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Fraud In Delhi: कनाडा में नौकरी दिलाने के नाम पर 150 से ज्यादा लोगों से करोड़ों रुपये की ठगी, FIR दर्ज

कनाडा में नौकरी दिलाने का झांसा देकर करीब 150 से ज्यादा लोगों से करोड़ों की ठगी का सनसनीखेज मामला सामने आया है. कनाडा की एंबेसी में टिकट वीजा एग्रीमेंट बांड अप्रूवल लेटर आदि से जुड़े दस्तावेज दिखाए तो पता चला कि सभी फर्जी हैं.

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By ETV Bharat Delhi Team

Published : Sep 30, 2023, 8:49 AM IST

एसीपी वेव सिटी सलोनी अग्रवाल ने बताया कि मामले में मुकदमा दर्ज कर लिया गया है.

नई दिल्ली/गाजियाबाद: कनाडा में नौकरी दिलाने के नाम पर 150 से ज्यादा लोगों से करोड़ों की ठगी का मामला सामने आया है. एसीपी वेव सिटी सलोनी अग्रवाल ने बताया कि पलविंदर सिंह ने वेव सिटी थाने में पठानकोट के पोपिंदर सिंह और उसकी सहयोगी दिल्ली की प्रीति के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई है.

ये है पूरा मामला

पलविंदर पंजाब के गुरुदासपुर के रहने वाले हैं. वर्तमान में वे वेव सिटी के कार्यकारी मंजिलों में रहते हैं. उनका कहना है कि उनके परिचित मोहन सिंह और देशराज ने उसे पलविंदर से मिलवाया था. वह उनके घर आने लगा और कुछ समय बाद त्रिलोकपुरी, दिल्ली की प्रीति भी उसके साथ आने लगी. एक दिन इन्होंने बताया कि कनाडा की एक कंपनी को 500 कर्मचारियों की आवश्यकता है. कनाडा जाने का खर्चा 3 से 4 लाख के बीच होगा. प्रत्येक व्यक्ति को 3,380 कैनेडियन डॉलर प्रति माह वेतन मिलेगा. यदि आपकी जानकारी में ऐसा कोई व्यक्ति हो तो बताना. इसके बाद पलविंदर ने इन दोनों की बातों में आकर अपने जानकारी और पंजाब स्थित गांव के लोगों से कनाडा भेजने के लिए बातचीत की. इस पर काफी सारे लोग तैयार हो गए.

दूतावास में दस्तावेज दिखाने पर फर्जीवाड़े का पता चला

पलविंदर ने बताया कि कनाडा भेजने के लिए सभी की जांच करायी गयी, जिसके लिए 20 हजार रुपये लिये गये. बायोमेट्रिक्स के लिए 50-50 हजार रुपये लेकर सभी के पासपोर्ट भी ले लिए गए. इसके बाद 80-80 हजार रुपये और वीजा के लिए 2-2 लाख रुपये लिए गए. पहले 61 लोगों के टिकट बुक कराए गए थे, जो तीन दिन बाद रद्द कर दिए गए. जब ऑनलाइन टिकट नहीं मिले तो पोपिंदर से बात की. उन्होंने कहा कि जल्द ही टिकटें दोबारा जमा हो जाएंगी, लेकिन जब दोबारा टिकटें रद्द हुईं तो वह कनाडाई दूतावास पहुंचे, जहां उन्होंने टिकट से संबंधित दस्तावेज, वीजा, एग्रीमेंट बांड, अप्रूवल लेटर आदि दस्तावेज दिखाए तो पता चला वह सब नकली थे. इस बात का पता चलते ही दोनों आरोपियों ने अपने फोन नंबर बदल लिए. एसीपी वेव सिटी सलोनी अग्रवाल ने बताया कि मामले में मुकदमा दर्ज कर लिया गया है. जांच की जा रही है. जांच के आधार पर कार्रवाई की जाएगी.

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एसीपी वेव सिटी सलोनी अग्रवाल ने बताया कि मामले में मुकदमा दर्ज कर लिया गया है.

नई दिल्ली/गाजियाबाद: कनाडा में नौकरी दिलाने के नाम पर 150 से ज्यादा लोगों से करोड़ों की ठगी का मामला सामने आया है. एसीपी वेव सिटी सलोनी अग्रवाल ने बताया कि पलविंदर सिंह ने वेव सिटी थाने में पठानकोट के पोपिंदर सिंह और उसकी सहयोगी दिल्ली की प्रीति के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई है.

ये है पूरा मामला

पलविंदर पंजाब के गुरुदासपुर के रहने वाले हैं. वर्तमान में वे वेव सिटी के कार्यकारी मंजिलों में रहते हैं. उनका कहना है कि उनके परिचित मोहन सिंह और देशराज ने उसे पलविंदर से मिलवाया था. वह उनके घर आने लगा और कुछ समय बाद त्रिलोकपुरी, दिल्ली की प्रीति भी उसके साथ आने लगी. एक दिन इन्होंने बताया कि कनाडा की एक कंपनी को 500 कर्मचारियों की आवश्यकता है. कनाडा जाने का खर्चा 3 से 4 लाख के बीच होगा. प्रत्येक व्यक्ति को 3,380 कैनेडियन डॉलर प्रति माह वेतन मिलेगा. यदि आपकी जानकारी में ऐसा कोई व्यक्ति हो तो बताना. इसके बाद पलविंदर ने इन दोनों की बातों में आकर अपने जानकारी और पंजाब स्थित गांव के लोगों से कनाडा भेजने के लिए बातचीत की. इस पर काफी सारे लोग तैयार हो गए.

दूतावास में दस्तावेज दिखाने पर फर्जीवाड़े का पता चला

पलविंदर ने बताया कि कनाडा भेजने के लिए सभी की जांच करायी गयी, जिसके लिए 20 हजार रुपये लिये गये. बायोमेट्रिक्स के लिए 50-50 हजार रुपये लेकर सभी के पासपोर्ट भी ले लिए गए. इसके बाद 80-80 हजार रुपये और वीजा के लिए 2-2 लाख रुपये लिए गए. पहले 61 लोगों के टिकट बुक कराए गए थे, जो तीन दिन बाद रद्द कर दिए गए. जब ऑनलाइन टिकट नहीं मिले तो पोपिंदर से बात की. उन्होंने कहा कि जल्द ही टिकटें दोबारा जमा हो जाएंगी, लेकिन जब दोबारा टिकटें रद्द हुईं तो वह कनाडाई दूतावास पहुंचे, जहां उन्होंने टिकट से संबंधित दस्तावेज, वीजा, एग्रीमेंट बांड, अप्रूवल लेटर आदि दस्तावेज दिखाए तो पता चला वह सब नकली थे. इस बात का पता चलते ही दोनों आरोपियों ने अपने फोन नंबर बदल लिए. एसीपी वेव सिटी सलोनी अग्रवाल ने बताया कि मामले में मुकदमा दर्ज कर लिया गया है. जांच की जा रही है. जांच के आधार पर कार्रवाई की जाएगी.

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