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Pitra Paksha 2023: इस दिन से शुरू होगा पितृ पक्ष, ऐसे करें अपने पितरों को प्रसन्न - दिल्ली एनसीआर की ताजा खबरें

हिंदू धर्म में पितृ पक्ष का बहुत महत्व है. कहते हैं कि इस दौरान पितरों के लिए व्यक्ति को पिंडदान, श्राद्ध आदि करना चाहिए, जिससे उसके पितृ प्रसन्न रहें. आइए जानते हैं इस बार पितृ पक्ष कब से शुरू हो रहा है और इस दौरान पितरों को प्रसन्न करने के लिए किन बातों का ध्यान रखें.

pitra paksha 2023 shraddh tithi
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By ETV Bharat Delhi Team

Published : Sep 27, 2023, 5:58 PM IST

Updated : Sep 28, 2023, 7:41 AM IST

ज्योतिषाचार्य शिव कुमार शर्मा

नई दिल्ली: भाद्रपद माह की पूर्णिमा के साथ हर साल पितृ पक्ष की शुरुआत होती है. 16 दिनों तक पितृ पक्ष के दौरान पूर्वजों करने में पिंडदान, तर्पण और श्राद्ध किया जाता है. मान्यता है कि पितृ पक्ष में पूर्वजों के लिए किए जाने वाले कर्मकांड से पूर्वज प्रसन्न होते हैं. यह भी कहा जाता है कि यदि किसी के पूर्वज प्रसन्न नहीं होते तो उसे भगवान के पूजन-अर्चन का पूर्ण फल नहीं मिलता. पितरों के आशीर्वाद से व्यक्ति के जीवन में आ रही अड़चनें दूर होती हैं. इस बार पितृ पक्ष की शुरुआत 29 सितंबर से होगी.

पितरों को अर्पित करें पुष्प: ज्योतिषाचार्य शिव कुमार शर्मा ने बताया कि हमारे पूर्वज मरणोपरांत भी अपनी पीढ़ियों को बारे में सोचते हैं. इसलिए कहा जाता है कि पितृ पक्ष में देवताओं को पुष्प अर्पित करने से पहले पितरों को पुष्प अर्पित करने चाहिए. उन्होंने बताया कि घर पर ब्राह्मण या विद्वानों को भोज करने से पहले पंचबलि निकालने का विधान है. पंचबलि यानी पांच प्रकार के जीवों के लिए भोजन निकालकर अलग करना.

ऐसे होंगे पितृ प्रसन्न: इसमें सबसे पहले गाय के निमित्त भोजन निकालें. इसके बाद कुत्ते, कौवे, देवताओं और चीटियों के निमित्त भोजन निकालें. उन्होंने बताया कि घर पर भोज का आयोजन कर ब्राह्मणों को जिमाने (भोजन कराने) के लिए पितरों की पसंद का भोजन बनाएं. इसके बाद उन्हें यथाशक्ति दान आदि देकर विदा करें. इससे पितृ बहुत प्रसन्न होते हैं.

स्टील के बर्तन में न कराएं भोजन: ब्राह्मणों को भोजन कराने के लिए स्टील के बर्तनों का कभी इस्तेमाल न करें. आप पत्तल (पत्तों से बनी प्लेट), तांबे, पीतल या कांसे के बर्तन में भोजन करा सकते हैं. वहीं पितृ पक्ष में यदि कोई जानवर या पक्षी आ जाए तो उसे भी भोजन कराएं. मान्यता है कि पूर्वज इन्हीं रूप में अपने घर परिवार वालों से मिलने आते हैं.

  • पूर्णिमा तिथि गुरुवार, 28 सितंबर को शाम 6:49 से शुरू होगी.
  • इसका समापन शुक्रवार, 29 सितंबर को दोपहर 3:26 होगा.

पितृपक्ष की तिथियां

  1. पूर्णिमा श्राद्ध- शुक्रवार, 29 सितंबर 2023
  2. प्रतिपदा श्राद्ध- शनिवार, 30 सितंबर 2023
  3. द्वितीया श्राद्ध- रविवार, 1 अक्टूबर 2023
  4. तृतीया श्राद्ध- सोमवार, 2 अक्टूबर 2023
  5. चतुर्थी श्राद्ध- मंगलवार, 3 अक्टूबर 2023
  6. पंचमी श्राद्ध- बुधवार, 4 अक्टूबर 2023
  7. षष्ठी श्राद्ध- गुरुवार, 5 अक्टूबर 2023़
  8. सप्तमी श्राद्ध- शुक्रवार, 6 अक्टूबर 2023
  9. अष्टमी श्राद्ध- शनिवार, 7 अक्टूबर 2023
  10. नवमी श्राद्ध- रविवार, 8 अक्टूबर 2023
  11. दशमी श्राद्ध- सोमवार, 9 अक्टूबर 2023
  12. एकादशी श्राद्ध- मंगलवार, 10 अक्टूबर 2023
  13. द्वादशी श्राद्ध- बुधवार, 11 अक्टूबर 2023
  14. त्रयोदशी श्राद्ध- गुरुवार, 12 अक्टूबर 2023
  15. चतुर्दशी श्राद्ध- शुकवार, 13 अक्टूबर 2023
  16. सर्व पितृ अमावस्या- शनिवार, 14 अक्टूबर 2023

यह भी पढ़ें-World Tourism Day 2023: दिल्ली घूमने की 5 लोकप्रिय जगह, अगर आप राजधानी आते हैं तो इन जगहों पर जरूर जाएं

यह भी पढ़ें-नई दिल्ली नगर पालिका परिषद की बैठक में 13 एजेंडा पास, सीएम केजरीवाल के नहीं पहुंचने पर उपाध्यक्ष का तीखा हमला

ज्योतिषाचार्य शिव कुमार शर्मा

नई दिल्ली: भाद्रपद माह की पूर्णिमा के साथ हर साल पितृ पक्ष की शुरुआत होती है. 16 दिनों तक पितृ पक्ष के दौरान पूर्वजों करने में पिंडदान, तर्पण और श्राद्ध किया जाता है. मान्यता है कि पितृ पक्ष में पूर्वजों के लिए किए जाने वाले कर्मकांड से पूर्वज प्रसन्न होते हैं. यह भी कहा जाता है कि यदि किसी के पूर्वज प्रसन्न नहीं होते तो उसे भगवान के पूजन-अर्चन का पूर्ण फल नहीं मिलता. पितरों के आशीर्वाद से व्यक्ति के जीवन में आ रही अड़चनें दूर होती हैं. इस बार पितृ पक्ष की शुरुआत 29 सितंबर से होगी.

पितरों को अर्पित करें पुष्प: ज्योतिषाचार्य शिव कुमार शर्मा ने बताया कि हमारे पूर्वज मरणोपरांत भी अपनी पीढ़ियों को बारे में सोचते हैं. इसलिए कहा जाता है कि पितृ पक्ष में देवताओं को पुष्प अर्पित करने से पहले पितरों को पुष्प अर्पित करने चाहिए. उन्होंने बताया कि घर पर ब्राह्मण या विद्वानों को भोज करने से पहले पंचबलि निकालने का विधान है. पंचबलि यानी पांच प्रकार के जीवों के लिए भोजन निकालकर अलग करना.

ऐसे होंगे पितृ प्रसन्न: इसमें सबसे पहले गाय के निमित्त भोजन निकालें. इसके बाद कुत्ते, कौवे, देवताओं और चीटियों के निमित्त भोजन निकालें. उन्होंने बताया कि घर पर भोज का आयोजन कर ब्राह्मणों को जिमाने (भोजन कराने) के लिए पितरों की पसंद का भोजन बनाएं. इसके बाद उन्हें यथाशक्ति दान आदि देकर विदा करें. इससे पितृ बहुत प्रसन्न होते हैं.

स्टील के बर्तन में न कराएं भोजन: ब्राह्मणों को भोजन कराने के लिए स्टील के बर्तनों का कभी इस्तेमाल न करें. आप पत्तल (पत्तों से बनी प्लेट), तांबे, पीतल या कांसे के बर्तन में भोजन करा सकते हैं. वहीं पितृ पक्ष में यदि कोई जानवर या पक्षी आ जाए तो उसे भी भोजन कराएं. मान्यता है कि पूर्वज इन्हीं रूप में अपने घर परिवार वालों से मिलने आते हैं.

  • पूर्णिमा तिथि गुरुवार, 28 सितंबर को शाम 6:49 से शुरू होगी.
  • इसका समापन शुक्रवार, 29 सितंबर को दोपहर 3:26 होगा.

पितृपक्ष की तिथियां

  1. पूर्णिमा श्राद्ध- शुक्रवार, 29 सितंबर 2023
  2. प्रतिपदा श्राद्ध- शनिवार, 30 सितंबर 2023
  3. द्वितीया श्राद्ध- रविवार, 1 अक्टूबर 2023
  4. तृतीया श्राद्ध- सोमवार, 2 अक्टूबर 2023
  5. चतुर्थी श्राद्ध- मंगलवार, 3 अक्टूबर 2023
  6. पंचमी श्राद्ध- बुधवार, 4 अक्टूबर 2023
  7. षष्ठी श्राद्ध- गुरुवार, 5 अक्टूबर 2023़
  8. सप्तमी श्राद्ध- शुक्रवार, 6 अक्टूबर 2023
  9. अष्टमी श्राद्ध- शनिवार, 7 अक्टूबर 2023
  10. नवमी श्राद्ध- रविवार, 8 अक्टूबर 2023
  11. दशमी श्राद्ध- सोमवार, 9 अक्टूबर 2023
  12. एकादशी श्राद्ध- मंगलवार, 10 अक्टूबर 2023
  13. द्वादशी श्राद्ध- बुधवार, 11 अक्टूबर 2023
  14. त्रयोदशी श्राद्ध- गुरुवार, 12 अक्टूबर 2023
  15. चतुर्दशी श्राद्ध- शुकवार, 13 अक्टूबर 2023
  16. सर्व पितृ अमावस्या- शनिवार, 14 अक्टूबर 2023

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Last Updated : Sep 28, 2023, 7:41 AM IST
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