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प्लास्टिक प्रदूषण को मात देने के लिए एमसीडी ने मलका गंज में चलाया प्लॉगिंग कार्यक्रम - Plogging program started in Malka Ganj

सिविल लाइन क्षेत्र द्वारा मलका गंज वार्ड संख्या 12 में चलाए गए प्लॉगिंग कार्यक्रम का उद्देश्य प्लास्टिक के दुष्प्रभावों के बारे में जागरुकता पैदा करना था. इस दौरान दिल्ली के नागरिकों ने अपने अपने घरों और आसपास से एकत्रित प्लास्टिक कचरे को भी निगम कर्मचारियों को सौंपा, जिसे बेहतर निष्पादन के लिए भेज दिया गया.

एमसीडी ने मलका गंज में चलाया प्लॉगिंग कार्यक्रम
एमसीडी ने मलका गंज में चलाया प्लॉगिंग कार्यक्रम
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Published : Jan 31, 2023, 10:41 PM IST

नई दिल्ली: दिल्ली नगर निगम के सिविल लाइन क्षेत्र द्वारा मलका गंज वार्ड संख्या 12 में प्लॉगिंग कार्यक्रम का आयोजन किया गया. इस दौरान प्लॉगिंग करते हुए लगभग 35 किलोग्राम प्लास्टिक कचरा एकत्र किया गया, जिसे वेस्ट मैनेजमेंट अथॉरिटी के हवाले कर दिया गया. प्लास्टिक प्रतिबंध के विषय में ब्लॉगिंग कार्यक्रम मलका गंज के शिव मंदिर शुक्र बाजार से चलकर हंसराज कॉलेज पर समाप्त हुई.


इस आयोजन का उद्देश्य प्लास्टिक के दुष्प्रभावों के बारे में जागरुकता पैदा करना था. इस दौरान दिल्ली के नागरिकों ने अपने अपने घरों व आसपास से एकत्रित प्लास्टिक कचरे को भी निगम कर्मचारियों को सौंपा, जिसे बेहतर निष्पादन के लिए भेज दिया गया. दिल्ली नगर निगम द्वारा चलाए गए कार्यक्रम में क्षेत्र की पार्षद रेखा ने भाग लिया. उनके अलावा सिविल लाइन जोन के उपायुक्त बी पी भारद्वाज, जन स्वास्थ्य विभाग से उप स्वास्थ्य अधिकारी डॉक्टर श्यामवीर सिंह, निगम के वरिष्ठ अधिकारी व कर्मचारी, आरडब्ल्यूए के प्रतिनिधि और बड़ी संख्या में स्थानीय लोगों ने हिस्सा लिया.


मौके पर सिविल लाइन जोन के उपायुक्त बीपी भारद्वाज ने कहा कि हमें अब प्लास्टिक को अपनी जीवनशैली से हटाना है ताकि हम अपने पर्यावरण को बचा सकें. जनसहभागिता से ही हम क्षेत्र को प्लास्टिक मुक्त बना सकते हैं. उपायुक्त ने कहा कि हम प्लास्टिक की प्रवृति को बदल नहीं सकते हैं लेकिन हम अपनी आदतों में बदलाव कर सकते हैं. उन्होंने कहा कि संस्था, समूह और व्यक्तिगत स्तर पर अगर हम प्लास्टिक के प्रयोग को हतोत्साहित करें तो बेहतर परिणाम सामने होंगे. उन्होंने नागरिकों से अपील की कि वे दैनिक जीवन में प्लास्टिक के बजाय पर्यावरण अनुकूल विकल्पों का इस्तेमाल करें.

दिल्ली नगर निगम के 272 कर्मचारी हुए सेवानिवृत

दिल्ली नगर निगम के 272 कर्मचारी मंगलवार को सेवानिवृत्त हुए. दिल्ली नगर निगम के सिविक सेंटर मुख्यालय स्थित सभागार में आयोजित कार्यक्रम में अतिरिक्त उपायुक्त (श्रम) प्रवीण सचान ने सेवानिवृत्त कर्मियों को प्रशस्ति पत्र, पीपीओ शीट, लीव एनकैशमेंट के चेक दिए. सभी जोन में भी सेवानिवृत कार्यक्रम आयोजित किये गए. इस कार्यक्रम में सेवानिवृत कर्मचारियों को दीर्घायु व स्वस्थ रहने की कामना की गई. सेवानिवृत हो रहे कर्मचारियों को उनके भविष्य के लिए शुभकामनाओं के साथ-साथ सुखमय जीवन की कामना करते हुए पौधे भी भेंट किए.

सिविल इंजीनियरों और ठेकेदारों के लिए एक प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन

दिल्ली नगर निगम के मध्य क्षेत्र ने निर्माण स्थलों पर मच्छरों के प्रजनन की रोकथाम और नियंत्रण के लिए सिविल इंजीनियरों और ठेकेदारों के लिए एक प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया. शुभारंभ अमित शर्मा उपायुक्त मध्य क्षेत्र ने किया. प्रशिक्षण सत्र को राष्ट्रीय मलेरिया अनुसंधान संस्थान (एनआईएमआर) के विशेषज्ञों की टीम एवं उप स्वास्थ्य अधिकारी ने संबोधित किया. प्रशिक्षण कार्यक्रम के आयोजन का मुख्य उद्देश्य जी-20 शिखर सम्मेलन के आयोजन स्थलों सहित निर्माण स्थलों पर मच्छर जनित बीमारियों की पूर्णत: रोकथाम के लक्ष्य को प्राप्त करने की दिशा में कार्य करना था.

प्रतिभागियों को जीरो एसयूपी अभियान लागू करने की आवश्यकता के बारे में भी जागरूक किया गया. निगम के मध्य क्षेत्र द्वारा आयोजित प्रशिक्षण कार्यक्रम में शापूरजी पलोनजी निर्माण, एफकॉन निर्माण, बिस्टा रेजीडेंसी आदि जैसी 15 प्रमुख निर्माण एजेंसियों ने भाग लिया. अमित शर्मा उपायुक्त मध्य क्षेत्र ने मच्छरों के पनपने वाले हॉटस्पॉट की कड़ी निगरानी की आवश्यकता पर बल दिया. कहा कि मच्छरों के प्रजनन को रोककर हम मलेरिया, डेंगू और चिकनगुनिया जैसी मच्छरजनित बीमारियों के प्रसार को नियंत्रित कर सकते हैं.

ये भी पढ़ें: Rules Changing from 1 February: फरवरी से होंगे ये बड़े बदलाव, जेब पर डालेंगे मोटा असर

नई दिल्ली: दिल्ली नगर निगम के सिविल लाइन क्षेत्र द्वारा मलका गंज वार्ड संख्या 12 में प्लॉगिंग कार्यक्रम का आयोजन किया गया. इस दौरान प्लॉगिंग करते हुए लगभग 35 किलोग्राम प्लास्टिक कचरा एकत्र किया गया, जिसे वेस्ट मैनेजमेंट अथॉरिटी के हवाले कर दिया गया. प्लास्टिक प्रतिबंध के विषय में ब्लॉगिंग कार्यक्रम मलका गंज के शिव मंदिर शुक्र बाजार से चलकर हंसराज कॉलेज पर समाप्त हुई.


इस आयोजन का उद्देश्य प्लास्टिक के दुष्प्रभावों के बारे में जागरुकता पैदा करना था. इस दौरान दिल्ली के नागरिकों ने अपने अपने घरों व आसपास से एकत्रित प्लास्टिक कचरे को भी निगम कर्मचारियों को सौंपा, जिसे बेहतर निष्पादन के लिए भेज दिया गया. दिल्ली नगर निगम द्वारा चलाए गए कार्यक्रम में क्षेत्र की पार्षद रेखा ने भाग लिया. उनके अलावा सिविल लाइन जोन के उपायुक्त बी पी भारद्वाज, जन स्वास्थ्य विभाग से उप स्वास्थ्य अधिकारी डॉक्टर श्यामवीर सिंह, निगम के वरिष्ठ अधिकारी व कर्मचारी, आरडब्ल्यूए के प्रतिनिधि और बड़ी संख्या में स्थानीय लोगों ने हिस्सा लिया.


मौके पर सिविल लाइन जोन के उपायुक्त बीपी भारद्वाज ने कहा कि हमें अब प्लास्टिक को अपनी जीवनशैली से हटाना है ताकि हम अपने पर्यावरण को बचा सकें. जनसहभागिता से ही हम क्षेत्र को प्लास्टिक मुक्त बना सकते हैं. उपायुक्त ने कहा कि हम प्लास्टिक की प्रवृति को बदल नहीं सकते हैं लेकिन हम अपनी आदतों में बदलाव कर सकते हैं. उन्होंने कहा कि संस्था, समूह और व्यक्तिगत स्तर पर अगर हम प्लास्टिक के प्रयोग को हतोत्साहित करें तो बेहतर परिणाम सामने होंगे. उन्होंने नागरिकों से अपील की कि वे दैनिक जीवन में प्लास्टिक के बजाय पर्यावरण अनुकूल विकल्पों का इस्तेमाल करें.

दिल्ली नगर निगम के 272 कर्मचारी हुए सेवानिवृत

दिल्ली नगर निगम के 272 कर्मचारी मंगलवार को सेवानिवृत्त हुए. दिल्ली नगर निगम के सिविक सेंटर मुख्यालय स्थित सभागार में आयोजित कार्यक्रम में अतिरिक्त उपायुक्त (श्रम) प्रवीण सचान ने सेवानिवृत्त कर्मियों को प्रशस्ति पत्र, पीपीओ शीट, लीव एनकैशमेंट के चेक दिए. सभी जोन में भी सेवानिवृत कार्यक्रम आयोजित किये गए. इस कार्यक्रम में सेवानिवृत कर्मचारियों को दीर्घायु व स्वस्थ रहने की कामना की गई. सेवानिवृत हो रहे कर्मचारियों को उनके भविष्य के लिए शुभकामनाओं के साथ-साथ सुखमय जीवन की कामना करते हुए पौधे भी भेंट किए.

सिविल इंजीनियरों और ठेकेदारों के लिए एक प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन

दिल्ली नगर निगम के मध्य क्षेत्र ने निर्माण स्थलों पर मच्छरों के प्रजनन की रोकथाम और नियंत्रण के लिए सिविल इंजीनियरों और ठेकेदारों के लिए एक प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया. शुभारंभ अमित शर्मा उपायुक्त मध्य क्षेत्र ने किया. प्रशिक्षण सत्र को राष्ट्रीय मलेरिया अनुसंधान संस्थान (एनआईएमआर) के विशेषज्ञों की टीम एवं उप स्वास्थ्य अधिकारी ने संबोधित किया. प्रशिक्षण कार्यक्रम के आयोजन का मुख्य उद्देश्य जी-20 शिखर सम्मेलन के आयोजन स्थलों सहित निर्माण स्थलों पर मच्छर जनित बीमारियों की पूर्णत: रोकथाम के लक्ष्य को प्राप्त करने की दिशा में कार्य करना था.

प्रतिभागियों को जीरो एसयूपी अभियान लागू करने की आवश्यकता के बारे में भी जागरूक किया गया. निगम के मध्य क्षेत्र द्वारा आयोजित प्रशिक्षण कार्यक्रम में शापूरजी पलोनजी निर्माण, एफकॉन निर्माण, बिस्टा रेजीडेंसी आदि जैसी 15 प्रमुख निर्माण एजेंसियों ने भाग लिया. अमित शर्मा उपायुक्त मध्य क्षेत्र ने मच्छरों के पनपने वाले हॉटस्पॉट की कड़ी निगरानी की आवश्यकता पर बल दिया. कहा कि मच्छरों के प्रजनन को रोककर हम मलेरिया, डेंगू और चिकनगुनिया जैसी मच्छरजनित बीमारियों के प्रसार को नियंत्रित कर सकते हैं.

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