नई दिल्ली/ग्रेटर नोएडा: ग्रेटर नोएडा में कूड़े को निस्तारित करने के लिए पहले मैटेरियल रिकवरी फैसिलिटी सेंटर की शुरुआत की गई. दादरी विधायक तेजपाल सिंह नागर और प्राधिकरण के सीईओ रितु माहेश्वरी ने आईपीसीए और एसबीआई की सहभागिता से सेक्टर जू वन में बने मैटेरियल रिकवरी फैसिलिटी (एमआरएफ) सेंटर का शुभारंभ किया. इसके साथ ही ग्रेटर नोएडा के सिटी पार्क स्थित पिंक टॉयलेट समेत कुल 8 शौचालयों का लोकार्पण भी किया गया.
इस मौके पर दादरी विधायक तेजपाल सिंह नागर ने कहा कि किसी भी शहर के लिए कूड़े का उचित प्रबंध बहुत जरूरी है. उन्होंने इस पहल की सराहना करते हुए इसे पूरे शहर में पहुंचाने का आह्वान किया. कहा कि गांव हो या सेक्टर सभी जगह के निवासियों को इसका फायदा मिलना चाहिए. ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण की सीईओ रितु माहेश्वरी ने कहा कि इस एमआरएफ केंद्र से रोजाना 10 टन कूड़े को प्रोसेस किया जाएगा. सेक्टर ओमिक्रोन वन, ओमिक्रोन वन ए, ओमिक्रोन टू और ओमिक्रोन थ्री, बिरोड़ी व ऐच्छर स्थित करीब 14 हजार घरो से कूड़ा एकत्रित कर उसे सेग्रीगेट कर निस्तारित किया जाएगा. उन्होंने कहा कि यह पूरा प्रोसेस इतना बढ़िया होना चाहिए कि निवेशक सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट को देखने के लिए इंदौर न जाएं बल्कि ग्रेटर नोएडा आएं. इस मौके पर प्राधिकरण की सीईओ ने ग्रेटर नोएडा के स्वच्छ अभियान में आरडब्ल्यूए, पदाधिकारियों, निवासियों व ग्रामीणों के जुड़ने का आह्वान किया.
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इस दौरान एसीईओ रजनीकांत, आईपीसीए के निर्देशक आशीष जैन, प्राधिकरण के वरिष्ठ प्रबंधक उत्सव निरंजन, प्रबंधक गौरव बघेल और मनोज चौधरी सहित अन्य अधिकारी मौजूद रहे. रविवार को एक पिंक टॉयलेट समेत 8 टॉयलेट का लोकार्पण भी किया गया. यह टॉयलेट पीपीपी मॉडल पर बनाए गए हैं. प्राधिकरण की सीईओ रितु माहेश्वरी ने बताया कि 12 टॉयलेट पूर्व में बनाई गए थे और 30 टॉयलेट अब बनाए गए हैं। इस तरह अब तक प्राधिकरण के द्वारा 42 टॉयलेट बन चुके हैं इनके अलावा 30 और टॉयलेट बनाने की प्रक्रिया चल रही है।
कूड़े को प्रोसेस कर बनाया जाएगा खाद
ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण की तरफ से रविवार को सेक्टर जू वन में निर्मित इस एमआरएफ केंद्र को पॉल्यूशन कंट्रोल एसोसिएशन और एसबीआई कार्ड की सहभागिता से बनाया गया है. करीब 1.0 7 करोड़ रुपये की लागत से बने इस एमआरएफ केंद्र में रोजाना 10 टन कूड़े को निस्तारित किया जाएगा. सेक्टर ओमिक्रोन वन, ओमिक्रोन वन ए, ओमिक्रोन टू और ओमिक्रोन थ्री, बिरोड़ी व ऐच्छर स्थित करीब 14 हजार घरो से कूड़ा एकत्रित कर उसे सिग्रीगेट कर निस्तारित किया जाएगा। गीले कूड़े को प्रोसेस कर खाद बनाया जाएगा जबकि सूखे कूड़े को रिसाइकल कर बेंच, टेबल, डस्टबिन, गुल्लक और बोर्ड आदि उत्पाद बनाए जाएंगे।
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