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UP international trade show: ओडीओपी के उत्पादों को मिला अंतरराष्ट्रीय मंच, निर्यात को मिल रहा बढ़ावा

उत्तर प्रदेश इंटरनेशनल ट्रेड शो का दूसरा दिन भी विक्रताओं के लिए काफी अच्छा रहा. विदेशी ग्राहकों का आना जाना भी रहा और उत्पादकों को बायर्स और बिजनेस दोनों ही मिलते रहे. स्टॉल लगाने वाले बायर्स मेले में काफी खुश और संतुष्ट नजर आए.

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By ETV Bharat Delhi Team

Published : Sep 22, 2023, 10:42 PM IST

व्यापार मेला के बारे में बताते विक्रेता

नई दिल्ली : उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा आयोजित यूपी इंटरनेशनल ट्रेड शो के दूसरे दिन भी व्यापार मेला में काफी रौनक रही. मेला में प्रदेश सरकार द्वारा एक जनपद एक उत्पाद (ओडीओपी) को बढ़ावा देते हुए 75 जिलों के 75 स्टाल लगाए गए हैं. प्रत्येक स्टॉल पर जिले को प्रतिनिधित्व करने वाले उत्पाद को प्रदर्शित किया गया है. इस पहल से उत्तर प्रदेश के जिलों के उत्पाद को एक अंतरराष्ट्रीय मंच प्रदान किया गया है. इससे जिले के प्रोडक्ट को विदेशों में पहचान मिल सकेगी.

एक जनपद एक उत्पाद: ओडीओपी की शुरुआत उत्तर प्रदेश सरकार ने 24 जनवरी, 2018 को की थी. योजना का उदेश्य राज्य के भीतर मैन्युफैक्चरिंग और एंटरप्रेन्योरशिप को बढ़ावा देना है. उत्तर प्रदेश के 75 जिले में एक जिला एक उत्पाद योजना को शुरू करने के पीछे उत्तर प्रदेश सरकार का उद्देश्य प्रत्येक जिले के हस्तशिल्प हस्तकला और आदित्य कौशल को सुरक्षित और विकसित करना है ताकि उसे जिले में रोजगार के अवसर बढ़ सके. इंटरनेशनल ट्रेड शो में एक जनपद एक उत्पाद योजना के सभी जिलों के उत्पादों को प्रदर्शित किया गया है.

मिल रहा अच्छा रिस्पांस: ट्रेड शो में भाग लेने वाले लखनऊ के अमित ने बताया कि उनका चिकनकारी का कारोबार है. उनके द्वारा कपड़ों पर चिकनकारी की जाती है. पहले इंटरनेशनल ट्रेड शो में यहां पर उन्हें काफी अच्छा रिस्पांस मिला है. उन्होंने बताया कि सरकार की एक जनपद एक उत्पाद नीति काफी लाभकारी है और इससे कारीगरों को अच्छा काम मिलता है. साथ ही उन्होंने कहा कि उनकी कपड़ों पर चिकन की जो कारीगरी है, वह लड़कियों द्वारा हाथों से की जाती है. इसमें काफी समय भी लगता है और इन कपड़ों की पूरे देश में काफी मांग है.

बनारस की साड़ियों का स्टॉल लगाने वाले मोहम्मद असलम ने बताया कि बनारसी साड़ियां मुबारकपुर में बनाई जाती हैं और इनको बनारसी साड़ियों के नाम से देश और दुनिया में बेचा जाता है. यह सभी काम हैंडलूम हाथों द्वारा किया जाता है. शादी विवाह में पार्टियों में उनकी काफी ज्यादा मांग है. उन्होंने कहा कि अभी इंटरनेशनल ट्रेड शो का दूसरा दिन है. यहां पर काफी बायर्स आ रहे हैं, लेकिन अभी और कई दिन बचे हैं. जिनसे उन्हें और अच्छा रिस्पांस मिलने की उम्मीद है. उन्होंने बताया कि पहले इंटरनेशनल ट्रेड शो में काफी अच्छे रोजाना रहे हैं. विदेशी बायर्स काफी संख्या में है जो यहां पर रुचि दिखा रहे हैं.

ये भी पढ़ें : यूपी इंटरनेशनल ट्रेड शो में जगत फार्मा में कराए नेत्र जांच, विजन संबंधी समस्याएं होगी दूर

यूपी इंटरनेशनल ट्रेड शो में सुदीप राजगढ़िया ने राजगढ़िया एक्सपर्ट्स का स्टॉल लगाया है. सुदीप ने बताया कि इसकी शुरुआत कोविड के समय में बरेली के छोटे से शहर से निर्यात इकाई के रूप में की गई थी और आज उनके द्वारा 30 से अधिक देशों में विभिन्न जरी ज़रदोज़ी की कढ़ाई के उत्पाद भेजे जाते है. उन्होंने बताया कि 2018 में तीन लोगों ने मेरे साथ मिलकर इसकी शुरुआत की और अब 130 कर्मचारी जिसमें 40 महिला कर्मचारी हैं, कार्य करते हैं. यह एक ऑनलाइन स्टार्टअप है. हमारा निर्यात कारोबार 5 लाख से बढ़कर इस वर्ष 7 करोड़ हो गया है. अपने अनुभव से हमें पता चला है कि हाथ की कढ़ाई के काम की मांग लगभग पूरी दुनिया में है और अगर इसे अच्छी तरह से समर्थन दिया जाए तो यह देश के शक्ल घरेलू उत्पाद में पर्याप्त मात्रा में वृद्धि कर सकता है.

ये भी पढ़ें : UP International Trade Show: गाजियाबाद की 80 औद्योगिक इकाइयां लगाएंगे स्टॉल, बढ़ेगा एक्सपोर्ट

व्यापार मेला के बारे में बताते विक्रेता

नई दिल्ली : उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा आयोजित यूपी इंटरनेशनल ट्रेड शो के दूसरे दिन भी व्यापार मेला में काफी रौनक रही. मेला में प्रदेश सरकार द्वारा एक जनपद एक उत्पाद (ओडीओपी) को बढ़ावा देते हुए 75 जिलों के 75 स्टाल लगाए गए हैं. प्रत्येक स्टॉल पर जिले को प्रतिनिधित्व करने वाले उत्पाद को प्रदर्शित किया गया है. इस पहल से उत्तर प्रदेश के जिलों के उत्पाद को एक अंतरराष्ट्रीय मंच प्रदान किया गया है. इससे जिले के प्रोडक्ट को विदेशों में पहचान मिल सकेगी.

एक जनपद एक उत्पाद: ओडीओपी की शुरुआत उत्तर प्रदेश सरकार ने 24 जनवरी, 2018 को की थी. योजना का उदेश्य राज्य के भीतर मैन्युफैक्चरिंग और एंटरप्रेन्योरशिप को बढ़ावा देना है. उत्तर प्रदेश के 75 जिले में एक जिला एक उत्पाद योजना को शुरू करने के पीछे उत्तर प्रदेश सरकार का उद्देश्य प्रत्येक जिले के हस्तशिल्प हस्तकला और आदित्य कौशल को सुरक्षित और विकसित करना है ताकि उसे जिले में रोजगार के अवसर बढ़ सके. इंटरनेशनल ट्रेड शो में एक जनपद एक उत्पाद योजना के सभी जिलों के उत्पादों को प्रदर्शित किया गया है.

मिल रहा अच्छा रिस्पांस: ट्रेड शो में भाग लेने वाले लखनऊ के अमित ने बताया कि उनका चिकनकारी का कारोबार है. उनके द्वारा कपड़ों पर चिकनकारी की जाती है. पहले इंटरनेशनल ट्रेड शो में यहां पर उन्हें काफी अच्छा रिस्पांस मिला है. उन्होंने बताया कि सरकार की एक जनपद एक उत्पाद नीति काफी लाभकारी है और इससे कारीगरों को अच्छा काम मिलता है. साथ ही उन्होंने कहा कि उनकी कपड़ों पर चिकन की जो कारीगरी है, वह लड़कियों द्वारा हाथों से की जाती है. इसमें काफी समय भी लगता है और इन कपड़ों की पूरे देश में काफी मांग है.

बनारस की साड़ियों का स्टॉल लगाने वाले मोहम्मद असलम ने बताया कि बनारसी साड़ियां मुबारकपुर में बनाई जाती हैं और इनको बनारसी साड़ियों के नाम से देश और दुनिया में बेचा जाता है. यह सभी काम हैंडलूम हाथों द्वारा किया जाता है. शादी विवाह में पार्टियों में उनकी काफी ज्यादा मांग है. उन्होंने कहा कि अभी इंटरनेशनल ट्रेड शो का दूसरा दिन है. यहां पर काफी बायर्स आ रहे हैं, लेकिन अभी और कई दिन बचे हैं. जिनसे उन्हें और अच्छा रिस्पांस मिलने की उम्मीद है. उन्होंने बताया कि पहले इंटरनेशनल ट्रेड शो में काफी अच्छे रोजाना रहे हैं. विदेशी बायर्स काफी संख्या में है जो यहां पर रुचि दिखा रहे हैं.

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यूपी इंटरनेशनल ट्रेड शो में सुदीप राजगढ़िया ने राजगढ़िया एक्सपर्ट्स का स्टॉल लगाया है. सुदीप ने बताया कि इसकी शुरुआत कोविड के समय में बरेली के छोटे से शहर से निर्यात इकाई के रूप में की गई थी और आज उनके द्वारा 30 से अधिक देशों में विभिन्न जरी ज़रदोज़ी की कढ़ाई के उत्पाद भेजे जाते है. उन्होंने बताया कि 2018 में तीन लोगों ने मेरे साथ मिलकर इसकी शुरुआत की और अब 130 कर्मचारी जिसमें 40 महिला कर्मचारी हैं, कार्य करते हैं. यह एक ऑनलाइन स्टार्टअप है. हमारा निर्यात कारोबार 5 लाख से बढ़कर इस वर्ष 7 करोड़ हो गया है. अपने अनुभव से हमें पता चला है कि हाथ की कढ़ाई के काम की मांग लगभग पूरी दुनिया में है और अगर इसे अच्छी तरह से समर्थन दिया जाए तो यह देश के शक्ल घरेलू उत्पाद में पर्याप्त मात्रा में वृद्धि कर सकता है.

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