नई दिल्लीः गाजियाबाद की सदर तहसील में नायब तहसीलदार के पद पर तैनात प्रखर पांडे का यूपीपीएससी परीक्षा में डीएसपी के पद पर चयन हुआ है. प्रखर बताते हैं कि 2011 में इलेक्ट्रॉनिक्स एंड कम्युनिकेशन में इंजीनियरिंग पूरी करने के बाद उनके मन में सिविल सेवा में जाने का विचार आया क्योंकि उनके पिता भी केंद्र सरकार में अधिकारी थे. प्रखर पांडे शुरू से ही पढ़ाई में अव्वल थे. प्रखर पांडे ने सिविल सेवा की तैयारी शुरू की. हालांकि शुरुआत में उनका सिविल सेवा में चयन नहीं हो पाया लेकिन उनकी गृह मंत्रालय में सरकारी नौकरी मिल गई. जब प्रखर की उम्र 22 साल थी. जिसके बाद प्रखर ने नौकरी के साथ अपनी तैयारी को जारी रखा. कर्नाटका पीसीएस में भी प्रखर पांडे का तीन विभिन्न पोस्ट पर चयन हो चुका है.
प्रखर बताते हैं कि 2020 में उन्होंने पहली बार यूपीपीसीएस की परीक्षा दी. पहली बार में ही सफल हुए और नायब तहसीलदार के पद पर उनका चयन हुआ. प्रखर बताते हैं कि नायब तहसीलदार की नौकरी में जनता से सीधे जुड़ कर उनकी समस्याओं का समाधान करना था. पढ़ाई के लिए नौकरी के साथ वक्त निकालना बेहद मुश्किल था. ऐसे में प्रखर ड्यूटी पूरी करने के बाद घर आकर हर दिन 6 से 8 घंटे पढ़ाई करते. कभी-कभी नौकरी के तनाव के चलते पढ़ाई करना मुश्किल हो जाता, लेकिन प्रखर ने अपना हौसला बनाए रखा और मेहनत जारी रखी. प्रखर नहीं 2022 में फिर यूपीपीसीएस का अटेम्प्ट दिया और कामयाबी हासिल हुई.
प्रखर का लक्ष्य आईएएस बनना थाः प्रखर बताते हैं कि लक्ष्य को हासिल करने के लिए मेहनत के साथ साथ निरंतरता का भी अहम भूमिका है. प्रखर का लक्ष्य आईएएस बनना था. उन्होंने यूपीएससी के कई अटेम्प्ट दिए. तीन बार प्रखर यूपीएससी के इंटरव्यू तक पहुंचे. यूपीएससी में सिलेक्शन ना होने के बाद भी प्रखर ने अपनी तैयारी को बदस्तूर जारी रखा. प्रखर बताते हैं कि वह 2012 से लगातार तैयारी कर रहे हैं. आज लगभग एक दशक के बाद उन्हें कामियाबी मिली है.
प्रखर को पढ़ाने का शौक शुरू से हैः प्रखर बताते हैं कि सिविल सेवा की तैयारी की शुरुआत से ही अपने आप को एक अधिकारी के रूप में देखा करते थे. जब हमने उनसे सवाल किया कि अगर आज भी अधिकारी नहीं होते तो क्या होते हैं तो उन्होंने कहा कि भले ही उन्होंने इंजीनियरिंग की थी, लेकिन आज वह एक सक्सेसफुल इंजीनियर नहीं होते. अगर वह सिविल सेवा में सफल नहीं हो पाते तो वह आज प्रोफेसर के तौर पर किसी विश्वविद्यालय में छात्रों को शिक्षित कर रहे होते क्योंकि उन्हें पढ़ाने का शुरू से ही शौक रहा है.
प्रखर पांडे अपने पिता स्वर्गीय आर एन पांडे को आदर्श मानते हैं. प्रखर बताते हैं कि उन्होंने अपने पिता से जीवन में हर छोटी बड़ी चीजों को सिखा. जो भी उन्होंने आज अपने जीवन में हासिल किया है कि उनके पिता की बदौलत है. बीते 10 सालों में प्रखर का कुल 6 पोस्ट्स पर चयन हुआ है.