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Dev Deepawali 2022: आज मनाई जाएगी देव दीपावली, 8 नवंबर को गंगा स्नान का महत्व

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Published : Nov 4, 2022, 5:02 AM IST

Updated : Nov 7, 2022, 7:47 AM IST

कार्तिक मास की पूर्णिमा को देव दीपावली मनाई जाती है. इसी दिन भगवान शिव ने त्रिपुरासुर नामक राक्षस का वध किया था और भगवान विष्णु ने मत्स्य अवतार भी लिया था. इसलिए इसे देव दिवाली (Dev Deepawali 2022) कहते हैं. इस दिन पवित्र नदियों में स्नान करने और दीपदान करने का विशेष महत्व होता है, लेकिन इस साल कार्तिक पूर्णिमा को चंद्र ग्रहण लग रहा है. इसलिए देव दीपावली 7 नवंबर को मनाई जा रही है.

Dev Deepawali 2022
Dev Deepawali 2022

नई दिल्लीः कार्तिक मास की पूर्णिमा के दिन भगवान शिव ने त्रिपुरासुर नामक राक्षस का वध किया था और भगवान विष्णु ने मत्स्य अवतार भी लिया था. इसलिए इस दिन देव दीपावली (Dev Deepawali 2022) मनाई जाती है. इस दिन पवित्र नदियों में स्नान करने और दीपदान करने का विशेष महत्व होता है, लेकिन इस साल कार्तिक पूर्णिमा तिथि 7 और 8 नवंबर को पड़ रही है और चूंकि 8 को चंद्रग्रहण लग रहा है, इसलिए देव दीपावली 7 नवंबर को मनाई जा रही है.

शिवशंकर ज्योतिष एवं वास्तु अनुसंधान केंद्र गाजियाबाद के अध्यक्ष आचार्य शिव कुमार शर्मा के मुताबिक कार्तिक शुक्ल पूर्णिमा को गंगा स्नान का पर्व पूरे उत्तर भारत में बहुत महत्व है. इस दिन वाराणसी व अन्य तीर्थ स्थानों में देव दीपावली का आयोजन किया जाता है. भारतीय समय के अनुसार, चंद्रग्रहण 8 नवंबर 2022 को 14:39 बजे से 18:19 बजे तक रहेगा. जो बिहार, बंगाल, ओडिशा, पूर्वोत्तर भारत में खग्रास और शेष भारत में खंडग्रास के रूप में दिखाई देगा.

यह भी पढ़ेंः आप भी जानिए कैसे शुरू हुई काशी में देव दीपावली

शाम को चन्द्रमा उदय के समय पर ग्रस्त होता दिखाई देगा. इस ग्रहण को भारत के अलावा उत्तरी अमेरिका, दक्षिण अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया, एशिया, उत्तरी अटलांटिक सागर, पैसिफिक सागर, पश्चिमी ब्राजील, पाकिस्तान, पूर्वी रूस, अफगानिस्तान, भूटान श्रीलंका, म्यांमार, थाईलैंड, जापान आदि देशों में देखा जा सकेगा. 8 नवंबर को चंद्रग्रहण का सूतक प्रातः 8:29 बजे से आरंभ हो जाएंगे.

सूतकों में बाल, वृद्ध, रोगी को छोड़कर अन्य किसी को भोजन और शयन नहीं करना चाहिए. गर्भवती महिलाओं को धारदार चाकू छुरी से फल सब्जी नहीं काटनी चाहिए. सूई से कपड़ा न सिलें. ईश्वर आराधना करते रहे. यद्यपि उदय कालीन पूर्णिमा 8 नवंबर को है. उस दिन चन्द्रग्रहण भी है. 7 नवंबर को पूर्णिमा शाम 4: 16 बजे आरंभ होगी. इसीलिए देव दीपावली का पर्व 7 नवंबर को मनाया जाएगा.

पवित्र नदी घाटों पर श्रद्धालु लोग अपने पितरों के निमित्त दीपदान करेंगे. इसके साथ-साथ अन्य श्रद्धालु भी दीपदान करके गंगा स्नान करेंगे. कार्तिक पूर्णिमा उत्तर भारत में गंगा स्नान पर्व के रूप में मनायी जाती है. लाखों लोग गंगा में स्नान करते हैं किंतु इस बार प्रातः 8: 29 बजे से ग्रहण का सूतक आरंभ होगा और ग्रहण रात्रि 8:19 बजे समाप्त होगा. इसलिए श्रद्धालु प्रातः 8:30 बजे से पहले स्नान कर सकते हैं. उसके पश्चात शाम को 18:19 बजे के बाद ग्रहण के बाद गंगा स्नान कर पुण्य प्राप्त कर सकते हैं.

चंद्र ग्रहण का राशियों पर प्रभाव: चंद्र ग्रहण 8 नवंबर को दोपहर 2:39 बजे से आरंभ होगा. उस समय मेष राशि और भरणी नक्षत्र पर चंद्रमा का संचरण होगा. चंद्र ग्रहण का राशियों पर प्रभाव इस प्रकार रहेगा. मेष, मिथुन, कर्क, वृश्चिक, धनु, मकर, कुंभ, मीन राशि वालों के लिए चंद्र ग्रहण का फल बहुत शुभ रहेगा. वृषभ और तुला राशियों के लिए चन्द्र का फल मध्यम रहेगा.

नई दिल्लीः कार्तिक मास की पूर्णिमा के दिन भगवान शिव ने त्रिपुरासुर नामक राक्षस का वध किया था और भगवान विष्णु ने मत्स्य अवतार भी लिया था. इसलिए इस दिन देव दीपावली (Dev Deepawali 2022) मनाई जाती है. इस दिन पवित्र नदियों में स्नान करने और दीपदान करने का विशेष महत्व होता है, लेकिन इस साल कार्तिक पूर्णिमा तिथि 7 और 8 नवंबर को पड़ रही है और चूंकि 8 को चंद्रग्रहण लग रहा है, इसलिए देव दीपावली 7 नवंबर को मनाई जा रही है.

शिवशंकर ज्योतिष एवं वास्तु अनुसंधान केंद्र गाजियाबाद के अध्यक्ष आचार्य शिव कुमार शर्मा के मुताबिक कार्तिक शुक्ल पूर्णिमा को गंगा स्नान का पर्व पूरे उत्तर भारत में बहुत महत्व है. इस दिन वाराणसी व अन्य तीर्थ स्थानों में देव दीपावली का आयोजन किया जाता है. भारतीय समय के अनुसार, चंद्रग्रहण 8 नवंबर 2022 को 14:39 बजे से 18:19 बजे तक रहेगा. जो बिहार, बंगाल, ओडिशा, पूर्वोत्तर भारत में खग्रास और शेष भारत में खंडग्रास के रूप में दिखाई देगा.

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शाम को चन्द्रमा उदय के समय पर ग्रस्त होता दिखाई देगा. इस ग्रहण को भारत के अलावा उत्तरी अमेरिका, दक्षिण अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया, एशिया, उत्तरी अटलांटिक सागर, पैसिफिक सागर, पश्चिमी ब्राजील, पाकिस्तान, पूर्वी रूस, अफगानिस्तान, भूटान श्रीलंका, म्यांमार, थाईलैंड, जापान आदि देशों में देखा जा सकेगा. 8 नवंबर को चंद्रग्रहण का सूतक प्रातः 8:29 बजे से आरंभ हो जाएंगे.

सूतकों में बाल, वृद्ध, रोगी को छोड़कर अन्य किसी को भोजन और शयन नहीं करना चाहिए. गर्भवती महिलाओं को धारदार चाकू छुरी से फल सब्जी नहीं काटनी चाहिए. सूई से कपड़ा न सिलें. ईश्वर आराधना करते रहे. यद्यपि उदय कालीन पूर्णिमा 8 नवंबर को है. उस दिन चन्द्रग्रहण भी है. 7 नवंबर को पूर्णिमा शाम 4: 16 बजे आरंभ होगी. इसीलिए देव दीपावली का पर्व 7 नवंबर को मनाया जाएगा.

पवित्र नदी घाटों पर श्रद्धालु लोग अपने पितरों के निमित्त दीपदान करेंगे. इसके साथ-साथ अन्य श्रद्धालु भी दीपदान करके गंगा स्नान करेंगे. कार्तिक पूर्णिमा उत्तर भारत में गंगा स्नान पर्व के रूप में मनायी जाती है. लाखों लोग गंगा में स्नान करते हैं किंतु इस बार प्रातः 8: 29 बजे से ग्रहण का सूतक आरंभ होगा और ग्रहण रात्रि 8:19 बजे समाप्त होगा. इसलिए श्रद्धालु प्रातः 8:30 बजे से पहले स्नान कर सकते हैं. उसके पश्चात शाम को 18:19 बजे के बाद ग्रहण के बाद गंगा स्नान कर पुण्य प्राप्त कर सकते हैं.

चंद्र ग्रहण का राशियों पर प्रभाव: चंद्र ग्रहण 8 नवंबर को दोपहर 2:39 बजे से आरंभ होगा. उस समय मेष राशि और भरणी नक्षत्र पर चंद्रमा का संचरण होगा. चंद्र ग्रहण का राशियों पर प्रभाव इस प्रकार रहेगा. मेष, मिथुन, कर्क, वृश्चिक, धनु, मकर, कुंभ, मीन राशि वालों के लिए चंद्र ग्रहण का फल बहुत शुभ रहेगा. वृषभ और तुला राशियों के लिए चन्द्र का फल मध्यम रहेगा.

Last Updated : Nov 7, 2022, 7:47 AM IST
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