नई दिल्ली: राजधानी दिल्ली में आम आदमी पार्टी और बीजेपी के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर लगातार जारी है. वहीं, अब यह लड़ाई निगम तक जा पहुंची है. दरअसल, दिल्ली नगर निगम के नेता प्रतिपक्ष राजा इकबाल सिंह ने बड़ा बयान दिया है. उन्होंने कहा कि निगम भंग हो सकती है. आम आदमी पार्टी निगम को अलोकतांत्रिक और अनाड़ी तरीके से चला रही है.
निगम की बजट बैठक स्थगित होने पर राजा इकबाल सिंह ने कहा कि आम आदमी पार्टी का यह अनाड़ीपन है. आम आदमी पार्टी को नहीं पता निगम कैसे चलानी है. आप दिल्ली की जनता को कोई सहूलियत नहीं दे रही है, इसलिए वह बजट पर चर्चा नहीं चाहती है. उन्होंने बताया कि मेयर शैली ओबराय जिस तरीके से हाउस चलाती हैं, वह चाहती है कि उसी तरीके से बजट बैठक भी चले और हंगामा के बीच बिना चर्चा के बजट पास करा लिया जाए.
एमसीडी नेता विपक्ष ने कहा कि जिस तरीके से दिल्ली नगर निगम में अलोकतांत्रिक प्रक्रिया अपनाई जा रही है. उससे साफ है कि निगम भंग होने की तरह बढ़ रहा है और मेयर शैली ओबेरॉय जेल की तरफ जा रही है.
बता दें, दिल्ली नगर निगम की विशेष बजट शुक्रवार को कमिश्नर ज्ञानेश भारती को पेश करना था. इसके के लिए बैठक भी बुलाई गई थी. इसमें 2023-24 का संशोधित बजट अनुमान और 2024-2025 का बजट अनुमान प्रस्तुत होना था, लेकिन अचानक बैठक को स्थगित कर दिया गया. इस बजट बैठक को लेकर दिल्ली भाजपा पहले से ही आम आदमी पार्टी पर हमलावर थी. भाजपा का कहना है कि बिना स्थायी समिति के बजट को सदन में लाया जा रहा है, जो अलोकतांत्रिक है.
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भाजपा प्रदेश महामंत्री कमलजीत सहरावत ने बताया कि आज निगम की विशेष बजट बैठक का आयोजन होना था. मगर आम आदमी पार्टी की मेयर ने बिना कोई कारण बताए इस बैठक को स्थगित कर दिया, जो अपने आप में निगम इतिहास में पहली बार हुआ है. उन्होंने बताया कि आम आदमी पार्टी के शासन में अभी तक स्थायी समिति व अन्य महत्वपूर्ण समितियों का गठन नहीं हुआ है. जिसका सीधा सीधा प्रभाव नागरिक को से संबंधित सेवाओं पर पड़ रहा है.
उन्होंने बताया कि दिल्ली नगर निगम अधिनियम के अनुसार निगमायुक्त स्थायी समिति में बजट को पेश करते है. उसके बाद 22 कमेटियों में बजट पर चर्चा होती है. उन्होंने बताया कि AAP ने सबसे पहला उलंघन स्थायी समिति में बजट पेश न करके किया है. इस बार जोन और अन्य कमेटियों में बजट पेश नहीं होगा जो निगम इतिहास में काला अध्याय है. कमेटियों को गठन न करके आम आदमी पार्टी की मेयर निगम को स्वयं चलाना चाहती है, जो कि नियमों के खिलाफ है.