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प्रदूषण के रोकथाम के मद्देनर MCD ने 517 निगरानी टीमों का किया गठन, 1119 अधिकारियों को किया तैनात

राजधानी में निगम में प्रदूषण के मद्देनजर सैकड़ों निगरानी टीमों का गठन किया है. साथ ही प्रदूषण को कम करने के अन्य उपायों का भी उपयोग किया जा रहा है. MCD formed 517 monitoring teams, municipal corporation of delhi

Delhi Pollution Control Committee
Delhi Pollution Control Committee
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By ETV Bharat Delhi Team

Published : Nov 4, 2023, 7:15 AM IST

नई दिल्ली: दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) प्रशासन ने शुक्रवार शीतकालीन कार्य योजना (डब्ल्यूएपी) को लागू करने को लेकर जानकरी दी. बताया गया कि (डब्ल्यूएपी) को लागू करने के लिए एमसीडी ने 517 निगरानी टीमों का गठन किया है. टीम में शामिल 1119 अधिकारी अपने अधिकार क्षेत्र के तहत खुले में बायोमास जलाने, अवैध सीएंडडी अपशिष्ट डंपिंग, सीएंडडी साइटों और सड़कों पर धूल की उड़ने की जांच करेंगे. निर्माण और विध्वंस अपशिष्ट के निरीक्षण के लिए टीमें दिन रात कार्य करेंगी.

निगम के वरिष्ठ अधिकारियों ने बताया कि खुले में कचरा आदि जलाने पर 50 चालान किए गए हैं. इन जुर्मानों की राशि 25 हजार रुपए है जो अब तक वसूली नहीं गई है. वहीं अक्टूबर माह के दौरान कंस्ट्रक्शन एंड डेमोलिशन (सीएंडडी) को लेकर 163 चालान जारी कर 34 लाख रुपए वसूले गए. प्रदूषण को देखते हुए लोक निर्माण विभाग ने 60 एंटी-स्मॉग गन (एएसजी) एमसीडी की मदद के लिए उपलब्ध कराए हैं.

यह भी बताया गया कि पीडब्ल्यूडी की सड़कों पर सफाई करने के लिए मैकेनिकल रोड स्वीपर उपलब्ध कराई गई है. साथ ही 30 वॉटर स्प्रिंकलर भी तैनात किए जा रहे हैं. वहीं धूल से हो रहे प्रदूषण को कम करने के लिए मुख्य सड़कों पर मोबाइल एंटी-स्मॉग गन (एएसजी) तैनात किए गए हैं. विभिन्न चरणों के अनुसार हॉटस्पॉट क्षेत्रों में पानी के छिड़काव फ्रीक्वेंसी बढ़ाई गई है. वहीं वायु प्रदूषण से निपटने के लिए प्रत्येक जोन को डस्ट सप्रेसिंग मशीनें खरीदने, उनके रखरखाव ड्राइवरों को काम पर रखने और एंटी-स्मॉग गन को संचालित करने के लिए 20 लख रुपये दिए गए हैं.

यह भी पढ़ें-रविवार को दिल्ली मेट्रो की ब्लू लाइन रहेगी प्रभावित, जानें, कितने समय तक नहीं होगा संचालन

साथ ही दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति (डीपीसीसी) ने हॉटस्पॉट क्षेत्र के लिए विभिन्न एजेंसियों से संबंधित वायु प्रदूषण के विभिन्न सूक्ष्म स्रोतों की पहचान की है. इसके अनुसार हॉटस्पॉट के आसपास के क्षेत्र में वायु प्रदूषण का मुकाबला करने के लिए विभिन्न विभागों के साथ नोडल अधिकारियों जोन के उपायुक्त) द्वारा सभी कार्रवाई की जा रही है. डीपीसीसी के कंस्ट्रकशन एंड डेमोलिशन पोर्टल पर कुल साइटों को पंजीकृत किया गया है और निर्माण और विध्वंस गतिविधियों की जांच करने के लिए गठित जोनल टीमों द्वारा इन साइटों की नियमित रूप से निगरानी की जा रही है.

यह भी पढ़ें-दिल्ली की हवा में जहर!, बहुत जरूरी हो तभी घर से निकलें, LG की बैठक में लिए गए अहम निर्णय

नई दिल्ली: दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) प्रशासन ने शुक्रवार शीतकालीन कार्य योजना (डब्ल्यूएपी) को लागू करने को लेकर जानकरी दी. बताया गया कि (डब्ल्यूएपी) को लागू करने के लिए एमसीडी ने 517 निगरानी टीमों का गठन किया है. टीम में शामिल 1119 अधिकारी अपने अधिकार क्षेत्र के तहत खुले में बायोमास जलाने, अवैध सीएंडडी अपशिष्ट डंपिंग, सीएंडडी साइटों और सड़कों पर धूल की उड़ने की जांच करेंगे. निर्माण और विध्वंस अपशिष्ट के निरीक्षण के लिए टीमें दिन रात कार्य करेंगी.

निगम के वरिष्ठ अधिकारियों ने बताया कि खुले में कचरा आदि जलाने पर 50 चालान किए गए हैं. इन जुर्मानों की राशि 25 हजार रुपए है जो अब तक वसूली नहीं गई है. वहीं अक्टूबर माह के दौरान कंस्ट्रक्शन एंड डेमोलिशन (सीएंडडी) को लेकर 163 चालान जारी कर 34 लाख रुपए वसूले गए. प्रदूषण को देखते हुए लोक निर्माण विभाग ने 60 एंटी-स्मॉग गन (एएसजी) एमसीडी की मदद के लिए उपलब्ध कराए हैं.

यह भी बताया गया कि पीडब्ल्यूडी की सड़कों पर सफाई करने के लिए मैकेनिकल रोड स्वीपर उपलब्ध कराई गई है. साथ ही 30 वॉटर स्प्रिंकलर भी तैनात किए जा रहे हैं. वहीं धूल से हो रहे प्रदूषण को कम करने के लिए मुख्य सड़कों पर मोबाइल एंटी-स्मॉग गन (एएसजी) तैनात किए गए हैं. विभिन्न चरणों के अनुसार हॉटस्पॉट क्षेत्रों में पानी के छिड़काव फ्रीक्वेंसी बढ़ाई गई है. वहीं वायु प्रदूषण से निपटने के लिए प्रत्येक जोन को डस्ट सप्रेसिंग मशीनें खरीदने, उनके रखरखाव ड्राइवरों को काम पर रखने और एंटी-स्मॉग गन को संचालित करने के लिए 20 लख रुपये दिए गए हैं.

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साथ ही दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति (डीपीसीसी) ने हॉटस्पॉट क्षेत्र के लिए विभिन्न एजेंसियों से संबंधित वायु प्रदूषण के विभिन्न सूक्ष्म स्रोतों की पहचान की है. इसके अनुसार हॉटस्पॉट के आसपास के क्षेत्र में वायु प्रदूषण का मुकाबला करने के लिए विभिन्न विभागों के साथ नोडल अधिकारियों जोन के उपायुक्त) द्वारा सभी कार्रवाई की जा रही है. डीपीसीसी के कंस्ट्रकशन एंड डेमोलिशन पोर्टल पर कुल साइटों को पंजीकृत किया गया है और निर्माण और विध्वंस गतिविधियों की जांच करने के लिए गठित जोनल टीमों द्वारा इन साइटों की नियमित रूप से निगरानी की जा रही है.

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