नई दिल्ली/नोएडा: नोएडा में बढ़ते प्रदूषण को देखते हुए सरकार के अलग-अलग विभाग अपने-अपने स्तर से प्रदूषण को कम करने की कवायद में जुटे हैं. नोएडा का ट्रैफिक विभाग भी प्रदूषण को कम करने के लिए सड़क पर उतर गया है. नोएडा के ट्रैफिक डीसीपी अनिल यादव ने बताया कि प्रदूषण प्रमाण पत्र से लेकर गाड़ी के फिटनेस तक की जांच की जा रही है. ट्रैफिक विभाग ने मंगलवार से यह विशेष 15 दिवसीय अभियान शुरू कर दिया है.
सभी गाड़ियों के खिलाफ होगी कार्रवाई: अभियान के तहत सरकारी और गैर सरकारी सभी तरह की गाड़ियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. उन वाहनों पर भी कार्रवाई होगी, जो बेवजह सड़कों पर दौड़ रहे हैं और अन्य तरीके से प्रदूषण फैला रहे हैं. यातायात एवं सड़क सुरक्षा के उप निदेशक के निर्देशन में ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान में दिए गए निर्देशों का पालन करना होगा. दिए गए निर्देशों के क्रम में सख्त कार्रवाई कराए जाने के लिए 15 दिवसीय अभियान चलाकर वाहनों के विरूद्ध कार्यवाही की जाएगी.
इन पर होगी कार्रवाई: ट्रैफिक डीसीपी के अनुसार, स्पेशल अभियान के तहत 10 वर्ष पुराने डीजल वाहनों के विरूद्ध कार्यवाही की जाएगी. 15 वर्ष पुराने पेट्रोल वाहनों के विरूद्ध कार्यवाही की जाएगी. प्रदुषण प्रमाण पत्र समाप्त हुए वाहनों के विरूद्ध कार्यवाही के अलावा फिटनेस प्रमाण पत्र समाप्त हुए वाहनों के विरूद्ध कार्यवाही की जाएगी.
ग्रैप की रोकथाम के लिए सहायक पुलिस आयुक्त, यातायात प्रथम एवं द्वितीय के पर्यवेक्षण में यातायात निरीक्षक के नेतृत्व में 6 टीमों का गठन किया गया. कमिश्नरेट गौतमबुद्धनगर में जोन स्तर पर भी ग्रैप की रोकथाम के लिए नियमानुसार कार्यवाही की जाएगी. इसके लिए जिला सम्भागीय परिवहन अधिकारी, गौतमबमुद्धनगर द्वारा कार्यवाही की जाएगी.
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प्रदूषण रोकना हमारी पहली प्राथमिकता: ट्रैफिक डीसीपी अनिल यादव ने कहा कि प्रदूषण को रोकना हमारी पहली प्राथमिकता है. इसके लिए यातायात विभाग 15 दिन का विशेष अभियान चला रहा है, जिसमें छह टीमें गठित की गई है. इनमें टीआई और टीएसआई शामिल है. उन्होंने बताया कि सहायक पुलिस आयुक्त यातायात प्रथम और द्वितीय के नेतृत्व में टीआई और टीएसआई सहित पूरी टीम में काम करेंगे. डीसीपी ट्रैफिक ने बताया कि वाहनों के माध्यम से फैलने वाले प्रदूषण की रोकथाम में पूरी तरह से ट्रैफिक विभाग सक्रिय होकर ऐसे वाहनों को चिह्नित भी करेगा और उनके खिलाफ कार्रवाई भी की जाएगी.
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