नई दिल्ली/गाजियाबादः आज भी हमारे समाज का बड़ा तबका मूलभूत सुविधाओं से काफी दूर है. ऐसे लोगों की जिंदगी संवारने के लिए आज भी कई फरिश्ते मौजूद हैं, जो समाज के कमजोर तबके की जिंदगी को बेहतर बनाने की कोशिश कर रहे हैं. आज हम आपको ऐसे लोगों की कहानी सुनाते हैं...
संवैधानिक अधिकारों से अवगत कराता नई ऊर्जा फाउंडेशनः पीसीएस गंभीर सिंह गाजियाबाद में सिटी मजिस्ट्रेट के पद पर तैनात हैं. प्रशासनिक सेवा के साथ-साथ गंभीर सिंह नया विचार नई उर्जा फाउंडेशन के माध्यम से कई वर्षों से लोगों का जीवन बेहतर बनाने की कवायद कर रहे हैं. गंभीर सिंह बताते हैं कि समाज में आज भी एक बड़ा वर्ग ऐसा है जो संवैधानिक अधिकारों के बारे में आज भी अवगत नहीं है. प्रदेश के कई जिलों में ऊर्जा फाउंडेशन की टीम लोगों को उनके संवैधानिक अधिकारों के बारे में जागरूक करती है. कई वर्षों से ऊर्जा फाउंडेशन टीम शिक्षा और खेल पर कार्य कर रही है. हमारा प्रयास है कि समाज के अंतिम पायदान तक शिक्षा पहुंचे जिससे देश का विकास हो सके.
ऊर्जा फाउंडेशन की टीम द्वारा उत्तर प्रदेश समेत विभिन्न राज्यों में शिक्षा के कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं. इसके अंतर्गत हजारों युवाओं को प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कराई जाती है. फाउंडेशन की मदद से बड़ी संख्या में केंद्र और प्रदेश सरकार में उच्च पदों पर युवा सरकारी नौकरी पा चुके हैं. पांच सौ से अधिक खिलाड़ी आज राष्ट्रीय और राज्य स्तर पर खेल रहे हैं. फाउंडेशन द्वारा कई राज्यों में परिवर्तन पाठशाला का संचालन किया जा रहा है. साथ ही फाउंडेशन राइट टू एजुकेशन के तहत बच्चों का स्कूलों में दाखिला भी कराती है.
गरीबों तक कानूनी मदद पहुंचा रहे बलबीर सिंहः बलवीर सिंह गोगिया बताते हैं कि मौजूदा समय में पैसे वाले व्यक्ति के लिए कानूनी मदद प्राप्त करना आसान है. जबकि, एक गरीब व्यक्ति के लिए काफी मुश्किल है. हर दिन दोपहर 3 बजे से शाम 6 बजे तक आर्थिक रूप से कमजोर लोगों की कानूनी मदद की जाती है. बीते 8 सालों से आर्थिक रूप से कमजोर लोगों की मदद की जाती है. करीब 300 लोगों की एकता कानूनी सहायता उपलब्ध कराकर मदद की जा चुकी है. हमारा प्रयास है कि कोई भी आर्थिक रूप से कमजोर व्यक्ति कानूनी सहायता से वंचित ना रहे.
महिलाओं और बच्चों के लिए कार्यरत हैं डॉ. भारती गर्ग: गाजियाबाद के इंदिरापुरम इलाके में रहने वाली डॉ भारती गर्ग का कॉरपोरेट और शिक्षा में कई सालों का अनुभव है. डॉ भारती यूएस में भी करीब दो साल नौकरी कर चुकी हैं. भारत वापस लौटने के बाद डॉक्टर भारती ने एनसीआर की कई बड़ी कंपनियों में नौकरी की. 2017 में भारतीय गर्ग ने असमी फाउंडेशन की शुरुआत की. असमी फाउंडेशन महिला सशक्तीकरण और शिक्षा के क्षेत्र में काम कर रही हैं. बीते पांच सालों में असमी फाउंडेशन के माध्यम से ढाई सौ से अधिक महिलाएं सशक्त होकर अपने पैरों पर खड़ी हो चुकी हैं. संस्था द्वारा महिलाओं को कढ़ाई, बुनाई, ज्वेलरी मेकिंग, ब्यूटी पार्लर का कोर्स आदि कराकर सशक्त बना रही हैं.
डॉ भारती बताती हैं कि हमारा प्रयास है कि अधिक से अधिक महिलाओं को सशक्त बनाकर आत्मनिर्भर बनाया जा सके, जिससे वह अपने बच्चों को बेहतर शिक्षा दे सकें. संस्था के माध्यम से जो छोटे बच्चे पढ़ाई लिखाई में अच्छे हैं. उनका दाखिला प्रतिष्ठित स्कूलों में कराया जाता है. जिससे उनका भविष्य संवर सके. कई महिलाएं ऐसी हैं, जो पहले घरों में काम करती थी लेकिन अब हुनर सीखने के बाद करीब दस हजार रुपए महीना कमा रही हैं.