नई दिल्ली/ ग्रेटर नोएडा: ग्रेनो प्राधिकरण किसानों की आबादी नियमावली लीज बैक के प्रकरणों को सुलझाने की कोशिश में जुटा हुआ है. प्राधिकरण की सीईओ रितु माहेश्वरी के निर्देश पर आबादी विस्थापन नियमावली की समिति ने इस बुधवार को बिसरख गांव के लीज बैक प्रकरणों पर सुनवाई की. लीजबैक के करीब 78 नए-पुराने प्रकरणों पर समिति ने किसानों का पक्ष सुना. वहीं जिन प्रकरणों में साक्ष्य प्राप्त नहीं हुए थे उनमें किसानों को साक्ष्य जमा करने को कहा गया है.
दरअसल, आबादी की लीज बैक के लिए पहले एसीईओ और फिर सीईओ स्तर पर बनी समिति फैसला करती है. आबादी की लीज बैक सिर्फ उन्हीं किसानों के नाम पर हो सकती है जो यहां के मूल निवासी हैं. बीते दिनों किसान प्रतिनिधियों ने सीईओ रितु माहेश्वरी से मुलाकात कर लीज बैक कराने की मांग की थी. सीईओ के निर्देश पर समिति लीजबैक के प्रकरणों पर ग्राम वार सुनवाई कर रही है. ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के एसीईओ आनंद वर्धन के नेतृत्व में समिति ने बिसरख जलालपुर गांव के लीज बैक के प्रकरणों पर सुनवाई की. इसमें ओएसडी हिमांशु वर्मा, ओएसडी रजनीकांत, एसडीएम शरद कुमार पाल, जितेंद्र गौतम सहित अन्य सदस्य शामिल हुए.
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समिति ने लीज बैक के पुराने प्रकरणों के साथ ही नए प्रकरणों पर भी सुनवाई की. किसानों के पक्ष को सुना और उनसे साक्ष्य प्राप्त किए. किसानों को 2011 में वर्तमान की सेटेलाइट इमेज भी दिखाई गई. जिन किसानों के पास साक्ष्य उपलब्ध नहीं थे उनको आवेदन पत्र मूल निवास का साक्षी और अभिलेख के दस्तावेज शीघ्र विभाग में जमा करने को कहा गया है. समिति साक्ष्यों में सुनवाई के आधार पर ही निर्णय लेगी और अपनी रिपोर्ट बनाकर शीघ्र ही सीईओ की अध्यक्षता में बनी समिति के सामने पेश करेगी.
समिति की संस्तुति के आधार पर बोर्ड के अनुमोदन के बाद किसानों को आबादी की लीज बैक की जाएगी. प्राधिकरण के एसीईओ आनंद वर्धन ने कहा कि किसानों की आबादी प्रकरण सुलझाने के लिए समिति ग्रामवार सुनवाई कर रही है. सभी गांवों के मसले एक-एक करके निपटाए जाएंगे. अगली सुनवाई 22 मार्च को होगी जिसमें जैतपुर बेस पुर गांव के किसानों की लीज बैक के मामलों की सुनवाई होगी.