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गाजियाबाद: सावन के पहले सोमवार को प्राचीन दूधेश्वर नाथ मंदिर में उमड़े भक्त, पुलिस कमिश्नर ने लिया सुरक्षा का जायजा

गाजियाबाद के प्राचीन दूधेश्वर नाथ मंदिर में सावन के पहले सोमवार को भक्तों का रेला उमड़ पड़ा. पुलिस कमिश्नर ने मंदिर की सुरक्षा व्यवस्था का जायजा लिया.

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Published : Jul 10, 2023, 10:07 AM IST

Updated : Jul 10, 2023, 1:11 PM IST

गाजियाबाद पुलिस कमिश्नर अजय मिश्रा

नई दिल्ली/गाजियाबाद: सावन के पहले सोमवार को शिव मंदिरों में भक्तों की भारी भीड़ उमड़ रही है. गाजियाबाद के प्राचीन दूधेश्वर नाथ मंदिर में तड़के सुबह से ही भक्तों की कतार लगनी शुरू हो गई है. यहां सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं. आपको बता दें, प्राचीन दूधेश्वर नाथ मंदिर की मान्यता है कि यहां पर भगवान शिव से जो मनोकामना मांगी जाती है भोलेनाथ उसे पूरी करते हैं. रावण ने इस मंदिर में अपना दसवां शीष भगवान भोले को अर्पित किया था.

सावन में विशेष मान्यता

प्राचीन दूधेश्वर नाथ मंदिर जस्सीपुरा मोड़ के पास स्थित है. बताया जाता है कि प्राचीन काल में यहां पर एक टीला हुआ करता था. यहां पर एक गाय आती थी और स्वयं दूध दिया करती थी. बाद में वहां खुदाई की गई तो प्राचीन शिवलिंग प्रकट हुए, तभी से यहां मंदिर की स्थापना हुई और मान्यता बढ़ती चली गई. रावण के पिता ने भगवान दूधेश्वर की पूजा अर्चना इसी दूधेश्वर मंदिर में की थी.

रावण ने भी शिव भक्ति में अपना दसवां शीष भगवान भोलेनाथ के चरणों में इसी मंदिर में अर्पित कर दिया था. प्राचीन दूधेश्वर नाथ मंदिर में मठ भी मौजूद है. देश के 8 प्रसिद्ध मंदिर मठों में से एक मंदिर मठ, दूधेश्वर नाथ मठ है. भक्त यहां दूर-दूर से आते हैं. सावन के दिनों में यहां पर पूजा का विशेष महत्व है. इसी वजह से सावन के पहले सोमवार को यहां भक्तों की भीड़ लगी है. पुलिस कमिश्नर अजय मिश्रा ने भी सुरक्षा के मद्देनजर मंदिर परिसर का जायजा लिया. मंदिर के परिसर से लेकर आसपास चाक-चौबंद सुरक्षा व्यवस्था की गई है.


जलाभिषेक करने लाखों कांवरिये पहुंचेंगे

मंदिर की प्राचीन मान्यता इसकी भव्यता को बढ़ाती है. मंदिर की सजावट का काम चल रहा है. महाशिवरात्रि पर मंदिर में लाखों की संख्या में कांवरिये पहुंचते हैं और भगवान भोलेनाथ का जलाभिषेक करते हैं. शिवरात्रि पर मंदिर में भक्तों का जनसैलाब उमड़ता है. मंदिर परिसर से लेकर बाहर के हिस्से में कई किलोमीटर तक भक्तों की मौजूदगी रहती है. इसके लिए सावन के पहले दिन से तमाम तैयारियां की जा रही है.

मंदिर के महंत श्री नारायण गिरी ने बताया कि इस बार भी लाखों की संख्या में शिवभक्त कांवरिये जल लेकर मंदिर में पहुंचेंगे. मंदिर में विशेष प्रसाद भी तैयार करवाया जाता है, जिसे भक्तों में वितरित किया जाता है.

गाजियाबाद में 30 फ़ीसदी अधिक पुलिस डेप्लॉयमेंट

गाजियाबाद पुलिस कमिश्नर अजय मिश्रा ने बताया कि अगले सोमवार और शिवरात्रि पर श्रद्धालुओं की संख्या काफी ज्यादा बढ़ जाएंगी. इसके लिए चाक-चौबंद सुरक्षा व्यवस्था की जा रही है. इस तरह की बैरिकेड व्यवस्था की जा रही है कि श्रद्धालुओं को सुविधा हो. मंदिर परिसर और पूरे गाजियाबाद में 30 फ़ीसदी अधिक पुलिस डेप्लॉयमेंट किया गया है क्योंकि आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या बढ़ रही है.

पिछले 2 सालों तक कोविड रिस्ट्रिक्शंस की वजह से श्रद्धालुओं की संख्या कम थी, लेकिन इस बार माना जा रहा है कि 50 से 60 फीसदी संख्या बढ़ सकती है. इस बार समय से पहले ही कावड़िये आने शुरू हो गए हैं. गाजियाबाद में कावड़ रूट पर 630 सीसीटीवी कैमरे अब तक ऑपरेशनल हो चुके हैं. शुक्रवार तक इन सीसीटीवी कैमरों की संख्या 1000 तक पहुंच जाएगी. इसके अलावा वॉच टॉवर भी बनाए गए हैं जहां से निगरानी की जा रही है.

ये भी पढ़ें: Sawan Somwar 2023: सावन का पहला सोमवार कल, भूलकर भी ना करें ये 3 गलतियां


गाजियाबाद पुलिस कमिश्नर अजय मिश्रा

नई दिल्ली/गाजियाबाद: सावन के पहले सोमवार को शिव मंदिरों में भक्तों की भारी भीड़ उमड़ रही है. गाजियाबाद के प्राचीन दूधेश्वर नाथ मंदिर में तड़के सुबह से ही भक्तों की कतार लगनी शुरू हो गई है. यहां सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं. आपको बता दें, प्राचीन दूधेश्वर नाथ मंदिर की मान्यता है कि यहां पर भगवान शिव से जो मनोकामना मांगी जाती है भोलेनाथ उसे पूरी करते हैं. रावण ने इस मंदिर में अपना दसवां शीष भगवान भोले को अर्पित किया था.

सावन में विशेष मान्यता

प्राचीन दूधेश्वर नाथ मंदिर जस्सीपुरा मोड़ के पास स्थित है. बताया जाता है कि प्राचीन काल में यहां पर एक टीला हुआ करता था. यहां पर एक गाय आती थी और स्वयं दूध दिया करती थी. बाद में वहां खुदाई की गई तो प्राचीन शिवलिंग प्रकट हुए, तभी से यहां मंदिर की स्थापना हुई और मान्यता बढ़ती चली गई. रावण के पिता ने भगवान दूधेश्वर की पूजा अर्चना इसी दूधेश्वर मंदिर में की थी.

रावण ने भी शिव भक्ति में अपना दसवां शीष भगवान भोलेनाथ के चरणों में इसी मंदिर में अर्पित कर दिया था. प्राचीन दूधेश्वर नाथ मंदिर में मठ भी मौजूद है. देश के 8 प्रसिद्ध मंदिर मठों में से एक मंदिर मठ, दूधेश्वर नाथ मठ है. भक्त यहां दूर-दूर से आते हैं. सावन के दिनों में यहां पर पूजा का विशेष महत्व है. इसी वजह से सावन के पहले सोमवार को यहां भक्तों की भीड़ लगी है. पुलिस कमिश्नर अजय मिश्रा ने भी सुरक्षा के मद्देनजर मंदिर परिसर का जायजा लिया. मंदिर के परिसर से लेकर आसपास चाक-चौबंद सुरक्षा व्यवस्था की गई है.


जलाभिषेक करने लाखों कांवरिये पहुंचेंगे

मंदिर की प्राचीन मान्यता इसकी भव्यता को बढ़ाती है. मंदिर की सजावट का काम चल रहा है. महाशिवरात्रि पर मंदिर में लाखों की संख्या में कांवरिये पहुंचते हैं और भगवान भोलेनाथ का जलाभिषेक करते हैं. शिवरात्रि पर मंदिर में भक्तों का जनसैलाब उमड़ता है. मंदिर परिसर से लेकर बाहर के हिस्से में कई किलोमीटर तक भक्तों की मौजूदगी रहती है. इसके लिए सावन के पहले दिन से तमाम तैयारियां की जा रही है.

मंदिर के महंत श्री नारायण गिरी ने बताया कि इस बार भी लाखों की संख्या में शिवभक्त कांवरिये जल लेकर मंदिर में पहुंचेंगे. मंदिर में विशेष प्रसाद भी तैयार करवाया जाता है, जिसे भक्तों में वितरित किया जाता है.

गाजियाबाद में 30 फ़ीसदी अधिक पुलिस डेप्लॉयमेंट

गाजियाबाद पुलिस कमिश्नर अजय मिश्रा ने बताया कि अगले सोमवार और शिवरात्रि पर श्रद्धालुओं की संख्या काफी ज्यादा बढ़ जाएंगी. इसके लिए चाक-चौबंद सुरक्षा व्यवस्था की जा रही है. इस तरह की बैरिकेड व्यवस्था की जा रही है कि श्रद्धालुओं को सुविधा हो. मंदिर परिसर और पूरे गाजियाबाद में 30 फ़ीसदी अधिक पुलिस डेप्लॉयमेंट किया गया है क्योंकि आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या बढ़ रही है.

पिछले 2 सालों तक कोविड रिस्ट्रिक्शंस की वजह से श्रद्धालुओं की संख्या कम थी, लेकिन इस बार माना जा रहा है कि 50 से 60 फीसदी संख्या बढ़ सकती है. इस बार समय से पहले ही कावड़िये आने शुरू हो गए हैं. गाजियाबाद में कावड़ रूट पर 630 सीसीटीवी कैमरे अब तक ऑपरेशनल हो चुके हैं. शुक्रवार तक इन सीसीटीवी कैमरों की संख्या 1000 तक पहुंच जाएगी. इसके अलावा वॉच टॉवर भी बनाए गए हैं जहां से निगरानी की जा रही है.

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Last Updated : Jul 10, 2023, 1:11 PM IST
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