नई दिल्ली/गाजियाबाद: जिले के एमएमएच कॉलेज में शिक्षक सरकार द्वारा महाविद्यालयों में विद्यार्थियों और शिक्षकों के लिए बायोमेट्रिक उपस्थिति को अनिवार्य करने का विरोध कर रहे हैं. एमएमएच कॉलेज में शिक्षक काली पट्टी बांधकर अपनी सेवा दे रहे हैं. 16 अगस्त से शिक्षकों का सांकेतिक विरोध जारी है जो कि 21 अगस्त तक जारी रहेगा.
महाविद्यालय शिक्षक संघ के सचिव डॉ क्रांतिबोध के मुताबिक हाल ही में सरकार द्वारा बायोमेट्रिक तहत उपस्थिति दर्ज करना अनिवार्य किया गया है. बायोमेट्रिक उपस्थिति को लागू करने और उसका पालन करने में शिक्षकों को कोई समस्या नहीं है. शिक्षक समाज का बहुत ही जागरुक व्यक्ति है. अगर सरकार द्वारा शिक्षक पर ही संदेह किया जाएगा तो पूरी की पूरी शिक्षा पद्धति ध्वस्त हो जाएगी.
डॉ. क्रांतिबोध के मुताबिक शिक्षक पूरी निष्ठा और ईमानदारी के साथ अपनी जिम्मेदारियां को निभाते आए हैं. शिक्षक छुट्टियों में भी विभिन्न प्रकार के कामों में व्यस्त रहता है. जैसे कि महाविद्यालय में परीक्षाएं कराता है, साथ ही चुनाव में भी ड्यूटी देता है. जनगणना लेकर पौधारोपण तक शिक्षक का अहम योगदान रहता है. शिक्षक संघ के आह्वान पर 16 से 21 अगस्त तक काली पट्टी बांधकर शिक्षक अपना विरोध दर्ज करा रहे हैं. 22 अगस्त को शिक्षक मेरठ विश्वविद्यालय पहुंचकर धरना प्रदर्शन कर अपना विरोध दर्ज कराएंगे.
गाजियाबाद के एमएमएच कॉलेज के प्राचार्य प्रोफेसर पीयूष चौहान के मुताबिक हाल ही में शासन द्वारा आदेश भेजा गया है कि शिक्षकों की हाजिरी बायोमेट्रिक के तहत होगी. हालांकि इसमें कोई समय सीमा तय नहीं की गई है कि कब से इसे लागू करना है. अब तक शिक्षकों की उपस्थिति हस्ताक्षर के माध्यम से दर्ज होती रही है. शासन की मंशा है कि शिक्षकों की बायोमेट्रिक के तहत उपस्थिति दर्ज हो. इसके विरोध में शिक्षक काली पट्टी बांधकर काम कर रहे हैं और विरोध दर्ज करा रहे हैं.
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