नई दिल्ली: त्योहारों पर हर कोई अपनों के साथ होता है. परिवार, रिश्तेदारों और दोस्तों के साथ त्योहार की खुशियां दोगुनी हो जाती हैं. लेकिन, ऐसे खास मौकों पर कुछ लोग ऐसे भी होते हैं जो अपनों से दूर होते हैं और इसकी वजह उनकी ड्यूटी होती है. सैन्य कर्मियों के अलावा पुलिसकर्मी, अग्निशमन कर्मी, स्वास्थ्य कर्मी, रेल-रोडवेज जैसे सार्वजनिक परिवहन साधनों के कर्मियों के साथ-साथ नगर निगम के सफाई कर्मी भी त्योहार के दिनों में अपनी ड्यूटी तत्परता से निभाते हैं. जो अपना कर्तव्य निभाते हैं.
लोगों की सेवा करना ही दिवाली: कैट्स एंबुलेंस में इंचार्ज विशाल ने बताया कि लोगों की सेवा करना ही उनके लिए दिवाली है, विशाल ने कहा कि वह दिल्ली के बाहर के रहने वाले हैं, घर वालों ने उन्हें दिवाली पर बुलाया था, लेकिन घर से पहले उनके लिए ड्यूटी है. क्योकि बीमार लोगों या इमरजेंसी मेडिकल सेवा की जरूरत पड़ने पर उन्हे जाना पड़ता है.
सालों से दिवाली पर ऑन ड्यूटी करता हूं काम: दिल्ली ट्रैफिक पुलिस में तैनात सुभाष शर्मा ने बताया कि दिवाली के दिन भी उनकी ड्यूटी लगाई गई है, जिसका उन्हें कोई अफसोस नहीं है, बरसों से वह दिवाली पर ड्यूटी करते आ रहे हैं, अब तो परिवार और बच्चे भी इसके आदत हो गए हैं.
वहीं, दिल्ली पुलिस की पीसीआर टीम में तैनात प्रवीण कुमार ने बताया कि वर्दी उन्होंने देश की सेवा के लिए पहनी है, यह उनके लिए सौभाग्य की बात है. ड्यूटी निभाने उनका फर्ज है. ड्यूटी के बाद भी पर्व को सेलिब्रेट किया जा सकता है.
पहला फर्ज है मरीजों की सेवा करना: सरकारी अस्पताल के डॉक्टर अभिनव ने बताया कि दिवाली के दिन उनकी नाइट ड्यूटी लगी है, दिवाली के दिन आग लगने जैसी घटनाएं होती है, कुछ लोग पटाखे की वजह से भी घायल होते हैं, ऐसे में इस दौरान डॉक्टरों की भी जरूरत होती है, डॉक्टर होने के नाते उनका पहला फर्ज है कि वह मरीज की सेवा करें.
डीटीसी बस चालक संजीव ने बताया कि इवनिंग शिफ्ट में उनकी ड्यूटी लगी है, दिवाली पर अपने घर जाने वालों को उनके घरों तक पहुंच कर वह अपनी दिवाली मना रहे हैं, यह उनके लिए सौभाग्य की बात है