नई दिल्ली/गाजियाबादः देश में इन दिनों हार्ट अटैक के मामले काफी ज्यादा बढ़ रहे हैं, जिसको लेकर चिंता बढ़ती जा रही है. हाल ही में गाजियाबाद के इंदिरापुरम इलाके में एक 32 वर्षीय युवक की शादी समारोह के दौरान डांस करते समय मौत हो गई थी. इस तरह के मामले आने के बाद चिंताएं और बढ़ रही है. इसी कड़ी में ऐसे मामलों में एहतियात बरतने के लिए जागरुकता भी तेज हो गई है.
गाजियाबाद के एक ऑर्थोपेडिक सर्जन ने कुछ डॉक्टर्स के साथ मिलकर सोमवार को एक कैंप लगाया. यहां पर मामूली फीस लेकर बीएमडी नामक टेस्ट किया जा रहा है. इससे अचानक होने वाले हार्ट अटैक और कई दूसरे खतरों को टाला जा सकता (BMD test can eliminate risk of heart attack) है. आइए जानते हैं किस तरह से अब एनसीआर में हार्ट अटैक से बचने को लेकर जागरुकता अभियान शुरू हो गए हैंः
गाजियाबाद के शालीमार गार्डन इलाके के प्राइवेट अस्पताल में ऑर्थोपेडिक सर्जन मयंक जैन और कुछ अन्य डॉक्टर्स ने संपूर्ण ऑर्थोपेडिक कैंप का आयोजन किया. कैंप में करीब ढाई सौ से ज्यादा लोगों का फुल बॉडी बोन टेस्ट किया गया. इससे यह पता लगाया गया कि उनके शरीर में हड्डियों को लेकर किस तरह की समस्या है. इस टेस्ट से यह पता लगाया गया कि शरीर के किस हिस्से की हड्डी प्रॉपर फंक्शनल नहीं है.
दरअसल, उम्र और बदलते मौसम के साथ शरीर की कुछ हड्डियां प्रॉपर तरीके से फंक्शनल नहीं रहती हैं, जिससे कई तरह की बीमारियां पनपने का खतरा रहता है. लोग अक्सर इसे इग्नोर कर देते हैं. मगर इसी जागरुकता को फैलाने के लिए यह कैंप लगाया गया ताकि लोग मामूली चार्ज पर अपनी फुल बॉडी बोन टेस्ट करवा सके और शरीर की किसी भी हड्डी के बारे में उसकी प्रॉपर स्थिति को जान सके. इससे वक्त रहते हड्डियों में होने वाली किसी भी कमी को दूर करके उसे भयंकर बीमारी में तब्दील होने से रोका जा सके.
ऑर्थोपेडिक सर्जन डॉक्टर मयंक जैन ने बताया कि कैंप का मकसद कम्युनिटी सर्विस के लिए है. कुछ पेशेंट ऐसे हैं, जो रुपए की कमी की वजह से डॉक्टर के पास नहीं जा पाते हैं, इसलिए हमने कोशिश की है कि गरीब लोगों तक अपनी सेवाएं पहुंचा सकें. इसके लिए एक कैंप लगाया गया है, जिसमें बहुत मिनिमम चार्ज पर बोन टेस्ट किया जा रहा है. आज करीब ढाई सौ से ज्यादा लोगों का बीएमडी नाम का टेस्ट किया गया है, जिससे पता चलता है कि बॉडी में कैल्शियम की कमी तो नहीं है. इसी से पता चलता है कि हमारे शरीर में किस हिस्से में दर्द है. साथ ही इसका ताल्लुक हार्ट से भी है.
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उन्होंने बताया कि जब मौसम चेंज होता है तो हमारा ब्लड मोटा हो जाता है, जिससे खून जाकर नलिकायों में जमा हो जाता है जिससे उसका प्रवाह कम हो सकता है. इसी वजह से हार्ट अटैक का डर बना रहता है. कैल्शियम का बॉडी में काफी अहम योगदान रहता है जो हार्ट के लिए भी इंपॉर्टेंट रोल प्ले करता है. जिस बॉडी में कैल्शियम की कमी है, उसमे हार्ट की मसल्स कम काम करती हैं. इसलिए यह टेस्ट सिर्फ हड्डी से रिलेटेड नहीं है, बल्कि हार्ट, लीवर और किडनी से भी रिलेटेड है. इसीलिए हम कोशिश कर रहे हैं कि जितने ज्यादा लोगों को इस कैंप से जोड़ा जा सके वह बेहतर है. जिससे हार्ट अटैक जैसी समस्याओं को कम किया जा सके.