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यमुना प्राधिकरण में मिश्रित भू उपयोग के साथ लागू होगा मास्टर प्लान 2041, ओलंपिक गांव और ओलंपिक पार्क के साथ होंगी अन्य बेहतरीन सुविधाएं

यमुना प्राधिकरण के सीईओ अरुण वीर सिंह ने बताया कि मास्टर प्लान 2041 को सरकार से अनुमोदन के लिए भेज दिया गया है. मास्टर प्लान में मल्टीपल लैंड यूज इंडस्ट्री और मल्टीपल लैंड यूज हॉस्पिटैलिटी के दो नए सेक्टर बनाए जाएंगे. इसके साथ ही कई वेंडर जोनों के लिए डेडीकेटेड रोड 30 मीटर से बढ़ाकर 130 मीटर तक किए जाएंगे.

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Published : Jan 1, 2023, 6:58 PM IST

यमुना प्राधिकरण के सीईओ अरुण वीर सिंह

नई दिल्ली/ग्रेटर नोएडा: यमुना प्राधिकरण में जल्द ही मास्टर प्लान 2041 लागू हो जाएगा. बोर्ड बैठक में मास्टर प्लान 2041 पास होने के बाद स्वीकृति के लिए सरकार के पास भेज दिया गया है. इस मास्टर प्लान में मिश्रित भू उपयोग की योजना पर काम किया जाएगा इसके लिए प्राधिकरण ने 12000 हेक्टेयर एरिया और बढ़ाया है. इसमें मल्टीपल लैंड यूज़ इंडस्ट्री और मल्टीप्ल लैंड यूज़ हॉस्पिटैलिटी की सुविधाओं सहित नए सेक्टर बसाए जाएंगे.

उद्योग के साथ-साथ लोगों को रहने के लिए आसपास घर की भी जरूरत होती है, इसीलिए मास्टर प्लान में इस बार उद्योगों के पास कर्मचारियों के लिए आवास बनाने का भी प्रावधान किया गया है. इस तरह का प्रावधान अभी कुछ ही देशों में है. अब इसे जिले में लागू किया जाएगा. नए मास्टर प्लान 2041 में इसी तरह से काम किया जाएगा.

यमुना प्राधिकरण के सीईओ अरुण वीर सिंह ने बताया कि मास्टर प्लान 2041 को सरकार से अनुमोदन के लिए भेज दिया गया है. मास्टर प्लान में मल्टीपल लैंड यूज इंडस्ट्री और मल्टीपल लैंड यूज हॉस्पिटैलिटी के दो नए सेक्टर बनाए जाएंगे. इसके साथ ही कई वेंडर जोनों के लिए डेडीकेटेड रोड 30 मीटर से बढ़ाकर 130 मीटर तक किए जाएंगे.

राष्ट्रमंडल खेलों को बढ़ावा देने के लिए बनाए जाएंगे गांव और पार्क

सीईओ ने बताया कि राष्ट्रमंडल खेलों को बढ़ावा देने के लिए ओलंपिक गांव और ओलंपिक पार्क बनाए जाएंगे. इसके लिए बड़े-बड़े सेक्टर बसाए जाएंगे. इसका ये फायदा होगा कि भविष्य में जब भी भारत को ओलंपिक खेलों की मेजबानी या उनके समतुल्य राष्ट्रीय खेलों की मेजबानी का अवसर मिलेगा तो एनसीआर क्षेत्र में उसके अनुरूप सुविधाएं स्थापित करने की जरूरत होगी. जिसको देखते हुए यहां पर ओलंपिक पार्क और ओलंपिक गांव बनाए जाएंगे.

अरुण वीर सिंह ने बताया कि हर बड़े शहर में एक सेंट्रल बिजनेस डिस्टिक होता है जो अभी तक यमुना प्राधिकरण में प्लान नहीं किया गया था. उसे भी 2041 के मास्टर प्लान में बनाया जाएगा. 25 सौ हेक्टेयर में बनने वाला यह सेंट्रल बिजनेस डिस्टिक अपने आप में पार्क, प्लाजा, रिस्ट्रो ओर ओपन स्पेस के साथ मेट्रो की कनेक्टिविटी के साथ बनाया जाएगा यहां पर आने जाने की कनेक्टिविटी को भी बेहतर बनाया जाएगा.

उन्होंने बताया कि यमुना प्राधिकरण के मास्टर प्लान 2041 में हरियाली का विशेष ध्यान रखा जाएगा. हरियाली को बढ़ावा देने के लिए मास्टर प्लान में इंडस्ट्रियल लैंड के लिए करीब 20 फ़ीसदी, मिश्रित भूमि उपयोग करीब 15 फ़ीसदी, आवासीय 12 फ़ीसदी, व्यवसायिक में 8 फ़ीसदी और ग्रीन बेल्ट में 35 फ़ीसदी सहित सड़क आदि में 10 फ़ीसदी जमीन का उपयोग किया जाएगा. नोएडा और ग्रेटर नोएडा के बाद यमुना में हरियाली को लगभग दोगुना कर दिया जाएगा.

ये भी पढ़ें: Daily Rashifal 1 January 2023 : कैसा बीतेगा आज का दिन , जानिए अपना आज का राशिफल

यमुना प्राधिकरण के सीईओ अरुण वीर सिंह

नई दिल्ली/ग्रेटर नोएडा: यमुना प्राधिकरण में जल्द ही मास्टर प्लान 2041 लागू हो जाएगा. बोर्ड बैठक में मास्टर प्लान 2041 पास होने के बाद स्वीकृति के लिए सरकार के पास भेज दिया गया है. इस मास्टर प्लान में मिश्रित भू उपयोग की योजना पर काम किया जाएगा इसके लिए प्राधिकरण ने 12000 हेक्टेयर एरिया और बढ़ाया है. इसमें मल्टीपल लैंड यूज़ इंडस्ट्री और मल्टीप्ल लैंड यूज़ हॉस्पिटैलिटी की सुविधाओं सहित नए सेक्टर बसाए जाएंगे.

उद्योग के साथ-साथ लोगों को रहने के लिए आसपास घर की भी जरूरत होती है, इसीलिए मास्टर प्लान में इस बार उद्योगों के पास कर्मचारियों के लिए आवास बनाने का भी प्रावधान किया गया है. इस तरह का प्रावधान अभी कुछ ही देशों में है. अब इसे जिले में लागू किया जाएगा. नए मास्टर प्लान 2041 में इसी तरह से काम किया जाएगा.

यमुना प्राधिकरण के सीईओ अरुण वीर सिंह ने बताया कि मास्टर प्लान 2041 को सरकार से अनुमोदन के लिए भेज दिया गया है. मास्टर प्लान में मल्टीपल लैंड यूज इंडस्ट्री और मल्टीपल लैंड यूज हॉस्पिटैलिटी के दो नए सेक्टर बनाए जाएंगे. इसके साथ ही कई वेंडर जोनों के लिए डेडीकेटेड रोड 30 मीटर से बढ़ाकर 130 मीटर तक किए जाएंगे.

राष्ट्रमंडल खेलों को बढ़ावा देने के लिए बनाए जाएंगे गांव और पार्क

सीईओ ने बताया कि राष्ट्रमंडल खेलों को बढ़ावा देने के लिए ओलंपिक गांव और ओलंपिक पार्क बनाए जाएंगे. इसके लिए बड़े-बड़े सेक्टर बसाए जाएंगे. इसका ये फायदा होगा कि भविष्य में जब भी भारत को ओलंपिक खेलों की मेजबानी या उनके समतुल्य राष्ट्रीय खेलों की मेजबानी का अवसर मिलेगा तो एनसीआर क्षेत्र में उसके अनुरूप सुविधाएं स्थापित करने की जरूरत होगी. जिसको देखते हुए यहां पर ओलंपिक पार्क और ओलंपिक गांव बनाए जाएंगे.

अरुण वीर सिंह ने बताया कि हर बड़े शहर में एक सेंट्रल बिजनेस डिस्टिक होता है जो अभी तक यमुना प्राधिकरण में प्लान नहीं किया गया था. उसे भी 2041 के मास्टर प्लान में बनाया जाएगा. 25 सौ हेक्टेयर में बनने वाला यह सेंट्रल बिजनेस डिस्टिक अपने आप में पार्क, प्लाजा, रिस्ट्रो ओर ओपन स्पेस के साथ मेट्रो की कनेक्टिविटी के साथ बनाया जाएगा यहां पर आने जाने की कनेक्टिविटी को भी बेहतर बनाया जाएगा.

उन्होंने बताया कि यमुना प्राधिकरण के मास्टर प्लान 2041 में हरियाली का विशेष ध्यान रखा जाएगा. हरियाली को बढ़ावा देने के लिए मास्टर प्लान में इंडस्ट्रियल लैंड के लिए करीब 20 फ़ीसदी, मिश्रित भूमि उपयोग करीब 15 फ़ीसदी, आवासीय 12 फ़ीसदी, व्यवसायिक में 8 फ़ीसदी और ग्रीन बेल्ट में 35 फ़ीसदी सहित सड़क आदि में 10 फ़ीसदी जमीन का उपयोग किया जाएगा. नोएडा और ग्रेटर नोएडा के बाद यमुना में हरियाली को लगभग दोगुना कर दिया जाएगा.

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