नई दिल्ली/ग्रेटर नोएडा: गौतम बुद्ध विश्वविद्यालय में शुक्रवार को भारतीय अर्थव्यवस्था में उपलब्धियों और चुनौतियों पर एक दिवसीय राष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन हुआ. शुरुआत संयोजक एवं विभागाध्यक्ष डॉ. ओमवीर सिंह ने स्वागत भाषण से हुई. इस दौरान डॉ ओमवीर सिंह ने विभाग के विजन पर प्रकाश डाला. मुख्य अतिथि जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय के सेंटर फॉर इकनाॉमिक स्टडीज एंड प्लानिंग स्कूल ऑफ सोशल साइंसेज के प्रोफेसर शक्ति कुमार मौजूद रहे. गणमान्य व्यक्तियों की उपस्थिति पूरे भारत के विद्वानों की एक प्रभावशाली लाइनअप ने इस विषय पर ध्यान आकर्षित किया.
मौके पर गौतम बुद्ध विश्वविद्यालय के कुलपति आर के सिन्हा ने राष्ट्रीय सम्मेलन आयोजित करने और सीखने और सूचनाओं के आदान-प्रदान के लिए एक मंच देने के लिए टीम को बधाई दी. वहीं प्रोफेसर वंदना पांडे ने भारत और जी-20 के बारे में अपने प्रभावशाली भाषण से सभा को प्रेरित किया. उन्होंने कहा कि भारत ने जी-20 की अध्यक्षता ग्रहण की है, जो अंतरराष्ट्रीय समुदाय द्वारा सामना कर रही महत्वपूर्ण चुनौतियों पर चर्चा करने और उनका समाधान करने के लिए विश्व की प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं का एक बड़ा वैश्विक मंच है. यह भारत के लिए अपनी उपलब्धियों और क्षमताओं के साथ जीवंत संस्कृति और समृद्ध विरासत को प्रदर्शित करने का बड़ा अवसर है.
मुख्य अतिथि शक्ति कुमार ने भारत के विदेशी मुद्रा बाजार की जानकारी दी. क्या भारत वित्तीय रूप से टिकाऊ है और निजी केंद्रीय संस्था की ओर बढ़ रहा है सवाल के जवाब में, उन्होंने यह कहते हुए व्याख्यान समाप्त किया कि आने वाले वर्षों में भारत को वित्तीय रूप से टिकाऊ बनाने और घरेलू खपत बढ़ाने के लिए हमें मिलकर काम करने की आवश्यकता है. एक दिवसीय राष्ट्रीय सम्मेलन में उपलब्धियों और संभावनाओं पर जोर देने के साथ भारतीय अर्थव्यवस्था के विभिन्न पहलुओं पर गहन और व्यवहारिक चर्चा हुई.
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इस दौरान 50 से अधिक शोधार्थियों व विद्यार्थियों ने अपने शोध प्रस्तुत किए. तकनीकी सत्र के अध्यक्ष ने इनका मूल्यांकन किया और प्रस्तुतकर्ताओं के साथ बातचीत के विशेषज्ञों और प्रस्तुतकर्ताओं के बीच स्वस्थ चर्चा हुई. विशेषज्ञों द्वारा शोधार्थियों को अपने शोध कार्य को बेहतर करने के लिए सुझाव दिए गए. इस दौरान आयोजन समिति के द्वारा भारतीय अर्थव्यवस्था उपलब्धियों संभावनाओं और चुनौतियों पर भी चर्चा हुई.
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