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Vaishakh Poornima 2023: वैशाख पूर्णिमा पर भूलकर भी न करें ये तीन काम, जानिए तिथि, शुभ मुहूर्त और महत्व

पूर्णिमा के दिन लोग अक्सर व्रत पूजन करते हैं. इस बार वैशाख पूर्णिमा 5 मई को मनाई जाएगी. आइए जानते हैं वैशाख पूर्णिमा का शुभ मुहूर्त. साथ ही यह भी जानिए कि इस दिन किन कामों को नहीं करना चाहिए.

vaishakh poornima 2023 shubh muhurt
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Published : May 4, 2023, 6:04 AM IST

आचार्य शिव कुमार शर्मा

नई दिल्ली/गाजियाबाद: इस साल वैशाख पूर्णिमा 5 मई 2023 शुक्रवार को पड़ रही है. इस दिन एक खगोलीय घटना घटने जा रही है, जिसमें चंद्रमा पृथ्वी की छाया से गुजरेगा. इस कारण चंद्रमा की कांति या चमक कुछ मलिन यानी कि फीकी होगी. यह उपछाई चंद्र ग्रहण कहलाता है. इस ग्रहण का कोई सूतक नहीं होता. यह पूर्णत: एक खगोलीय घटना है इसलिए चिंता की बात नहीं है. पूर्णिमा के दिन व्रत रखने वाले लोग बिना किसी चिंता के व्रत रख सकते हैं.

इस दिन हुआ था विष्णु का कूर्म और बुद्ध अवतार का जन्म: भगवान विष्णु के 10 अवतारों में सर्वप्रथम कूर्म अवतार का जन्म हुआ था. जब असुर राज हिरण्याक्ष पृथ्वी को लेकर पाताल लोक में चला गया था. तब भगवान विष्णु ने विशाल कछुए के रूप में अवतरित होकर पृथ्वी का उद्धार किया था. यह उनका कूर्म अवतार कहलाया. इसके अलावा, भगवान विष्णु के 9 वें अवतार माने जाने वाले भगवान बुद्ध का भी इसी दिन जन्म हुआ था, जिन्होंने अवैदिक कर्मकांड, अंधविश्वास आदि से से लोगों को मुक्ति दिलाई थी. उन्होंने बौद्ध मत का प्रचार प्रसार किया. जो भारत सहित चीन, कंबोडिया, थाईलैंड, श्रीलंका आदि देशों में फैला.

वैशाख पूर्णिमा मुहूर्त

  • वैशाख पूर्णिमा तिथि आरंभ: 4 मई 2023 (गुरुवार) रात 11:34 PM से
  • वैशाख पूर्णिमा तिथि समाप्त: 5 मई 2030 (शुक्रवार) रात 11:03 PM
  • स्नान मुहूर्त: सुबह 04:12 AM से सुबह 04:55 AM

वैशाख पूर्णिमा के दिन यम की प्रताड़ना से मुक्ति पाने के लिए अपने पितरों के निमित्त जलयुक्त घड़े का दान भी किया जाता है. कहा जाता है कि हमारे पितर जब नर्कलोक में तप्त रेत में अपने आप को विकल महसूस करते हैं तो उनके कुल के वंशज जलयुक्त घड़े का दान करके उनकी मुक्ति के लिए भगवान विष्णु से प्रार्थना करते हैं. इस दिन जल, शरबत आदि का दान करना बहुत ही लाभकारी होता है.

वैशाख पूर्णिमा के दिन पवित्र नदियों में स्नान करने का विशेष महत्व है. यदि आप किसी कारणवश पवित्र नदियों में स्नान नहीं कर सकते तो आप घर पर नहाने के पानी में गंगाजल डालकर स्नान कर सकते हैं. ऐसा करने से पाप और कष्ट समाप्त होते हैं. साथ ही तन और मन शुद्ध होता है.

न करें ये काम: वैशाख पूर्णिमा के दिन इस बार उपछाई चंद्रग्रहण भी लग रहा है. हालांकि उपछाई चंद्रग्रहण का असर भारत में देखने को नहीं मिलेगा. फिर भी एहतियात के लिए, गर्भवती महिलाओं को बुध पूर्णिमा के दिन घर से बाहर निकलने से परहेज करना चाहिए.

  • बुध पूर्णिमा के दिन विशेष ध्यान रखें कि तुलसी के पत्र न तोड़ें. ऐसा करने से मां लक्ष्मी नाराज होती हैं.
  • इस बार बुद्ध पूर्णिमा शुक्रवार के दिन है. ऐसे में इस दिन खट्टी चीजों को खाने से मां लक्ष्मी की पूजा का फल प्राप्त नहीं होता.

Disclaimer: यह खबर सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ईटीवी भारत किसी भी मान्यता की पुष्टि नहीं करता है. खबर केवल जानकारी के लिए हैं किसी भी जानकारी को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.

यह भी पढ़ें-Festivals in May 2023: इस दिन वैशाख पूर्णिमा, ज्येष्ठ अमावस्या और निर्जला एकादशी, जानें माह के व्रत-त्योहार

आचार्य शिव कुमार शर्मा

नई दिल्ली/गाजियाबाद: इस साल वैशाख पूर्णिमा 5 मई 2023 शुक्रवार को पड़ रही है. इस दिन एक खगोलीय घटना घटने जा रही है, जिसमें चंद्रमा पृथ्वी की छाया से गुजरेगा. इस कारण चंद्रमा की कांति या चमक कुछ मलिन यानी कि फीकी होगी. यह उपछाई चंद्र ग्रहण कहलाता है. इस ग्रहण का कोई सूतक नहीं होता. यह पूर्णत: एक खगोलीय घटना है इसलिए चिंता की बात नहीं है. पूर्णिमा के दिन व्रत रखने वाले लोग बिना किसी चिंता के व्रत रख सकते हैं.

इस दिन हुआ था विष्णु का कूर्म और बुद्ध अवतार का जन्म: भगवान विष्णु के 10 अवतारों में सर्वप्रथम कूर्म अवतार का जन्म हुआ था. जब असुर राज हिरण्याक्ष पृथ्वी को लेकर पाताल लोक में चला गया था. तब भगवान विष्णु ने विशाल कछुए के रूप में अवतरित होकर पृथ्वी का उद्धार किया था. यह उनका कूर्म अवतार कहलाया. इसके अलावा, भगवान विष्णु के 9 वें अवतार माने जाने वाले भगवान बुद्ध का भी इसी दिन जन्म हुआ था, जिन्होंने अवैदिक कर्मकांड, अंधविश्वास आदि से से लोगों को मुक्ति दिलाई थी. उन्होंने बौद्ध मत का प्रचार प्रसार किया. जो भारत सहित चीन, कंबोडिया, थाईलैंड, श्रीलंका आदि देशों में फैला.

वैशाख पूर्णिमा मुहूर्त

  • वैशाख पूर्णिमा तिथि आरंभ: 4 मई 2023 (गुरुवार) रात 11:34 PM से
  • वैशाख पूर्णिमा तिथि समाप्त: 5 मई 2030 (शुक्रवार) रात 11:03 PM
  • स्नान मुहूर्त: सुबह 04:12 AM से सुबह 04:55 AM

वैशाख पूर्णिमा के दिन यम की प्रताड़ना से मुक्ति पाने के लिए अपने पितरों के निमित्त जलयुक्त घड़े का दान भी किया जाता है. कहा जाता है कि हमारे पितर जब नर्कलोक में तप्त रेत में अपने आप को विकल महसूस करते हैं तो उनके कुल के वंशज जलयुक्त घड़े का दान करके उनकी मुक्ति के लिए भगवान विष्णु से प्रार्थना करते हैं. इस दिन जल, शरबत आदि का दान करना बहुत ही लाभकारी होता है.

वैशाख पूर्णिमा के दिन पवित्र नदियों में स्नान करने का विशेष महत्व है. यदि आप किसी कारणवश पवित्र नदियों में स्नान नहीं कर सकते तो आप घर पर नहाने के पानी में गंगाजल डालकर स्नान कर सकते हैं. ऐसा करने से पाप और कष्ट समाप्त होते हैं. साथ ही तन और मन शुद्ध होता है.

न करें ये काम: वैशाख पूर्णिमा के दिन इस बार उपछाई चंद्रग्रहण भी लग रहा है. हालांकि उपछाई चंद्रग्रहण का असर भारत में देखने को नहीं मिलेगा. फिर भी एहतियात के लिए, गर्भवती महिलाओं को बुध पूर्णिमा के दिन घर से बाहर निकलने से परहेज करना चाहिए.

  • बुध पूर्णिमा के दिन विशेष ध्यान रखें कि तुलसी के पत्र न तोड़ें. ऐसा करने से मां लक्ष्मी नाराज होती हैं.
  • इस बार बुद्ध पूर्णिमा शुक्रवार के दिन है. ऐसे में इस दिन खट्टी चीजों को खाने से मां लक्ष्मी की पूजा का फल प्राप्त नहीं होता.

Disclaimer: यह खबर सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ईटीवी भारत किसी भी मान्यता की पुष्टि नहीं करता है. खबर केवल जानकारी के लिए हैं किसी भी जानकारी को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.

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