में विलंब भागा दौड़ी, तनाव आदि मिल सकता है. शेष राशियों के लिए बहुत शुभ है.

तुला राशि पर प्रभाव
तुला राशि पर प्रभाव

तुला राशि पर प्रभाव
आर्थिक स्थिरता पर प्रभाव पड़ सकता है. कई प्रकार की कार्य संबंधी अड़चने उत्पन्न हो सकती हैं. जिसके चलते तनाव की स्थिति उत्पन्न हो सकती है. गरीबों को अन्न, वस्त्र और धन दान करें.

कुंभ राशि पर प्रभाव
कुंभ राशि पर प्रभाव

कुंभ राशि पर प्रभाव
किसी भी निर्णय को लेने या फिर किसी नए कार्य की शुरुआत करने से पहले सोच विचार जरूर करें साथ ही आसपास के लोगों से सतर्क रहें. यदि कोई महत्वपूर्ण निर्णय ले रहे हैं तो संबंधित क्षेत्र के जानकारी या फिर बड़े बुजुर्गों से सलाह मशवरा जरूर करें. रविवार को सूर्य देव के स्तोत्र का पाठ करें.

मीन राशि पर प्रभाव
मीन राशि पर प्रभाव

मीन राशि पर प्रभाव
वैवाहिक जीवन समेत व्यवसायिक क्षेत्र में समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है. व्यावसायिक क्षेत्र में लोग आर्थिक हानि पहुंचाने का प्रयास करेंगे. सूर्य देव के बीज मंत्र का जाप करें.

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