उनकी हिम्मत नहीं है कि वह अकेले दिल्ली में प्रबुद्ध वोटरों का सामना कर सके. उन्हें कांग्रेस की बैसाखी के बिना अपना भविष्य अंधकार में नजर आ रहा है. केजरीवाल किसी भी कीमत पर कांग्रेस का सहयोग प्राप्त करना चाहते हैं.
दिल्ली में सुप्रीम कोर्ट के निर्णय का सम्मान नहीं करने वाले अरविंद केजरीवाल पुडुचेरी में जाकर प्रजातंत्र की बात कर नौटंकी करते हैं.
'AAP के लिए संघर्ष कर रहे केजरीवाल'
'केजरीवाल प्रजातंत्र के लिए नहीं आम आदमी पार्टी की जीवित रहने के लिए संघर्ष कर रहे हैं. उपराज्यपाल किरण बेदी और नारायणसामी तो मात्र दिखावा है. उपराज्यपाल किरण बेदी ने यदि दुपहिया वाहन चालकों के लिए हेलमेट पहनना अनिवार्य कर दिया तो, उन्होंने कौन-सा असंवैधानिक काम कर दिया. वास्तव में केजरीवाल जैसे लोग गैर-संवैधानिक काम कर रहे हैं. जो जनता के हित के लिए जा रहे हैं निर्णयों का विरोध करते हैं.'
नेता विपक्ष ने कहा, 'केजरीवाल प्रजातंत्र बचाने की आड़ में दिल्ली में आम आदमी पार्टी को बचाने के लिए यह नौटंकी कर रहे हैं. जो व्यक्ति मुख्यमंत्री के पद पर रहते हुए भी सुप्रीम कोर्ट के आदेशों की अवहेलना ही नहीं करता, अपितु उन्हें अलोकतांत्रिक करार देता है. उसको दूसरे राज्यों में प्रजातंत्र की बात करने का कोई अधिकार ही नहीं है.'
'प्रजातंत्र को नहीं अपितु अपनी पार्टी को बचाने के लिए यह प्रपंच रहे हैं. जब केजरीवाल मुख्यमंत्री बने थे तब उन्हें दिल्ली की संवैधानिक स्थिति की जानकारी थी.' नेता विपक्ष ने कहा कि केजरीवाल दिल्ली और दिल्ली के लोगों को भूल चुके हैं. इसी कारण गत 4 वर्षो में दिल्ली का विकास धरातल पर चला गया है.