नई दिल्ली/गाजियाबादः गाजियाबाद इंडस्ट्रीज फेडरेशन के अध्यक्ष अरुण शर्मा के मुताबिक आज जारी हुए बजट में एमएसएमई उद्यमियों की जो अपेक्षाएं थीं, उनमें से सभी अपेक्षाएं पूरी नहीं हुई है. हमारी सरकार से मांग थी कि लोन की ब्याज दरों में कमी की जाए. सरकार द्वारा केवल एक प्रतिशत ही कम की गई है, जबकि अन्य देशों में 4 से 5% ब्याज पर एमएसएमई उद्योगों को लोन मिलता है. बजट में सरकार को लोन में दो से 3% ब्याज की छूट देनी चाहिए थी. बजट को हम 10 में से 7 अंक देते हैं.
उद्यमी विक्रम अग्रवाल के मुताबिक उद्योगों का विस्तार करने में पूंजी की अहम भूमिका होती है. उद्यमी बैंकों से जो लोन लेते हैं, उसकी ब्याज दरें काफी अधिक है. बजट में सरकार ने केवल 1% ब्याज की छूट दी है. कम ब्याज दर पर अगर उद्यमियों को लोन मिलेगा तो औद्योगिक इकाइयों का विस्तार करना आसान होगा. जिससे न सिर्फ उद्योग बढ़ेगा बल्कि बड़े स्तर पर लोगों को रोजगार भी मिलेगा. बजट से हमें उम्मीद थी कि सरकार द्वारा जीएसटी की दरों में रियायत दी जाएगी. बजट को दस में से पांच अंक देते हैं.
हर्ष ईएनटी अस्पताल के डायरेक्टर और वरिष्ठ सर्जन डॉक्टर बीपी त्यागी के मुताबिक स्वास्थ्य को लेकर बजट में कुछ खास नहीं है. 0.34 प्रतिशत कि पिछले साल के मुकाबले इस साल स्वास्थ्य के बजट में वृद्धि की गई है जो कि काफी कम है. देश के ग्रामीण क्षेत्रों में आज भी स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर करने की आवश्यकता है. 0.34 प्रतिशत नहीं बल्कि डेढ गुना बजट में वृद्धि होनी चाहिए.
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मेडलर्न के सीईओ के मुताबिक, सरकार द्वारा बजट में 157 नर्सिंग कॉलेजों की स्थापना की घोषणा करना और मौजूदा 157 मेडिकल कॉलेजों के साथ इन्हे संलग्न करना निश्चित रूप से एक स्वागत योग्य कदम है. हम उम्मीद करते हैं बजट में वित्तीय और टैक्स सब्सिडी के रूप में ऑनलाइन और स्पेशलिस्ट मेडिकल लर्निंग और ट्रेनिंग प्रदान करने वाले संस्थानों के लिए कुछ स्पष्ट नीति निर्धारित की गयी होगी और टैक्स में छूट दी गयी होगी.
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