नई दिल्लीः गाजियाबाद के राज नगर एक्सटेंशन स्थित गौर कैस्केड्स सोसाइटी में रहने वाली डॉ. (प्रोफेसर) बॉबी यादव को ग्रीन लेडी के नाम से जाना जाता है. दरअसल, ऐसा इसलिए है कि पेशे से हिंदी प्रोफेसर बॉबी यादव को बचपन से ही पर्यावरण से बेहद प्रेम था. 6 वर्ष पहले जब अपने परिवार के साथ तीन कमरों के फ्लैट में शिफ्ट हुए, उन्हें अपने घर की बेहद याद आई. घर में बड़ा आंगन था, जिसमें विभिन्न प्रकार के पेड़ पौधे लगे थे.
गौर कैस्केड्स सोसाइटी में शिफ्ट होने के बाद बॉबी यादव ने अपनी फ्लैट को ही ग्रीन हाउस में तब्दील कर दिया. घर के मुख्य द्वार पर ही कई प्रकार के पौधे दीवार में लटके नजर आ जाएंगे. घर में प्रवेश करते ही तरह-तरह के फूलों की खुशबू आती है. आमतौर पर लोग बालकनी में चंद फूलों के पौधे लगाते हैं. बॉबी यादव को पेड़ पौधों से इतनी मोहब्बत है कि उन्होंने केवल बालकनी ही नहीं बल्कि ड्राइंग रूम, बाथरूम और बेडरूम में भी पौधे लगा रखे हैं.
मान्यवर कांशीराम राजकीय महाविद्यालय में डॉ. बॉबी यादव हिंदी की प्रोफेसर के पद पर तैनात हैं. बॉबी बताती है कि बचपन से ही उनका पेड़, पौधों और प्रकृति से बेहद जुड़ाव रहा है. बचपन में बॉबी यादव अपने घर में पेड़-पौधे लगाया करती थी. जब फ्लैट में शिफ्ट हुई तो बालकनी में चंद्र पौधे लगाए. धीरे-धीरे संख्या बढ़ती गई. फिलहाल 1350 वर्ग फिट के फ्लैट में 100 विभिन्न प्रजातियों के तकरीबन 300 से अधिक पौधे मौजूद है.
बॉबी यादव ने बालकनी में वर्टिकल गार्डन बना रखे हैं. बॉबी बताती है कि वह सात वें फ्लोर पर अमूमन पक्षी नहीं आते हैं, लेकिन उनकी बालकनी में चार से पांच गौरैया आती है. बॉबी ने घर में कई ऐसे पौधे लगा रखे हैं जो प्रदूषण से राहत दिलाते हैं. इसमें एरिका, स्नेक प्लांट, फिलोटेंड्रम आदि शामिल हैं. इतना ही नहीं घर में तुलसी, मिनट, एलोवेरा की भी विभिन्न प्रजातियों के पौधे मौजूद है.