नई दिल्ली/गाजियाबाद: भगवान शिव को भोलेनाथ भी कहा जाता है. ऐसा कहा जाता है कि वे बहुत ही भोले हैं और भक्त की श्रद्धा से बड़ी जल्दी प्रसन्न हो जाते हैं. उन्हें प्रसन्न करने के उपायों में से एक है प्रदोष व्रत जो हर माह में दो बार आता है. सितंबर का आखिरी प्रदोष, बुध प्रदोष होगा क्योंकि यह बुधवार, 27 सितंबर को मनाया जाएगा.
ज्योतिषाचार्य शिव कुमार शर्मा ने बताया कि प्रदोष व्रत करने से भगवान शिव बहुत प्रसन्न होते हैं. इस दिन प्रदोष काल में भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा करना बेहद फलदाई बताया गया है. इस व्रत को करने से घर में न केवल सकारात्मक ऊर्जा का स्थाई वास होता है, बल्कि भक्त की कई विपदाएं भी दूर हो जाती हैं.
बुध प्रदोष व्रत का शुभ मुहूर्त-
- बुध प्रदोष तिथि 27 सितंबर को 01:45 (am) से शुरू होकर रात 10:18 बजे समाप्त होगी.
- इस दिन पूजन का शुभ मुहूर्त शाम 06:12 बजे से 08:36 तक रहेगा.
पूजन विधि: प्रदोष के दिन सुबह सूर्य उदय से पहले उठें और स्नान आदि से निवृत होकर साफ सुथरे कपड़े पहने. फिर प्रदोष व्रत का संकल्प लें और घर के मंदिर को साफ करें. इसके बाद भगवान शिव और मां पार्वती की मूर्ति की स्थापना करें और पुष्पा, पंचमेवा, मिष्ठान आदि का भोग लगाएं. ध्यान रखें कि प्रदोष व्रत के दिन मुख्य पूजा प्रदोष काल (शाम) में ही की जाती है. इससे भक्त को पूर्ण फल की प्राप्ति होती है.
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