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Crime in NCR: मालखाने से पूर्व कर्नल की पिस्टल गायब, बीते 11 सालों से पिस्टल के लिए लगा रहे थाने के चक्कर

नोएडा सेक्टर 39 थाना से रिटायर्ड आर्मी कर्नल चरणजीत सिंह की पिस्टल सेक्टर 39 थाना से गायब हो गई थी. बीते 11 सालों से कर्नल अपनी पिस्तौल वापस पाने के लिए चक्कर लगा रहे हैं.

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By ETV Bharat Delhi Team

Published : Oct 26, 2023, 7:22 PM IST

नई दिल्ली/नोएडा: उत्तर प्रदेश के हाइटेक सिटी नोएडा में पुलिस की बड़ी चूक से रिटायर्ड आर्मी कर्नल काफी परेशान है. कर्नल बीते 11 सालों से थाना सेक्टर 39 का चक्कर लगा रहे हैं. कर्नल का आरोप है कि पुलिस थाने से उनका लाइसेंसी असलहा गायब हो गया है और बीते 11 सालों से नहीं मिला है. बीते सालों से पुलिसकर्मी बस उन्हें टहला रहे हैं.

जानें क्या है पूरा मामला: सेक्टर 39 में रहने वाले कर्नल चरणजीत सिंह (रिटायर्ड) ने 2012 के चुनाव में अपनी लाइसेंसी पिस्टल थाना सेक्टर 39 में जमा कराया था. चुनाव के दौरान नियम के अनुसार लाइसेंसी असलहा रखने वाले अपने संबंधित थानों में जमा कर देते हैं, ताकि शांति व्यवस्था बनी रहे या असलहा का किसी द्वारा कोई गलत प्रयोग ना किया जा सके. कर्नल की जमा की हुई गन पुलिस के पास से ही गायब हो गई.

कर्नल ने कुछ समय बाद जब अपनी पिस्टल वापस मांगी तो उनकी पिस्टल थाने में नहीं मिली. उन्होंने बताया कि इस बात की जांच की गई तथा जांच में पाया गया कि तत्कालीन हेड मोहरीर (मालखाना) बाबू खान की लापरवाही के चलते यह पिस्टल गायब हुई है. उन्होंने बताया कि मौजूदा हेड मोहरीर (मालखाना) रविंद्र सिंह की शिकायत पर तत्कालीन मालखाना मोहरीर बाबू खान के खिलाफ धारा 409 के तहत मुकदमा दर्ज कर पुलिस मामले की जांच कर रही है. बाबू खान दीवान से दरोगा होकर मौजूदा समय में सेवानिवृत्ति हैं.

ये भी पढ़ें: Crime In Delhi: डीजे पर फरमाइशी गाना बजाने को लेकर हुआ विवाद, गोली लगने से एक युवक घायल

12 साल से नहीं मिली गन: एसीपी रजनीश वर्मा ने बताया कि यह लगभग 12 साल पुराना मामला है. अभी ढूढ़ने पर पिस्टल मिल नहीं पा रही है, जिसके सम्बन्ध में एक सूचना दर्ज की गई है. पुलिस उसको खोजने का प्रयास कर रही है. घटना की रिपोर्ट दर्ज कर पुलिस मामले की जांच कर रही है. 11 सालों से पीड़ित थाने का चक्कर लगा रहा है, पर उसकी पिस्टल उसे नहीं मिली.

पीड़ित चरणजीत सिंह का कहना है कि जब थाने में ही पिस्टल सुरक्षित नहीं है तो और कहां पर सुरक्षित रहेगी. उन्होंने नोएडा पुलिस पर कई गंभीर आरोप लगाए हैं. उनका कहना है कि वह 11 वर्ष से अपनी पिस्टल के लिए थाना सेक्टर 39 और अधिकारियों के यहां चक्कर काट रहे हैं, लेकिन उन्हें अभी तक उनकी पिस्टल वापस नहीं मिली है. उन्होंने शक जाहिर किया है कि उनकी पिस्टल को पुलिसकर्मियों ने किसी आपराधिक तत्व को बेच दिया है. सहायक पुलिस आयुक्त रजनीश वर्मा ने बताया कि इस मामले में गंभीरता से जांच की जा रही है, उनके अनुसार दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा.

ये भी पढ़ें: Crime In NCR: गाजियाबाद में दहेज के लालच में विवाहिता को पिलाया तेजाब, आरोपी पति फरार

नई दिल्ली/नोएडा: उत्तर प्रदेश के हाइटेक सिटी नोएडा में पुलिस की बड़ी चूक से रिटायर्ड आर्मी कर्नल काफी परेशान है. कर्नल बीते 11 सालों से थाना सेक्टर 39 का चक्कर लगा रहे हैं. कर्नल का आरोप है कि पुलिस थाने से उनका लाइसेंसी असलहा गायब हो गया है और बीते 11 सालों से नहीं मिला है. बीते सालों से पुलिसकर्मी बस उन्हें टहला रहे हैं.

जानें क्या है पूरा मामला: सेक्टर 39 में रहने वाले कर्नल चरणजीत सिंह (रिटायर्ड) ने 2012 के चुनाव में अपनी लाइसेंसी पिस्टल थाना सेक्टर 39 में जमा कराया था. चुनाव के दौरान नियम के अनुसार लाइसेंसी असलहा रखने वाले अपने संबंधित थानों में जमा कर देते हैं, ताकि शांति व्यवस्था बनी रहे या असलहा का किसी द्वारा कोई गलत प्रयोग ना किया जा सके. कर्नल की जमा की हुई गन पुलिस के पास से ही गायब हो गई.

कर्नल ने कुछ समय बाद जब अपनी पिस्टल वापस मांगी तो उनकी पिस्टल थाने में नहीं मिली. उन्होंने बताया कि इस बात की जांच की गई तथा जांच में पाया गया कि तत्कालीन हेड मोहरीर (मालखाना) बाबू खान की लापरवाही के चलते यह पिस्टल गायब हुई है. उन्होंने बताया कि मौजूदा हेड मोहरीर (मालखाना) रविंद्र सिंह की शिकायत पर तत्कालीन मालखाना मोहरीर बाबू खान के खिलाफ धारा 409 के तहत मुकदमा दर्ज कर पुलिस मामले की जांच कर रही है. बाबू खान दीवान से दरोगा होकर मौजूदा समय में सेवानिवृत्ति हैं.

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12 साल से नहीं मिली गन: एसीपी रजनीश वर्मा ने बताया कि यह लगभग 12 साल पुराना मामला है. अभी ढूढ़ने पर पिस्टल मिल नहीं पा रही है, जिसके सम्बन्ध में एक सूचना दर्ज की गई है. पुलिस उसको खोजने का प्रयास कर रही है. घटना की रिपोर्ट दर्ज कर पुलिस मामले की जांच कर रही है. 11 सालों से पीड़ित थाने का चक्कर लगा रहा है, पर उसकी पिस्टल उसे नहीं मिली.

पीड़ित चरणजीत सिंह का कहना है कि जब थाने में ही पिस्टल सुरक्षित नहीं है तो और कहां पर सुरक्षित रहेगी. उन्होंने नोएडा पुलिस पर कई गंभीर आरोप लगाए हैं. उनका कहना है कि वह 11 वर्ष से अपनी पिस्टल के लिए थाना सेक्टर 39 और अधिकारियों के यहां चक्कर काट रहे हैं, लेकिन उन्हें अभी तक उनकी पिस्टल वापस नहीं मिली है. उन्होंने शक जाहिर किया है कि उनकी पिस्टल को पुलिसकर्मियों ने किसी आपराधिक तत्व को बेच दिया है. सहायक पुलिस आयुक्त रजनीश वर्मा ने बताया कि इस मामले में गंभीरता से जांच की जा रही है, उनके अनुसार दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा.

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