नई दिल्ली: स्थायी समिति की बैठक में ईस्ट एमसीडी की कमिश्नर दिलराज कौर ने अपना बजट 2019-2020 पेश किया. बजट में दिलराज कौर ने हाउस टैक्स में 3 प्रतिशत की वृद्धि के प्रस्ताव के अलावा शिक्षा उपकर, सुधार कर और व्यवसायिक कर लगाने की भी सिफारिश की है.
निगम की हालत सुधरी
दिलराज कौर का कहना है कि पूर्वी दिल्ली नगर निगम आर्थिक तंगी से जूझ रहा है. हालात में थोड़े सुधार हुए है. पिछले साल जहां निगम कर्मचारियों को वेतन देने की भी हालत में नहीं था. वहीं अब निगम अपने कर्मचारियों को समय पर वेतन दे पा रहा है.
हाउस टैक्स में की गई बढ़ोतरी
कमिश्नर ने कहा कि टैक्स निगम की मुख्य आय का स्रोत है. इसी वजह से सी, डी और ई कैटेगरी में रेसिडेंशियल कॉलोनी के हाउस टैक्स को 1 प्रतिशत की वृद्धि कर 11 से बढ़ाकर 12 प्रतिशत कर दिया गया है. जबकि एफ, जी, एच केटेगरी की कॉलोनियों के हाउस टैक्स को 7 से 10 प्रतिशत कर दिया गया है.
शिक्षा उपकर का प्रस्ताव
इसके साथ ही शिक्षा उपकर को संपत्ति कर के 5% की दर से लगाने का प्रस्ताव किया गया है. जिससे 10 करोड़ की सालाना आय होने का अनुमान है. इस आय का उपयोग शिक्षा के उन्नयन के लिए किया जाएगा.
संपत्तियों पर सुधार कर लगाने का प्रस्ताव
पूर्वी क्षेत्र में किए गए विकास कार्यों के कारण यहां की संपत्तियों की कीमत में वृद्धि हो रही है. निगम की ओर से क्षेत्रीय संपत्तियों पर सुधार कर लगाने का प्रस्ताव है. जिन संपत्तियों की कीमत में बढ़ोतरी हुई है. ये कर संपत्ति कर का 15 प्रतिशत होगा. इससे नगर निगम को 10 करोड़ की आय होने का अनुमान है.
'निगम की आय बढ़ाने का प्रयास'
इसके अलावा व्यवसायिक कर जो भारत के अन्य शहरों में लागू है. उसे भी नगर निगम में लागू करने का प्रस्ताव किया गया है. जिससे पांच करोड़ रुपये सालाना आय होने का अनुमान है. कमिश्नर ने कहा कि एग्जीक्यूटिव विंग लगातार निगम की आय बढ़ाने के उपाय पर कम कर रहा है. उम्मीद है कि नए कर के प्रस्ताव को पास किया जाएगा.