नई दिल्ली: यूपी से 5 महीने पहले लापता हुई 9 साल की बच्ची को पूर्वी दिल्ली पुलिस की एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट (AHTU) ने परिजनों से मिलाया. डीसीपी दीपक यादव ने बताया कि पूर्वी दिल्ली के एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग की यूनिट की टीम में तैनात एसआई सुरेंद्र पाल, एसआई श्रीपाल एएसआई सुभाष चंद्र और एएसआई योगेंद्र दिल्ली से सटे गाजियाबाद के वसुंधरा सेक्टर-3 स्थित ग्रेस केयर होम में एक गुमशुदा बच्चे के तलाश में गई थी.
ऐसे पुलिस ने बच्ची को ढूंढा
बच्चों से बातचीत के दौरान पता चला कि ग्रेस केयर होम में रहने वाली एक 9 साल की बच्ची यूपी के गाजीपुर जिला अंतर्गत दिलदारनगर के सरीला गांव की रहने वाली हो सकती है. पुलिस की टीम ने बच्ची के परिजनों को ढूंढने का प्रयास शुरू किया. गांव के प्रधान से संपर्क किया गया और बच्ची के बारे में उन्हें जानकारी दी गई. प्रधान ने गांव के लोगों से जानकारी ली तो एक महिला ने अपनी बच्ची के सितंबर 2020 में गायब होने के बारे में बताया. महिला को जब बच्ची की फोटो दिखाई गई तो महिला ने बच्ची को पहचान लिया.
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कानूनी प्रकिया को किया गया पूरा
महिला ने बताया कि वह मजदूरी का काम करती है और सितंबर में उसकी बेटी लापता हो गई थी. उसने बहुत जगह ढूंढा, लेकिन वह नहीं मिली. उसने पुलिस से कोई शिकायत नहीं की थी. डीसीपी दीपक यादव ने बताया कि जांच में पता चला कि महिला की बेटी यूपी के गाजीपुर स्टेशन से ट्रेन पकड़ कर गाजियाबाद आ गए थे. गाजियाबाद स्टेशन पर जीआरपी ने बच्ची को ग्रेस केयर होम में भर्ती करा दिया था. बहरहाल पूरी कानूनी प्रक्रिया पूरी करने के बाद बच्ची को उसके परिजनों को सौंप दिया गया है