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मिलने की आस छोड़ चुके परिवारों को नोएडा पुलिस ने अपनों से मिलवाया, नम हुईं आंखें - पुलिस ने अपनों से मिलवाया

नोएडा पुलिस की anti human trafficking unit यानी एंटी हयूमन ट्रैफिकिंग यूनिट (एएचटीयू) की टीम ने मानसिक रूप से कमजोर और परिवार से बिछड़ी दो महिलाओं को उनके परिजनों को सौंपने का काम किया( Noida police introduced family) है. बिहार के गया जिले और यूपी के बुलंदशहर जिले की ये दोनों महिलाएं नोएडा सेक्टर 34 स्थित अपना घर आश्रम में रह रही थीं.

मिलने की आस छोड़ चुके परिवारों को नोएडा पुलिस ने अपनों से मिलवाया
मिलने की आस छोड़ चुके परिवारों को नोएडा पुलिस ने अपनों से मिलवाया
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Published : Dec 14, 2022, 2:19 PM IST

नई दिल्ली/ नोएडा : एंटी हयूमन ट्रैफिकिंग यूनिट (एएचटीयू) थाने की टीम ने अपना घर आश्रम में रह रहीं मानसिक रूप से कमजोर दो महिलाओं को परिजनों से मिलाया. अपनों से मिलने के बाद परिजनों की आंखे नम हो गईं. काफी तलाश के बाद भी इनका पता नही चला था और इनका परिवार इनसे मिलने की आस छोड़ चुका था. बिहार से लापता 28 वर्षीय बेटी को पाने पर पिता की आखों से खुशी के आंसू छलक गए. दोनों परिवारों ने पुलिस का आभार जताया. गौतमबुद्धनगर के पुलिस कमिश्नर निर्देश पर पुलिस उपायुक्त महिला एवं बाल सुरक्षा के नेतृत्व में हुई कार्रवाई का ये सुखद परिणाम सामने आया.

पुलिस ने बिछड़ों को परिवार से मिलाया : थाना एएचटीयू की टीम ने 23 नवम्बर 2022 से शेल्टर होम अपना घर आश्रम सेक्टर 34 नोएडा में काउन्सलिंग के दौरान एक 50 साल की महिला को मेरठ के शेल्टर होम दयाल अपना घर से अपना घर आश्रम नोएडा के सेक्टर 34 लाया गया था. उसने बताया कि वह जिला बुलन्दशहर जिले की हरचना गांव की निवासी है और कहने लगी कि मुझे मेरे घर पहुंचा दो. महिला ने अपने भाई का नाम बब्बन उर्फ राजवीर बताया. एएचटीयू टीम ने गुगल ऐप से गांव हरचना, बुलन्दशहर को सर्च किया जो गुलावटी थाना के अंतर्गत है. उसके बाद तत्काल सम्बन्धित थाने से सम्पर्क करते हुए महिला के बारे में बताया गया और उसके भाई से बात की गई. महिला के भाई ने बताया कि उसकी मानसिक स्थिति ठीक नहीं है, जिसके कारण वह बिना बताए घर से कहीं चली गई थी. एएचटीयू टीम ने उसे उसके भाई राजवीर उर्फ बब्बन के हवाले कर दिया.

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गया से आए पिता ने पुलिस का आभार जताया :अपना घर आश्रम में रह रही दूसरी महिला की उम्र करीब 28 वर्ष है. उसे 17 अक्टूबर 2022 को अपना घर आश्रम में बिसरख थाना पुलिस लेकर आई थी. इस महिला की भी मानसिक स्थिति ठीक नहीं थी , कुछ हालत में सुधार होने पर महिला ने बताया कि वह बिहार के गया जिले के मुफस्सिल थाना क्षेत्र के सलेमपुर गांव की रहने वाली है. उसने अपने पिता का नाम बताया. एएचटीयू की टीम ने बिहार पुलिस के सहयोग से महिला के पिता से बात की और महिला के बारे में बताया. महिला के पिता ने बताया कि वह मानसिक रूप से ठीक नहीं थी, दो महीने पहले बिना बताये घर से कहीं चली गई थी. उन लोगों ने काफी ढूंढा लेकिन वह कहीं नहीं मिली. अपना घर आश्रम स्टाफ के सहयोग से पुलिस ने उस महिला को उसके पिता के सुपुर्द किया. महिला के पिता ने पुलिस का आभार जताया.

डीसीपी महिला सुरक्षा का कहना : दो महिलाओं को उनके परिजनों के सुपुर्द किए जाने के संबंध में ज्यादा जानकारी देते हुए डीसीपी महिला सुरक्षा मीनाक्षी कात्यायन ने बताया कि गौतमबुद्ध नगर कमिश्नरी में बनाए गए एएचटीयू थाने की ओर से शेल्टर होम में रह रही महिलाओं और बच्चों की काउंसलिंग करने का काम किया जा रहा है और उनके जरा सा भी एड्रेस बताने के बाद उस संबंध में पूरी जांच कर उनके परिजनों की तलाश की जा रही है. इससे पहले भी कई बिछड़ों को उनके परिवार से मिलाया गया है और आगे भी लगातार इस तरह की काउंसलिंग की जाती रहेगी.

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नई दिल्ली/ नोएडा : एंटी हयूमन ट्रैफिकिंग यूनिट (एएचटीयू) थाने की टीम ने अपना घर आश्रम में रह रहीं मानसिक रूप से कमजोर दो महिलाओं को परिजनों से मिलाया. अपनों से मिलने के बाद परिजनों की आंखे नम हो गईं. काफी तलाश के बाद भी इनका पता नही चला था और इनका परिवार इनसे मिलने की आस छोड़ चुका था. बिहार से लापता 28 वर्षीय बेटी को पाने पर पिता की आखों से खुशी के आंसू छलक गए. दोनों परिवारों ने पुलिस का आभार जताया. गौतमबुद्धनगर के पुलिस कमिश्नर निर्देश पर पुलिस उपायुक्त महिला एवं बाल सुरक्षा के नेतृत्व में हुई कार्रवाई का ये सुखद परिणाम सामने आया.

पुलिस ने बिछड़ों को परिवार से मिलाया : थाना एएचटीयू की टीम ने 23 नवम्बर 2022 से शेल्टर होम अपना घर आश्रम सेक्टर 34 नोएडा में काउन्सलिंग के दौरान एक 50 साल की महिला को मेरठ के शेल्टर होम दयाल अपना घर से अपना घर आश्रम नोएडा के सेक्टर 34 लाया गया था. उसने बताया कि वह जिला बुलन्दशहर जिले की हरचना गांव की निवासी है और कहने लगी कि मुझे मेरे घर पहुंचा दो. महिला ने अपने भाई का नाम बब्बन उर्फ राजवीर बताया. एएचटीयू टीम ने गुगल ऐप से गांव हरचना, बुलन्दशहर को सर्च किया जो गुलावटी थाना के अंतर्गत है. उसके बाद तत्काल सम्बन्धित थाने से सम्पर्क करते हुए महिला के बारे में बताया गया और उसके भाई से बात की गई. महिला के भाई ने बताया कि उसकी मानसिक स्थिति ठीक नहीं है, जिसके कारण वह बिना बताए घर से कहीं चली गई थी. एएचटीयू टीम ने उसे उसके भाई राजवीर उर्फ बब्बन के हवाले कर दिया.

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गया से आए पिता ने पुलिस का आभार जताया :अपना घर आश्रम में रह रही दूसरी महिला की उम्र करीब 28 वर्ष है. उसे 17 अक्टूबर 2022 को अपना घर आश्रम में बिसरख थाना पुलिस लेकर आई थी. इस महिला की भी मानसिक स्थिति ठीक नहीं थी , कुछ हालत में सुधार होने पर महिला ने बताया कि वह बिहार के गया जिले के मुफस्सिल थाना क्षेत्र के सलेमपुर गांव की रहने वाली है. उसने अपने पिता का नाम बताया. एएचटीयू की टीम ने बिहार पुलिस के सहयोग से महिला के पिता से बात की और महिला के बारे में बताया. महिला के पिता ने बताया कि वह मानसिक रूप से ठीक नहीं थी, दो महीने पहले बिना बताये घर से कहीं चली गई थी. उन लोगों ने काफी ढूंढा लेकिन वह कहीं नहीं मिली. अपना घर आश्रम स्टाफ के सहयोग से पुलिस ने उस महिला को उसके पिता के सुपुर्द किया. महिला के पिता ने पुलिस का आभार जताया.

डीसीपी महिला सुरक्षा का कहना : दो महिलाओं को उनके परिजनों के सुपुर्द किए जाने के संबंध में ज्यादा जानकारी देते हुए डीसीपी महिला सुरक्षा मीनाक्षी कात्यायन ने बताया कि गौतमबुद्ध नगर कमिश्नरी में बनाए गए एएचटीयू थाने की ओर से शेल्टर होम में रह रही महिलाओं और बच्चों की काउंसलिंग करने का काम किया जा रहा है और उनके जरा सा भी एड्रेस बताने के बाद उस संबंध में पूरी जांच कर उनके परिजनों की तलाश की जा रही है. इससे पहले भी कई बिछड़ों को उनके परिवार से मिलाया गया है और आगे भी लगातार इस तरह की काउंसलिंग की जाती रहेगी.

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